NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
यूपी में विशेष सुरक्षा बल का गठन, बिना वारंट तलाशी और गिरफ़्तारी का अधिकार
उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल राज्य में उच्च न्यायालय, जिला न्यायालयों, प्रशासनिक कार्यालय, तीर्थस्थल, मेट्रो रेल, हवाई अड्डा, औद्योगिक संस्थान आदि की सुरक्षा करेगा।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
14 Sep 2020
Yogi Adityanath

नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर हो रहे प्रदर्शन के दौरान लोगों के घरों में घुसकर मारपीट करने और उन्हें गिरफ़्तार करने के आरोपों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल की अधिसूचना को मंजूरी दे दी है। औद्योगिक प्रतिष्ठान, प्रमुख स्थल, एयरपोर्ट, मेट्रो, कोर्ट समेत अन्य स्थानों की सुरक्षा के लिए गठित होने वाले उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल के पास बिना वारंट तलाशी लेने और गिरफ्तारी करने का अधिकार होगा।

उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स के नाम से गठित इस नई फोर्स का नेतृत्व एडीजी स्तर का अधिकारी करेगा। सरकार ने विशेष सुरक्षा बल के सिलसिले में तीन दिन के अंदर कार्य योजना तैयार करने और पदों के प्रस्ताव सात दिन के अंदर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

वहीं, दूसरी तरफ सरकार के इस फैसले के आलोचक इस बल को मिले असीमित अधिकार को अलोकतांत्रिक बता रहे हैं। उनका कहना है कि बिना न्यायपालिका के हस्तक्षेप के यह बल निरंकुश हो जाएगा। सरकार भी इसका इस्तेमाल अपने विरोधियों को दबाने के लिए कर सकती है।

इसके अलावा विशेष सुरक्षा बल को मिले अधिकार अफस्पा की याद दिला रहे हैं। आपको बता दें कि सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून यानी अफस्पा के तहत भी सशस्त्र बलों को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार करने और बिना किसी वारंट के किसी भी घर की तलाशी ले सकने का अधिकार दिया गया है। मानवाधिकारों के उल्लंघन, फर्जी एनकाउंटर आदि को लेकर अफस्पा हमेशा आलोचनाओं में रहता है।

क्या करेगा विशेष सुरक्षा बल?

उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने रविवार को बताया यह बल उच्च न्यायालय, जिला न्यायालयों, प्रशासनिक कार्यालयों एवं परिसरों तथा तीर्थ स्थलों, मेट्रो रेल, हवाई अड्डा, बैंक तथा अन्य वित्तीय, शैक्षणिक एवं औद्योगिक संस्थानों की सुरक्षा का जिम्मा संभालेगा। इसमें 9,919 कर्मचारी काम करेंगे। पहले चरण में पांच बटालियन का गठन किया जाना है। इन बटालियन के लिए 1,913 नए पद सृजित किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि विशेष सुरक्षा बल के गठन के सिलसिले में तीन दिन के अंदर कार्ययोजना मुहैया कराने, इस बल के संचालन के लिए पदों के प्रस्ताव सात दिन के अंदर उपलब्ध कराने और तीन माह के अंदर इस बल के प्रथम चरण को शुरू करने के सुझाव दिए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं।

अवस्थी ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस प्रकार 05 बटालियन के गठन पर कुल व्यय भार 1747.06 करोड़ अनुमानित है जिसमें वेतन भत्ते व अन्य व्यवस्थाएं भी सम्मिलित हैं। विशेष सुरक्षा बल के जवान की स्पेशल ट्रेनिंग कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि इनके प्रथम चरण में पीएसी का सहयोग लेकर कुछ इन्फ्रास्ट्रक्चर शेयर करके इसको आगे ले जाया जाएगा।

उन्होंने बताया यूपी विशेष सुरक्षा बल किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकेगा जो उसे प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के दौरान कर्तव्यों का पालन करने से रोकता है, वहां हमला करने, हमला करने की धमकी देने, आपराधिक बल का प्रयोग करने की कोशिश करता है। इसके लिए बल के सदस्यों को किसी मजिस्ट्रेट के वारंट की जरूरत नहीं होगी।

यूपी-एसएसएफ के जवान संदेह के आधार पर बिना वारंट के भी किसी की तलाशी ले सकेंगे। गिरफ्तारी के बाद वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी देनी होगी और गिरफ्तार व्यक्ति को संबंधित थाने के हवाले करना होगा। बल के सदस्य हमेशा ड्यूटी पर माने जाएंगे और प्रदेश के अंदर किसी स्थान पर किसी भी समय तैनाती किए जाने के योग्य होंगे।

फ़ैसले पर उठ रहे सवाल

सरकार के हालिया कदम को लेकर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं। कई आलोचकों का कहना है कि तलाशी लेने और गिरफ्तार करने के अधिकार का दुरुपयोग किया जा सकता है।

गौरतलब है कि हाल ही में नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर हो रहे प्रदर्शन के दौरान लोगों के घरों में घुसकर मारपीट करने और गिरफ़्तार करने के आरोप भी उत्तर प्रदेश पुलिस पर लगे थे। इसके पहले भी उत्तर प्रदेश सरकार पर फर्जी एनकाउंटर के आरोप लगे थे।

सरकार की ओर से इन आलोचनाओं पर फिलहाल कोई औपचारिक जवाब नहीं दिया गया है। हालांकि, सूत्रों ने रेखांकित किया है कि उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स के पास सीआईएसएफ जैसी ही शक्तियां होंगी। केंद्रीय बल सीआईएसएफ महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करता है।

समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ 

UttarPradesh
yogi sarkar
Yogi Adityanath
Special Security Force
NRC CAA protest
BJP

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License