NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिवालिया कंपनी देवू द्वारा अधिग्रहित ज़मीन को किसानों को वापस करे सरकार : छत्तीसगढ़ किसान सभा
भूमि अधिग्रहण कानून में प्रावधान है कि यदि कोई कंपनी भूमि अधिग्रहण के पांच सालों के अंदर अपना उद्योग लगाने में असफल रहती है, तो अधिग्रहित जमीन मूल खातेदार को लौटा दी जाएगी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
17 May 2021
दिवालिया कंपनी देवू द्वारा अधिग्रहित ज़मीन को किसानों को वापस करे सरकार : छत्तीसगढ़ किसान सभा

छत्तीसगढ़ की ऊर्जानगरी कोरबा में ढाई दशक पहले एक पावर प्लांट शुरू करने के लिए साउथ कोरिया की कंपनी देवू के लिए 300 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई थी।

लेकिन अब यहाँ के किसान भूमि अधिग्रहण कानून के तहत अपनी जगह वापस मांग रहे हैं। किसानों की आवाज बुलंद करने के लिए उनके साथ छत्तीसगढ़ किसान सभा और कई दूसरे राजनीतिक दल और संगठन भी सरकार पर दबाव बना रहे हैं।

वहीं विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी इस मामले को लेकर सक्रिय हो गए हैं, और किसानों को उनकी जमीन वापस दिलाने की मांग कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ किसान सभा ने भूमि अधिग्रहण कानून के प्रावधानों के तहत कोरबा जिले में पावर प्लांट के लिए दक्षिण कोरिया की कंपनी देवू द्वारा अधिग्रहित जमीन को मूल भूस्वामी किसानों को वापस करने की मांग की है। भूमि अधिग्रहण कानून में प्रावधान है कि यदि कोई कंपनी भूमि अधिग्रहण के पांच सालों के अंदर अपना उद्योग लगाने में असफल रहती है, तो अधिग्रहित जमीन मूल खातेदार को लौटा दी जाएगी।
 
छत्तीसगढ़किसान सभा ने अपने जारी एक बयान में कहा है कि अपने आपको दिवालिया घोषित करने के बाद देवू का इस जमीन पर कोई स्वामित्व नहीं रह गया है और जमीन का सीमांकन कराने का उसका आवेदन ही अवैध है।

किसान सभा के राज्य अध्यक्ष संजय पराते का कहना है, “कोरबा जिला प्रशासन को सीमांकन का आदेश हाई कोर्ट से नहीं मिला है, लेकिन देवू के आवेदन के पक्ष में जिला प्रशासन की सक्रियता से यह स्पष्ट है कि वह कॉर्पोरेट कंपनियों के दलाल की तरह काम कर रहा है, जबकि कोरबा जिले में सीमांकन के हजारों प्रकरण सालों से लंबित पड़े हुए हैं।”

माकपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस क्षेत्र का दौरा किया और प्रभावित ग्रामीणों से बातचीत भी की। इस प्रतिनिधिमंडल में माकपा जिला सचिव प्रशांत झा, किसान सभा के अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर व सीटू नेता एस एन बनर्जी व भुवनेश्वर चंद्रा आदि शामिल थे।

ग्रामीणों ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि जिस जमीन का मुआवजा 27 साल पहले केवल 8.50 करोड़ रुपये दिया गया था, आज उसकी कीमत 850 करोड़ रुपयों से ज्यादा है। प्रशासन द्वारा एक्सीवेटर से जमीन की खुदाई करने से स्पष्ट है कि मामला केवल सीमांकन का नहीं है, इसका मूल मकसद भूमि पर काबिज किसानों को बेदखल करने का है, ताकि दिवालिया कंपनी इस जमीन का उपयोग रियल एस्टेट व्यापार के लिए कर सके। प्रतिनिधिमंडल ने अपनी पड़ताल में पाया कि एक्सीवेटर से खुदाई आज भी जारी है।

किसान सभा के राज्य महासचिव ऋषि गुप्ता ने राज्य सरकार से अपील करते हुए कहा, “आदिवासियों के जल-जंगल-जमीन पर नैसर्गिक अधिकारों की रक्षा के पक्ष में वह आगे आएं और जिस तरह बस्तर के आदिवासियों की टाटा के लिए अधिग्रहित जमीन को वापस किया गया है, कोरबा जिले के इस मामले में भी आदिवासियों को जमीन वापसी की प्रक्रिया को शुरू करनी चाहिए।”

Chhattisgarh
Chhattisgarh Kisan Sabha
farmers
CPI-M
kisan sabha

Related Stories

छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया

छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार

भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत

किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है

हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना

किसानों, स्थानीय लोगों ने डीएमके पर कावेरी डेल्टा में अवैध रेत खनन की अनदेखी करने का लगाया आरोप

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

चुनावी वादे पूरे नहीं करने की नाकामी को छिपाने के लिए शाह सीएए का मुद्दा उठा रहे हैं: माकपा

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?
    25 May 2022
    मृत सिंगर के परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्होंने शुरुआत में जब पुलिस से मदद मांगी थी तो पुलिस ने उन्हें नज़रअंदाज़ किया, उनके साथ दुर्व्यवहार किया। परिवार का ये भी कहना है कि देश की राजधानी में उनकी…
  • sibal
    रवि शंकर दुबे
    ‘साइकिल’ पर सवार होकर राज्यसभा जाएंगे कपिल सिब्बल
    25 May 2022
    वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कांग्रेस छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है और अब सपा के समर्थन से राज्यसभा के लिए नामांकन भी दाखिल कर दिया है।
  • varanasi
    विजय विनीत
    बनारस : गंगा में डूबती ज़िंदगियों का गुनहगार कौन, सिस्टम की नाकामी या डबल इंजन की सरकार?
    25 May 2022
    पिछले दो महीनों में गंगा में डूबने वाले 55 से अधिक लोगों के शव निकाले गए। सिर्फ़ एनडीआरएफ़ की टीम ने 60 दिनों में 35 शवों को गंगा से निकाला है।
  • Coal
    असद रिज़वी
    कोल संकट: राज्यों के बिजली घरों पर ‘कोयला आयात’ का दबाव डालती केंद्र सरकार
    25 May 2022
    विद्युत अभियंताओं का कहना है कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 11 के अनुसार भारत सरकार राज्यों को निर्देश नहीं दे सकती है।
  • kapil sibal
    भाषा
    कपिल सिब्बल ने छोड़ी कांग्रेस, सपा के समर्थन से दाखिल किया राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन
    25 May 2022
    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे कपिल सिब्बल ने बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। सिब्बल ने यह भी बताया कि वह पिछले 16 मई…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License