NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
फ़्रांस : पुलिस को अधिक अधिकार देने वाले बिल के ख़िलाफ़ भारी विरोध जारी
इमैनुएल मैक्रोन की सरकार ने फ़्रांस की संसद में ग्लोबल सिक्योरिटी बिल पेश किया है जो अन्य चीजों के अलावा पुलिस की सर्विलांस की शक्तियों के विस्तार को प्रस्तावित करता है।
पीपल्स डिस्पैच
23 Nov 2020
फ़्रांस

फ्रांस की संसद में इमैनुएल मैक्रोन सरकार द्वारा विवादास्पद 'ग्लोबल सिक्योरिटी' बिल पेश करने के ख़िलाफ़ पेरिस के ट्रोकाडेरो में ह्युमन राइट्स स्क्वायर पर हज़ारों लोगों ने 21 नवंबर को विरोध प्रदर्शन किया। ये बिल स्थानीय पुलिस को अधिक स्वायत्तता देता है,सर्विलांस ड्रोन के इस्तेमाल का विस्तार करता है और तस्वीरों के प्रसार को अवैध बनाता है जिसमें पुलिस अधिकारी या सशस्त्र पुलिस अधिकारियों को पहचाने जा सकते हैं। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि ये बिल देश में प्रेस की आज़ादी के लिए बड़ा ख़तरा है। इस बिल पर 24 नवंबर को पहले वाचन में मतदान किया जाएगा।

जब पहली बार नेशनल एसेंबली ने इस बिल पर चर्चा शुरू की तो विरोध प्रदर्शन पूरे फ्रांस में शुरू हो गए। येलो वेस्ट प्रदर्शन की शुरुआत से देश में विरोध प्रदर्शन के ख़िलाफ़ फ्रांस पहले से ही दमनकारी उपायों को प्रारंभ कर दिया है। देश में पत्रकारों और प्रगतिशील तबकों को डर है कि इस नए क़ानून से सत्ता के दुरुपयोग के ख़िलाफ़ जांच प्रभावित होगा। नए विधेयक के अनुच्छेद 24 के विवरण के तहत जब तक किसी अधिकारी के चेहरे को धुंधला नहीं किया जाता ऐसे में इन तस्वीरों को साझा करना अपराध माना जाएगा और 45,000 यूरो (53,354 अमरीकी डॉलर) तक का जुर्माना या एक साल तक जेल की सजा हो सकती है। अनुच्छेद 21 पैट्रोलिंग यूनिट द्वारा पोर्टेबल कैमरों के उपयोग को बढ़ाने और उचित समय पर कमांड सेंटर में वीडियो स्ट्रीम के प्रसारण को अधिकृत करने की चर्चा करता है। इस बिल का अनुच्छेद 22 प्रदर्शनों के दौरान सर्विलांस ड्रोन के उपयोग को वैध बनाने का मार्ग प्रशस्त करता है।

मिनिस्टर ऑफ द इंटेरियर जेराल्ड डरमेनिन ने उचित ठहराते हुए कहा है कि यह बिल "हमारी रक्षा करने वाले"की रक्षा के लिए आवश्यक है। हालांकि, फ्रेंच कम्युनिस्ट पार्टी (पीसीएफ) और ला फ्रांस इंसोउमाइज (एलएफआई) के प्रतिनिधियों ने इस बिल के ख़िलाफ़कड़ी आपत्ति जताई है।

फ्रेंच कम्युनिस्ट पार्टी (पीसीएफ) ने अनुच्छेद 24 को वापस लेने का आह्वान किया है और कहा है कि इससे सीधे तौर पर पुलिस की हिंसा के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए सूचना एवं संचार की स्वतंत्रता को ख़तरा है। पीसीएफ ने इस बिल के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों के साथ एकजुटता दिखाई है।

France
Emmanuel Macron
Global security bill
France Protest

Related Stories

माली से फ़्रांसीसी सैनिकों की वापसी साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ ऐतिहासिक जीत है

फ्रांस में स्वास्थ्य कर्मी सड़कों पर उतरे, सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को बचाने की मांग


बाकी खबरें

  • srilanka
    न्यूज़क्लिक टीम
    श्रीलंका: निर्णायक मोड़ पर पहुंचा बर्बादी और तानाशाही से निजात पाने का संघर्ष
    10 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने श्रीलंका में तानाशाह राजपक्षे सरकार के ख़िलाफ़ चल रहे आंदोलन पर बात की श्रीलंका के मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. शिवाप्रगासम और न्यूज़क्लिक के प्रधान…
  • सत्यम् तिवारी
    रुड़की : दंगा पीड़ित मुस्लिम परिवार ने घर के बाहर लिखा 'यह मकान बिकाऊ है', पुलिस-प्रशासन ने मिटाया
    10 May 2022
    गाँव के बाहरी हिस्से में रहने वाले इसी मुस्लिम परिवार के घर हनुमान जयंती पर भड़की हिंसा में आगज़नी हुई थी। परिवार का कहना है कि हिन्दू पक्ष के लोग घर से सामने से निकलते हुए 'जय श्री राम' के नारे लगाते…
  • असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी
    10 May 2022
    एक निजी वेब पोर्टल पर काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर की गई एक टिप्पणी के विरोध में एबीवीपी ने मंगलवार को प्रोफ़ेसर रविकांत के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया। उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में घेर लिया और…
  • अजय कुमार
    मज़बूत नेता के राज में डॉलर के मुक़ाबले रुपया अब तक के इतिहास में सबसे कमज़ोर
    10 May 2022
    साल 2013 में डॉलर के मुक़ाबले रूपये गिरकर 68 रूपये प्रति डॉलर हो गया था। भाजपा की तरफ से बयान आया कि डॉलर के मुक़ाबले रुपया तभी मज़बूत होगा जब देश में मज़बूत नेता आएगा।
  • अनीस ज़रगर
    श्रीनगर के बाहरी इलाक़ों में शराब की दुकान खुलने का व्यापक विरोध
    10 May 2022
    राजनीतिक पार्टियों ने इस क़दम को “पर्यटन की आड़ में" और "नुकसान पहुँचाने वाला" क़दम बताया है। इसे बंद करने की मांग की जा रही है क्योंकि दुकान ऐसे इलाक़े में जहाँ पर्यटन की कोई जगह नहीं है बल्कि एक स्कूल…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License