NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
किसान आंदोलन का 14वां दिन : सरकार ने किसानों को लिखित प्रस्ताव भेजा
केंद्र सरकार ने किसानों को पहली बार अपनी ओर से लिखित प्रस्ताव भेजा है। इस पर विचार के बाद किसान आगे की रणनीति तय करेंगे। इससे पहले भारत बंद की सफलता को देखते हुए कल रात आनन-फानन में सरकार में नंबर-2 यानी गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई बैठक भी बेनतीजा रही।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
09 Dec 2020
kisan

नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने कैबिनेट बैठक के बाद किसानों को मनाने के लिए पहली बार अपनी ओर से लिखित प्रस्ताव भेजा है। बताया जा रहा है कि इसमें एपीएमसी मंडी और एमएसपी को लेकर आश्वासन दिए गए हैं। अब किसान बैठक कर आगे की रणनीति तय कर रहे हैं। इससे पहले भारत बंद की सफलता को देखते हुए कल रात आनन-फानन में सरकार में नंबर-2 यानी गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई बैठक भी बेनतीजा रही।  

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार रात आनन-फानन में बैठक बुलाई। पहले ये शाम सात बजे तय हुई। स्थान दिया गया अमित शाह का घर। फिर आठ बजे आईसीएआर गेस्ट हाउस में यह बैठक हुई और करीब दो घंटे से ज़्यादा चली। इस बैठक में किसान  संगठनों के 13 प्रतिनिधि शामिल हुए, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। दरअसल बैठक में कोई नया प्रस्ताव सरकार के पास नहीं था और गृहमंत्री ने भी बार-बार कुछ संशोधनों की बात दोहराई, लेकिन किसानों ने नए कृषि कानूनों में संशोधन की सरकार की मांग को खारिज कर दिया। किसानों का कहना है कि वे कानूनों को वापस लिए जाने से कम पर नहीं मानेंगे।

किसान नेता हन्नान मोल्ला ने बताया कि अब सरकार ने अपने लिखित प्रस्ताव किसानों को देने की बात कही है, इसे देखते हुए आज, बुधवार को पहले से प्रस्तावित समझौता बैठक स्थगित कर दी गई है। सरकार के प्रस्ताव पर किसान बैठकर बातचीत करेंगे।  

इसके अलावा आज शाम राहुल गांधी, शरद पवार, सीताराम येचुरी और डी राजा समेत विपक्ष के प्रमुख नेता राष्ट्रपति से मुलाकात कर रहे हैं।

इस बीच कल दिन भर का भारत बंद काफी सफल रहा और बीजेपी शासित राज्यों में भी इसका असर देखने को मिला। आज किसान आंदोलन का 14वां दिन है। इस दौरान आंदोलनकारी किसान सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर जमे हुए हैं और प्रदर्शन जारी है।

दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्विटर के माध्यम से लोगों को टिकरी, झाड़ोदा, ढांसा बार्डरों पर हर तरह का यातायात बंद होने की जानकारी दी। हालांकि झटीकरा बॉर्डर केवल दोपहिया वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए खुला है।

पुलिस ने कहा कि हरियाणा जाने वाले लोग दौराला, कापसहेड़ा, बड़ूसराय, राजोकरी राष्ट्रीय राजमार्ग-8, बिजवासन/बजघेड़ा, पालम विहार और डुंडाहेड़ा सीमाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।

दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी, मंगेश बार्डर बंद हैं। एनएच-44 दोनों तरफ से बंद है। लामपुर, साफियाबाद, सबोली, एनएच-8/भोपरा/अप्सरा बॉर्डर/ पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से वैकल्पिक रास्ता लिया जा सकता है।’’

उसने यह भी कहा कि मुकरबा और जीटीके रोड से रास्ते बदल दिये गये हैं और लोगों को बाहरी रिंग रोड, जीटीके रोड तथा एनएच-44 की ओर जाने से बचना चाहिए।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

kisan andolan
farmers protest
Agricultural laws
Agricultural Law Reforms
anti farmer
Narendra modi
BJP Govt

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

सार्वजनिक संपदा को बचाने के लिए पूर्वांचल में दूसरे दिन भी सड़क पर उतरे श्रमिक और बैंक-बीमा कर्मचारी

झारखंड: केंद्र सरकार की मज़दूर-विरोधी नीतियों और निजीकरण के ख़िलाफ़ मज़दूर-कर्मचारी सड़कों पर उतरे!

दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को मिला व्यापक जनसमर्थन, मज़दूरों के साथ किसान-छात्र-महिलाओं ने भी किया प्रदर्शन

देशव्यापी हड़ताल का दूसरा दिन, जगह-जगह धरना-प्रदर्शन

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान


बाकी खबरें

  • बी. सिवरामन
    खाद्य मुद्रास्फीति संकट को और बढ़ाएगा रूस-यूक्रेन युद्ध
    04 Apr 2022
    सिर्फ़ भारत में ही नहीं, खाद्य मुद्रास्फीति अब वैश्विक मुद्दा है। यह बीजिंग रिव्यू के ताजा अंक की कवर स्टोरी है। संयोग से वह कुछ दिन पहले न्यूयॉर्क टाइम्स की भी एक प्रमुख कहानी बन गई।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: सांप्रदायिकता का विकास क्या विकास नहीं है!
    04 Apr 2022
    वो नेहरू-गांधियों वाला पुराना इंडिया था, जिसमें सांप्रदायिकता को तरक्की का और खासतौर पर आधुनिक उद्योग-धंधों की तरक्की का, दुश्मन माना जाता था। पर अब और नहीं। नये इंडिया में ऐसे अंधविश्वास नहीं चलते।
  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों के सामने ही ख़ाक हो गई उनकी मेहनत, उनकी फसलें, प्रशासन से नहीं मिल पाई पर्याप्त मदद
    04 Apr 2022
    "हमारी ज़िंदगी ही खेती है। जब खेती बर्बाद होती है तो हमारी समूची ज़िंदगी तबाह हो जाती है। सिर्फ़ एक ज़िंदगी नहीं, समूचा परिवार तबाह हो जाता है। पक चुकी गेहूं की फसल की मडाई की तैयारी चल रही थी। आग लगी…
  • भाषा
    इमरान खान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने पर सुनवाई करेगा उच्चतम न्यायालय
    04 Apr 2022
    पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने देश के प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश पर नेशनल असेंबली (एनए) को भंग कर दिया है। इससे कुछ ही देर पहले नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने प्रधानमंत्री के…
  • शिरीष खरे
    कोविड-19 टीकाकरण : एक साल बाद भी भ्रांतियां और भय क्यों?
    04 Apr 2022
    महाराष्ट्र के पिलखाना जैसे गांवों में टीकाकरण के तहत 'हर-घर दस्तक' के बावजूद गिने-चुने लोगों ने ही कोविड का टीका लगवाया। सवाल है कि कोविड रोधी टीकाकरण अभियान के एक साल बाद भी यह स्थिति क्यों?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License