NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
पेरू के राष्ट्रपति पद चुनावों में दूसरे दौर के प्रारंभिक परिणाम में फुजीमोरी को कैस्टिलो पर मामूली बढ़त
80.701% मतों की गिनती हुई है। प्रारंभिक परिणामों के अनुसार के साथ अतिदक्षिणपंथी उम्मीदवार कीको फुजीमोरी ने 51.523% मत प्राप्त किए हैं जबकि वामपंथी उम्मीदवार पेड्रो कैस्टिलो ने 48.477% मत प्राप्त किए हैं।
पीपल्स डिस्पैच
07 Jun 2021
पेरू के राष्ट्रपति पद चुनावों में दूसरे दौर के प्रारंभिक परिणाम में फुजीमोरी को कैस्टिलो पर मामूली बढ़त

6 जून को पेरू में हुए राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे दौर के प्रारंभिक परिणामों के अनुसार अतिदक्षिणपंथी पॉपुलर फोर्स पार्टी के कीको फुजीमोरी वामपंथी फ्री पेरू पार्टी के पेड्रो कैस्टिलो से मामूली अंतर से आगे चल रहे हैं। 80.701% मतों की गिनती के साथ फुजीमोरी को 51.523% मत मिले हैं जबकि कैस्टिलो को 48.477% मत मिले हैं।

नेशनल ऑफिस ऑफ इलेक्टोरल प्रोसेस (ओएनपीई) के अध्यक्ष पिएरो कॉर्वेटो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव परिणामों का पहला सेट पेश करते हुए कहा कि ये परिणाम शहरी मतदान केंद्रों से हैं और "ग्रामीण क्षेत्र और बाहर के वोटों की गिनती अभी बाकी है।”

इस बीच, इप्सोस पोलस्टर द्वारा क्विक काउंट ने फुजीमोरी और कैस्टिलो के बीच तकनीकी बराबरी को दिखाया है लेकिन कैस्टिलो को बढ़त है। क्विक काउंट के अनुसार कैस्टिलो को 50.2% वोट मिले, जबकि फुजीमोरी को 49.8% वोट मिले।

इप्सोस के पिछले सर्वेक्षण ने भविष्यवाणी की थी कि कैस्टिलो देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर जीत हासिल करेंगे, जबकि फुजीमोरी लीमा के महानगरीय क्षेत्र में बहुमत हासिल करेंगे जहां लगभग एक तिहाई आबादी रहती है।

25 मिलियन से अधिक पेरूवासी 2021-2026 की अवधि के लिए वोट देने और अपने अगले राष्ट्रपति और दो उपराष्ट्रपति का चुनाव करने के पात्र थे। ओएनपीई के अनुसार लगभग 78% आबादी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। राज्य के नए प्रमुख और उपराष्ट्रपति जुलाई को पदभार ग्रहण करेंगे।

Peru
Presidential Election
National Office of Electoral Process

Related Stories

लैटिन अमेरिकी मूवमेंट ने पेरू में तख़्तापलट की चेतावनी दी

पेरू और सेंट लूसिया ने वेनेज़ुएला-विरोधी लीमा समूह से हटने की घोषणा की

पेरू में वामपंथी उम्मीदवार कैस्टिलो ने राष्ट्रपति चुनाव जीता, फुजीमोरी ने हार मानी

पेरूः कैस्टिलो ने राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता, फुजीमोरी का मानने से इनकार

पेरूः राष्ट्रपति पद की मतगणना में कैस्टिलो को बढ़त मिलने पर फुजीमोरी का धोखाधड़ी का आरोप

बशर अल-असद ने 95% से ज़्यादा वोट से जीता सीरिया का राष्ट्रपति चुनाव

दुनिया भर की: अमेरिकी महाद्वीप में समाजवादी व्यवस्थाओं का इम्तिहान

लेफ़्ट उम्मीदवार पेड्रो कास्टिलो ने पेरू में राष्ट्रपति चुनाव के पहले दौर में जीत दर्ज की

दक्षिणपंथी गुइलर्मो लास्सो ने इक्वाडोर के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता

सेनेगल : राजनीतिक तनाव के बाद विपक्ष के विधायक ज़मानत पर रिहा


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License