NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
गोवा चुनाव 2022: राजनीतिक हलचल पर एक नज़र
स्मरण रहे कि भाजपा ने जिन दो पार्टियों के बल पर सरकार बनाई थी वो दोनों ही पार्टियां भाजपा का साथ छोड़ चुकी है। गोवा फॉरवर्ड पार्टी कांग्रेस का समर्थन कर रही है तो महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुकी हैं।
राज कुमार
18 Dec 2021
Goa Legislative Assembly
गोवा विधानसभा (फाइल फोटो, साभार: पीटीआई)

गोवा की वर्तमान सरकार का कार्यकाल 15 मार्च 2022 को पूरा हो जाएगा। हालांकि अब तक चुनाव आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव की कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है लेकिन अनुमान है कि फरवरी 2022 में गोवा में विधानसभा चुनाव होंगे।

गोवा की 40 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। विभिन्न राष्ट्रीय और स्थानीय पार्टियों ने राज्य में चुनाव अभियान की शुरुआत कर दी है। अमित शाह, राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, देवेंद्र फड़नवीस और प्रियंका गांधी सरीखे नेता गोवा का दौरा कर रहे हैं।

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गोवा पहुंच रहे हैं।

राष्ट्रीय और स्थानीय पार्टियों को मिलाकर कुल तकरीबन 8-10 प्रमुख राजनीतिक पार्टियां चुनावी मैदान में हैं।

गोवा में आखिर माहौल क्या है और किस तरह की राजनीतिक हलचलें चल रही हैं? आइए! एक सरसरी नज़र डालते हैं-

गोवा का राजनीतिक अंकगणित

2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 40 में से 37 सीटों पर चुनव लड़ा था जिसमें से 17 सीटों पर जीत हासिल करके कांग्रेस गोवा की सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभर कर सामने आई थी। कांग्रेस ने 28.35% वोट हासिल किये थे। भाजपा ने 36 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें से 13 सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा का वोट प्रतिशत कांग्रेस से ज्यादा था। भाजपा ने 32.48% वोट हासिल किए थे। महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें से 3 सीटों पर जीत हासिल की। एमजीपी ने 11.27% वोट हासिल किए थे। आम आदमी पार्टी ने 39 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई। लेकिन 6.27% वोट हासिल किए। गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने 4 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 3 सीटों पर जीत हासिल की थी।

गोवा की राजनीति में स्वतंत्र उम्मीदवारों की एक खास भूमिका है। 58 स्वतंत्र उम्मीदवार मैदान में थे जिनमें से 3 ने जीत हासिल की थी। स्वतंत्र उम्मीदवारों के खाते में 11.12% वोट गया था।

पिछले विधानसभा चुनाव के आधार पर गोवा का ये राजनीतिक अंकगणित है। लेकिन इस विधानसभा में माहौल और स्थितियां काफी अलग हैं।

पार्टियों का जोड़-तोड़ और ‘आया राम, गया राम’ की राजनीति

गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में 17 सीटें लेकर भी कांग्रेस सरकार नहीं बना सकी थी। भाजपा ने 13 सीटें लेकर महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी की तीन सीट, गोवा फार्वर्ड पार्टी की तीन सीट और आज़ाद उम्मीदवार की मदद से सरकार बना ली थी।

इस बार एमजीपी ने तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है। गौरतलब है कि एमजीपी ने अपने तीन विधायकों के साथ भाजपा को सरकार बनाने में मदद की थी। बाद में दो विधायक भाजपा में शामिल हो गये।

इसी प्रकार गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने भी भाजपा से हाथ खींच लिया है। गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने राहुल गांधी से मुलाकात की है और समर्थन जाहिर किया है। राहुल गांदी के साथ मुलाकात में उनके साथ एक अन्य विधायक और एक आज़ाद विधायक भी थे। मुलाकात के बाद विजय सरदेसाई ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी थी।

तृणमूल कांग्रेस पहली बार गोवा में चुनाव लड़ रही है। पश्चिम बंगाल की जीत और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के सहयोग की वजह से हौसला भी दिखा रही है। महुआ मोइत्रा को गोवा का प्रभारी बनाया गया है। दूसरे राजनीतिक दलों के बड़े नेता तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री लुइज़िन्हो फलेरो अब तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। गोवा फॉरवर्ड पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष किरन कांडोलकर तृणमूल में शामिल हो चुके हैं।

आम आदमी पार्टी भले ही पिछले चुनाव में कोई सीट ना जीत पाई हो लेकिन अगर वोटों के प्रतिशत के हिसाब से देखें तो आम आदमी पार्टी राज्य की चौथे नंबर की पार्टी बन चुकी है। आम आदमी पार्टी ने ज़मीनी स्तर पर अपने को मज़बूत करने के लिए काफी प्रयास भी किये हैं। बहुत सारे अन्य पार्टियों के समर्थक आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। भाजपा के बड़े नेता विश्वजीत कृष्णराव राणे भाजपा छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके है। कांग्रेस के नेता एवं पूर्व उप-मुख्यमंत्री दयानंद नारवेकर हाल ही में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं।

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को स्थानीय नेता और प्रभावशाली चेहरों की दरकार है। तो विभिन्न पार्टियों में काफी तोड़-फोड़ हो रही है। महज़ इन दो पार्टियों की ही बात नहीं है बल्कि सभी पार्टियों में आया राम-गया राम चल रहा है। कार्यकर्ता और नेता बड़ी तेजी से पार्टियां बदल रहे हैं।

स्मरण रहे कि भाजपा ने जिन दो पार्टियों के बल पर सरकार बनाई थी वो दोनों ही पार्टियां भाजपा का साथ छोड़ चुकी है। गोवा फॉरवर्ड पार्टी कांग्रेस का समर्थन कर रही है तो महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुकी हैं। हाल ही में यौन शोषण के आरोप में भाजपा नेता और शहरी विकास मंत्री के इस्तीफे का भी गोवा चुनाव पर असर पड़ेगा। कांग्रेस काफी आक्रामक है और गोवा में भाजपा के खिलाफ एक लहर साफ देखी जा सकती है। लेकिन राजनीतिक समीकरणों में अभी भी अस्थिरता और थोड़ा अफरा-तफरी का माहौल है। नेताओं का दल-बदल जारी है और जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आएगा कुछ बड़ी राजनीतिक हलचलों की संभावनाएं हैं। फिलहाल चुनाव बारे ठोस कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन इतना स्पष्ट है कि भाजपा के लिए चुनाव की डगर काफी मुश्किल हो चुकी है।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

इन्हें भी पढ़ें-

यौनशोषणकेआरोपमेंगोवाकेमंत्रीमिलिंदनाइककाइस्तीफ़ा

गोवामेंघरेलूहिंसासंरक्षणअधिनियमबीडीओभरोसे

गोवाःघरेलूहिंसामेंबढ़ोतरीलेकिनआंकड़ेशून्य!

goa
2022 Goa Legislative Assembly election
Goa elections 2022
Narendra modi
Modi's Goa visit

Related Stories

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बैंक है मुसलमान?... संसद भेजने से करती है परहेज़

हिमाचल में हाती समूह को आदिवासी समूह घोषित करने की तैयारी, क्या हैं इसके नुक़सान? 


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License