NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
वित्त मंत्री अयमन बेनअब्दर्रह्मान अल्जीरिया के नए प्रधानमंत्री
यह घोषणा इस महीने हाल ही में संपन्न विधायी चुनावों के बाद हुई है जिसमें कोई भी पार्टी बहुमत हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाई।
पीपल्स डिस्पैच
01 Jul 2021
वित्त मंत्री अयमन बेनअब्दर्रह्मान अल्जीरिया के नए प्रधानमंत्री

अल्जीरिया के राष्ट्रपति अब्देलमदजीद तेब्बाउने ने बुधवार 30 जून को निवर्तमान सरकार में वित्त मंत्री अयमन बेनाबदर्राहमान को प्रधानमंत्री पद के लिए मनोनीत किया। इस निर्णय की घोषणा 12 जून को विधायी चुनावों के 18 दिन बाद की गई। इन चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिली।

बुधवार को जारी एक बयान में अल्जीरियाई राष्ट्रपति ने घोषणा की कि "अयमन बेनअब्देर्राहमान को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है और जल्द से जल्द सरकार बनाने के लिए राजनीतिक दलों और नागरिक समाज के साथ परामर्श करने का काम सौंपा गया है। एफएलएन जो 1962 में फ्रांस से अल्जीरिया की स्वतंत्रता के बाद से देश में प्रमुख राजनीतिक दल रहा है उसको सरकार बनाने योग्य होने के लिए कम से कम दो अन्य संसदीय राजनीतिक गुटों से समर्थन प्राप्त करना होगा।

इस चुनाव में ऐतिहासिक रूप से कम मतदान अर्थात 23 प्रतिशत हुए और सत्ता-समर्थक नेशनल लिबरेशन फ्रंट (एफएलएन) संसद में सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है। इसने 407 सीटों वाली संसद में बहुमत के लिए आवश्यक 204 में से काफी कम 98 सीटों पर जीत हासिल किया है।

संसद में शेष सीटें सत्ता-समर्थक डेमोक्रेटिक नेशनल रैली पार्टी को 58 सीट, सोसाइटी फॉर पीस को 65 सीट, फ्यूचर पार्टी को 48 सीट, नेशनल बिल्डिंग मूवमेंट को 39 सीट और जस्टिस एंड डेवलपमेंट फ्रंट पार्टी को दो सीटें मिलीं। गौरतलब है कि निर्दलीय उम्मीदवारों ने 84 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की है जो पिछले चुनावों की तुलना में सबसे बड़ा अंतर है, जिनमें से अधिकांश पर धांधली और धोखाधड़ी के आरोप लगे थे।

बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी हिरक आंदोलन और चुनावों का बहिष्कार करने के आह्वान के बीच ये चुनाव हुए। इस आह्वान को सामान्य अल्जीरियाई से भारी समर्थन मिला जिसके चलते जिसने कम मतदान हुए। पहले के हफ्तों और महीनों में भी सरकार ने हिरक आंदोलन के सैकड़ों सदस्यों, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, नेताओं और अन्य नागरिक समाज के लोगों का उत्पीड़न करते हुए कार्रवाई की जिसमें हजारों गैरकानूनी और मनमानी गिरफ्तारियों का अभियान भी शामिल था। सरकार साफ तौर पर बढ़ते समर्थन और लामबंदी से डर रही थी कि साल 2019 में अब्देलअज़ीज़ बुउटेफ्लिका के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान पहली बार शुरू हुआ ये आंदोलन तेज हो सकता था। लगभग 20 वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद बुउटेफ्लिका को बाद में पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा और उनकी तानाशाही दमनकारी सरकार उखड़ गई।

Algeria
Ayman Benabdarrahman

Related Stories

प्रसिद्ध अल्जीरियाई पत्रकार मोहम्मद मौलौद्ज को आतंकवाद के आरोप में हिरासत में लिया गया

अल्जीरिया में 100 से अधिक हिरक प्रदर्शनकारी रिहा

अल्जीरियाई स्वतंत्रता दिवस पर जेल में बंद हिरक आंदोलन के 18 कार्यकर्ता रिहा

अल्जीरियाई वामपंथी पार्टी के नेता फेथी घारेस फ़र्ज़ी आरोपों में गिरफ़्तार

अल्जीरियाई पुलिस ने प्रमुख मानवाधिकार और अत्याचार-विरोधी कार्यकर्ता फ़ातिहा ब्रिकी को हिरासत में लिया

सत्ता-समर्थक दल अल्जीरियाई चुनावों में आगे

यूएन ने अल्जीरिया से हिरक प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ मानवाधिकारों के हनन को रोकने का आह्वान किया

अल्जीरिया के हिरक आंदोलन ने प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फ़ैसले की निंदा की

अल्जीरिया : हिरक आंदोलन के नेता संदिग्ध आरोपों में गिरफ़्तार

सीमा क्षेत्र को बंद करने के अल्जीरिया के फ़ैसले के ख़िलाफ़ मोरक्को के किसानों का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • aaj ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    धर्म के नाम पर काशी-मथुरा का शुद्ध सियासी-प्रपंच और कानून का कोण
    19 May 2022
    ज्ञानवापी विवाद के बाद मथुरा को भी गरमाने की कोशिश शुरू हो गयी है. क्या यह धर्म भावना है? क्या यह धार्मिक मांग है या शुद्ध राजनीतिक अभियान है? सन् 1991 के धर्मस्थल विशेष प्रोविजन कानून के रहते क्या…
  • hemant soren
    अनिल अंशुमन
    झारखंड: भाजपा काल में हुए भवन निर्माण घोटालों की ‘न्यायिक जांच’ कराएगी हेमंत सोरेन सरकार
    18 May 2022
    एक ओर, राज्यपाल द्वारा हेमंत सोरेन सरकार के कई अहम फैसलों पर मुहर नहीं लगाई गई है, वहीं दूसरी ओर, हेमंत सोरेन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार-घोटाला मामलों की न्यायिक जांच के आदेश…
  • सोनिया यादव
    असम में बाढ़ का कहर जारी, नियति बनती आपदा की क्या है वजह?
    18 May 2022
    असम में हर साल बाढ़ के कारण भारी तबाही होती है। प्रशासन बाढ़ की रोकथाम के लिए मौजूद सरकारी योजनाओं को समय पर लागू तक नहीं कर पाता, जिससे आम जन को ख़ासी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है।
  • mundka
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुंडका अग्निकांड : क्या मज़दूरों की जान की कोई क़ीमत नहीं?
    18 May 2022
    मुंडका, अनाज मंडी, करोल बाग़ और दिल्ली के तमाम इलाकों में बनी ग़ैरकानूनी फ़ैक्टरियों में काम कर रहे मज़दूर एक दिन अचानक लगी आग का शिकार हो जाते हैं और उनकी जान चली जाती है। न्यूज़क्लिक के इस वीडियो में…
  • inflation
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब 'ज्ञानवापी' पर हो चर्चा, तब महंगाई की किसको परवाह?
    18 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकार के पास महंगाई रोकने का कोई ज़रिया नहीं है जो देश को धार्मिक बटवारे की तरफ धकेला जा रहा है?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License