NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
किसानों ने कहा- हम बातचीत को तैयार, 29 दिसंबर की तारीख़ तय  
संयुक्त किसान मोर्चा ने बातचीत की तारीख़ का प्रस्ताव रखते हुए उसका चार सूत्रीय एजेंडा भी तय कर दिया है। इसी के साथ मोर्चा ने दिल्ली और आसपास के लोगों को पहली जनवरी को नया साल मनाने के लिए किसानों के बीच आने का ऩ्योता दिया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
26 Dec 2020
Farmers protest

किसानों ने साफ़ कर दिया है कि वे हमेशा सरकार से बातचीत को तैयार थे, और हैं। लेकिन सरकार ठोस प्रस्ताव न देकर इधर-उधर की बातें करती रही है जिससे बातचीत में गतिरोध बन गया। सिंघु बार्डर पर आज, शनिवार शाम की प्रेस कॉन्फ्रेंस में संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ़ से बातचीत के लिए 29 दिसंबर की तारीख़ का ऐलान कर दिया गया।

मोर्चा की तरफ़ से जारी पत्र को पढ़ते हुए योगेंद्र यादव ने बताया कि 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे बातचीत का प्रस्ताव दिया गया है। इसी के साथ एक चार सूत्रीय एजेंडा भी दिया गया है, जिसपर बातचीत होगी। आंदोलन में शामिल सभी 40 संगठनों से बातचीत के बाद केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल के नाम जारी चिट्ठी के अनुसार किसानों और सरकार के बीच अगली बैठक मंगलवार, 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे होगी। जिसका चार सूत्रीय एजेंडा इस प्रकार है-

1. तीन केंद्रीय कानूनों को निरस्त या रद्द करने के लिए अपनाए जानी वाली क्रिया विधि

2. सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग (स्वामीनाथ आयोग) द्वारा सुझाए लाभदायक एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान

3. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश-2020  में ऐसे संशोधन जो किसानों को दंड प्रावधान से बाहर करने के ज़रूरी हैं और

4. प्रस्तावित बिजली विधेयक में बदलाव

चिट्ठी में ये भी कहा गया कि बातचीत इसी एजेंडा और इसी क्रमानुसार होगी। चिट्ठी में कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव से कहा गया कि आपका 24 दिसंबर का पत्र मिला, लेकिन हमें अफसोस है कि इस चिट्ठी में भी सरकार ने पिछली चिट्ठी के तथ्यों को छुपाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है। हमने हमेशा इन कानूनों को निरस्त करने की मांग की, सरकार ने तोड़मरोड़कर ऐसा पेश किया कि हमने संशोधन की मांग की। इसके अलावा हमने पहली बातचीत से ही एमएसपी का मुद्दा उठाया है, लेकिन आप ऐसा जाहिर कर रहे हैं जैसे ये कोई नयी मांग हो। इसके अलावा सरकार से गलत बयानी न करने और किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार बंद करने की भी मांग की गई।

इसी के साथ आंदोलन की अगली रणनीति का भी ऐलान कर दिया गया। इसके अनुसार देशभर में धरना प्रदर्शन जारी रहेंगे। हरियाणा के साथ पंजाब में भी टोल प्लाजा अब स्थायी रूप से खुले रहेंगे। 27-28 दिसंबर को पूरे बॉर्डर पर धरने में गुरु गोविंद सिंह जी के सहाबज़ादों (बेटों) का शहादत दिवस मनाया जाएगा। इसी के साथ घोषणा की गई कि देश के सेकुलर मूल्यों को बचाने के लिए इसी के साथ नवाब शेर मोहम्मद खां मलेर कोटला, दिवान टोडरमल, मोतीलाल मेहरा और गुरु साहेबान की विरासत को आगे बढ़ाया जाएगा, ताकि इस देश के सभी हिंदू-मुस्लिम, मेहनतकश लोग इकट्ठा होकर इस जाबिर सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ सकें।

इसके अलावा इसी दौरान शहीद उधमसिंह का जन्मदिन भी मनाया जाएगा। 29 दिसंबर को सरकार से मुलाकात होगी। 30 दिसंबर को टैक्टर मार्च- सिंघु से लेकर टिकरी और शाहजहांपुर तक मार्च किया जाएगा। 31 दिसंबर और 1 जनवरी को दिल्ली तथा आसपास के लोगों से दिल्ली बॉर्डर पर आकर आंदोलन में शामिल होकर किसानों के साथ नया साल मनाने का आह्वान किया गया है।

farmers protest
Farm Bills
MSP
All India Kisan Sabha
Agriculture Laws
Narendra modi
Amit Shah
BJP

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • BIRBHUMI
    रबीन्द्र नाथ सिन्हा
    टीएमसी नेताओं ने माना कि रामपुरहाट की घटना ने पार्टी को दाग़दार बना दिया है
    30 Mar 2022
    शायद पहली बार टीएमसी नेताओं ने निजी चर्चा में स्वीकार किया कि बोगटुई की घटना से पार्टी की छवि को झटका लगा है और नरसंहार पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री के लिए बेहद शर्मनाक साबित हो रहा है।
  • Bharat Bandh
    न्यूज़क्लिक टीम
    देशव्यापी हड़ताल: दिल्ली में भी देखने को मिला व्यापक असर
    29 Mar 2022
    केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के द्वारा आवाह्न पर किए गए दो दिवसीय आम हड़ताल के दूसरे दिन 29 मार्च को देश भर में जहां औद्दोगिक क्षेत्रों में मज़दूरों की हड़ताल हुई, वहीं दिल्ली के सरकारी कर्मचारी और…
  • IPTA
    रवि शंकर दुबे
    देशव्यापी हड़ताल को मिला कलाकारों का समर्थन, इप्टा ने दिखाया सरकारी 'मकड़जाल'
    29 Mar 2022
    किसानों और मज़दूरों के संगठनों ने पूरे देश में दो दिवसीय हड़ताल की। जिसका मुद्दा मंगलवार को राज्यसभा में गूंजा। वहीं हड़ताल के समर्थन में कई नाटक मंडलियों ने नुक्कड़ नाटक खेलकर जनता को जागरुक किया।
  • विजय विनीत
    सार्वजनिक संपदा को बचाने के लिए पूर्वांचल में दूसरे दिन भी सड़क पर उतरे श्रमिक और बैंक-बीमा कर्मचारी
    29 Mar 2022
    "मोदी सरकार एलआईसी का बंटाधार करने पर उतारू है। वह इस वित्तीय संस्था को पूंजीपतियों के हवाले करना चाहती है। कारपोरेट घरानों को मुनाफा पहुंचाने के लिए अब एलआईसी में आईपीओ लाया जा रहा है, ताकि आसानी से…
  • एम. के. भद्रकुमार
    अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई
    29 Mar 2022
    इज़रायली विदेश मंत्री याइर लापिड द्वारा दक्षिणी नेगेव के रेगिस्तान में आयोजित अरब राजनयिकों का शिखर सम्मेलन एक ऐतिहासिक परिघटना है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License