NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
नज़रिया
भारत
राजनीति
गोवा चुनावः क्या तृणमूल के लिये धर्मनिरपेक्षता मात्र एक दिखावा है?
ममता बनर्जी धार्मिक उन्माद के खिलाफ भाजपा और नरेंद्र मोदी को घेरती रही हैं। लेकिन गोवा में महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के साथ गठबंधन करती हैं। जिससे उनकी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
राज कुमार
05 Jan 2022
TMC
तृणमूल और महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के गठबंधन पर सवाल उठ रहे हैं

क्या तृणमूल कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता मात्र एक दिखावा है? गोवा में महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के साथ तृणमूल कांग्रेस का गठबंधन ये गंभीर सवाल उठा रहा है। तृणमूल कांग्रेस खुद को एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी कहती है। ममता बनर्जी धार्मिक उन्माद के खिलाफ भाजपा और नरेंद्र मोदी को घेरती रही हैं। लेकिन गोवा में महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के साथ गठबंधन करती हैं। ये सवाल तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा से भी है। जो संसद में फासीवाद के खिलाफ स्पीच देकर स्टार बन जाती हैं। लेकिन एमजीपी के साथ गठबंधन पर मौन हैं या कहना चाहिये वो खुद इस निर्णय में शामिल हैं। महुआ मोइत्रा ही गोवा की प्रभारी हैं।

आखिर तृणमूल कांग्रेस के एमजीपी के साथ गठबंधन पर ये सवाल क्यों ज़रूरी हो जाता है? ये इसलिये ज़रूरी है कि एमजीपी कई मामलों में हिंदुत्ववादी राजनीति में भाजपा से भी आगे है। नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पनसरे, कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्या में जिस सनातन संस्था और हिंदू जनजागृति समिति का नाम आरोपों के बीच रहा है, महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी अध्यक्ष दीपक धावलिकर ने उस सनातन संस्था का खुलकर समर्थन किया है। आखिर तृणमूल और एमजीपी के गठबंधन के क्या मायने हैं? इसे समझने के लिए हमें सनातन संस्था और एमजीपी के संबंधों को समझना होगा।

महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी, सनातन संस्था और तृणमूल कांग्रेस

कहना चाहिये कि महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी गोवा की सबसे पुरानी पार्टी है। गोवा 19 दिसंबर 1961 को आज़ाद हुआ और केंद्र शासित प्रदेश बना। 1963 में गोवा को इसका पहला मुख्यमंत्री मिला जिनका नाम था दयानंद बांदोदकर। दयानंद बांदोदकर का संबंध महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी से ही था। 1963 से लेकर 1979 तक गोवा के मुख्यमंत्री इसी पार्टी से रहे। लेकिन जैसे-जैसे समय आगे बढ़ा एमजीपी हाशिये पर जाती रही। इस बीच एमजीपी के टुकड़े भी हो गये। अगर पिछले चुनाव में एमजीपी के प्रदर्शन की बात करें, तो वर्ष 2017 में मात्र 3 सीटें जीत पाई। एमजीपी के समर्थन से ही भाजपा गोवा में सरकार बना पाई थी। लेकिन भाजपा ने एमजीपी को ही ठिकाने लगा दिया। एमजीपी के दो विधायक भाजपा में शामिल हो गये और फिल्हाल एमजीपी के पास मात्र एक विधायक है। 

गौरतलब है कि नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पनसरे, प्रो. कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्या के मामले में सनातन संस्था और हिंदू जनजागृति समिति का नाम आया है। मुख्य आरोपियों और षड़यंत्र रचने वालों का संबंध सनातन संस्था या हिंदू जनजागृति समिति से है। स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम को आरोपियों के पास से एक डायरी मिली थी जिसमें 34 नाम शामिल थे। गौरी लंकेश का नाम दूसरे स्थान पर था। मात्र यही नहीं बल्कि नरेंद्र दाभोलकर की हत्या से पहले हिंदू जनजागृति समिति की वेबसाइट पर नरेंद्र दाभोलकर का फोटो डालकर उनके चेहरे को क्रॉस कर दिया गया था। 

एसआइटी ने बताया था कि फॉरेंसिक रिपोर्ट से ये सामने आया है कि गोविंद पनसरे, प्रो. कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्या एक ही हथियार से की गई है। उस वक्त ये ज़ोरदार मांग उठी थी कि सनातन संस्था और उससे संबद्ध हिंदू जनजागृति समिति आतंकी संगठन हैं और इन पर प्रतिबंध लगाया जाए। उस वक्त एमजीपी के अध्यक्ष दीपक धावलिकर ने सनातन संस्था का खुलकर समर्थन किया था। गोविंद पनसरे, नरेंद्र दाभोलकर, प्रो. कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्या के मामले में सनातन संस्था और अन्य कट्टरवादी हिंदू संस्थाओं की भूमिका बारे ज़्यादा जानकारी के लिए ये रिपोर्ट देखें।

20 अगस्त 2103 को नरेंद्र दाभोलकर की हत्या कर दी गई। इसके तीन साल बाद सीबीआइ ने चार्जशीट दायर की थी। जिसमें हिंदू जनजागृति संस्था (सनातन संस्था का ही अंग) के सदस्य विरेंद्र तावडे को प्रमुख षड़यंत्रकर्ता के तौर पर आरोपित किया गया था। सनातन संस्था का मुख्यालय गोवा में ही है और एमजीपी के अध्यक्ष और विधायक दीपक धावलिकर की पत्नी सनातन संस्था की साधक है। दीपक धावलिकर के भाई और गोवा के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदिन धावलिकर ने माना है कि उसके परिवार का सनातन संस्था के साथ संबंध है। सुदिन धावलिकर मडकई से विधायक हैं। एमजीपी और सनातन संस्था के संबंध गोवा में जगजाहिर है। इसके बावजूद खुद को धर्मनिरपेक्ष पार्टी कहने वाली तृणमूल कांग्रेस एमजीपी के साथ गठबंधन कर चुकी है। तो सवाल उठना वाज़िब है कि क्या तृणमूल कांग्रेस के लिए धर्मनिरपेक्षता मात्र एक दिखावा है?

सनातन संस्था के बारे में प्रमुख राजनैतिक दलों की राय

पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की जांच कर रही स्पेशल टीम ने 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी जिसमें से 5 का संबंध सनातन संस्था और उसकी संबद्ध संस्था हिंदू जनजागृति समिति से था। महाराष्ट्र में बम धमाके के बारे में कर्नाटक एसआइटी ने महाराष्ट्र एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्कवैड) को जानकारी दी। नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनमें से पांच का संबंध सनातन संस्था और हिंदू जनजागृति समिति से था। वर्ष 2015 में सनतान संस्था पर प्रतिबंध लगाने की मांग जोरो पर चल रही थी। उस वक्त कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा था कि सनातन संस्था एक आतंकवादी संगठन है। रामनाथी, पोंडा में स्थित इनके आश्रम को तुरंत बंद किया जाना चाहिये। बैंक अकाउंट आदि को फ्रीज़ कर देना चाहिये और इनकी फंडिंग की जांच होनी चाहिये। स्थिति यहां तक पहुंच गई थी कि भाजपा के प्रवक्ता को भी सनातन संस्था के सदस्यों के खिलाफ जांच की मांग करनी पड़ी थी। भाजपा प्रवक्ता विष्णु ने कहा था कि सनातन संस्था से जुड़े लोगों की जांच होनी चाहिये। क्योंकि बम धमाकों और हत्या जैसे गंभीर मामलों में नाम आ रहा है। लेकिन एमजीपी के अध्यक्ष दीपक धावलिकर ने सनातन संस्था पर प्रतिबंध का विरोध किया था और सनातन संस्था का समर्थन किया था।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

गोवा चुनाव 2022: राजनीतिक हलचल पर एक नज़र

यौन शोषण के आरोप में गोवा के मंत्री मिलिंद नाइक का इस्तीफ़ा

दो टूक: ओमिक्रॉन का ख़तरा लेकिन प्रधानमंत्री रैलियों में व्यस्त

Trinamool Congress
All India Trinamool Congress
goa
Goa Politics
MGP
mamata banerjee

Related Stories

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

बीरभूम नरसंहार ने तृणमूल की ख़ामियों को किया उजागर 

त्वरित टिप्पणी: जनता के मुद्दों पर राजनीति करना और जीतना होता जा रहा है मुश्किल

चुनाव नतीजों के बाद भाजपा के 'मास्टर स्ट्रोक’ से बचने की तैयारी में जुटी कांग्रेस

गोवा चुनाव: सिविल सोसायटी ने जारी किया गोवा का ग्रीन मेनिफेस्टो

क्या वाकई कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है?


बाकी खबरें

  • lal
    लाल बहादुर सिंह
    ‘डबल इंजन’ सरकार का हाल: पब्लिक अफेयर्स इंडेक्स में इस साल भी यूपी सबसे नीचे
    10 Nov 2021
    यह कोई चुनाव पूर्व माहौल बनाने के लिए होने वाला प्रायोजित सर्वे नहीं है, अपितु ISRO के पूर्व चेयरमैन डॉ. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में काम कर रहे थिंक-टैंक की रिपोर्ट है, जो शासन की गुणवत्ता के आधार…
  • minimum wage
    रौनक छाबड़ा
    ट्रेड यूनियनों के मुताबिक दिल्ली सरकार की न्यूनतम वेतन वृद्धि ‘पर्याप्त नहीं’
    10 Nov 2021
    ट्रेड यूनियनों की ओर से मांग की जा रही है कि न्यूनतम वेतन को बढ़ा कर 26,000 रूपये करने के साथ-साथ असंगठित श्रमशक्ति को 7,500 रूपये का मासिक नकद समर्थन दिया जाए। इन्हीं मांगों पर दबाव बनाने के लिए उनकी…
  • climate
    अजय कुमार
    क्लाइमेट फाइनेंस: कहीं खोखला ना रह जाए जलवायु सम्मेलन का सारा तामझाम!
    10 Nov 2021
    जलवायु सम्मेलन में क्लाइमेट फाइनेंस का मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण है। अगर क्लाइमेट फाइनेंस पर सहमति नहीं बनी तो क्लाइमेट जस्टिस नहीं हो पाएगा। नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन से जुड़े सारे वादे खोखले रह जाएंगे। 
  • corna
    न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटे में 11,466 नए मामले, 460 मरीज़ों की मौत
    10 Nov 2021
    देश में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 3 करोड़ 43 लाख 88 हज़ार 579 हो गयी है।
  • रवि कौशल
    एसकेएम का ऐलान : 29 नवंबर से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर संसद पहुंचना शुरू करेंगे किसान
    10 Nov 2021
    नई दिल्ली: मंगलवार को एक लंबी बैठक के बाद सम्युक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने ऐलान किया है कि दिल्ली में सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से हज़ारों किसान संसद की तरफ़ कूच करेंगे। सम्युक्त कि
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License