NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
पर्यावरण
भारत
ग्राउंड रिपोर्ट: राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित बिहार की धनौती नदी के अस्तित्व पर संकट !
"नदी की ज़मीन का अतिक्रमण एक सुनियोजित साजिश के तहत किया गया है जिससे एक ऐतिहासिक पहचान तो गुम होगा ही, वहीं पानी का संकट खड़ा हो जाएगा।"
राहुल कुमार गौरव
06 Apr 2022
ग्राउंड रिपोर्ट: राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित बिहार की धनौती नदी के अस्तित्व पर संकट !
200 से 250 फुट चौड़ी धनौती नदी 30-40 फुट का बनकर रह गई है।

बिहार की राजधानी पटना से 170 किमी दूर पूर्वी चंपारण नेपाल की सीमा पर बसा है। अधिकांश लोग इसे मोतिहारी के नाम से भी जानते हैं। मोतिहारी शहर के पश्चिमी भाग से होकर गुजरने वाली धनौती नदी के लिए वर्ष 2020 में राष्ट्रीय जल पुरस्कार के सम्मान से पूर्वी चंपारण को राष्ट्रीय जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा सम्मानित किया गया। पुरस्कार मिलने के दो साल बाद 'न्यूज़क्लिक' ने नदी की मौजूदा स्थिति की पड़ताल की।

80-85 किमी लंबी धनौती नदी हो रही अतिक्रमण का शिकार

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित चंपारण जिले के सात प्रखंडों में बहने वाली 80-85 किलोमीटर लंबी धनौती नदी का अस्तित्व संकट में है। पूर्वी चंपारण के स्थानीय पत्रकार प्रतीक सिंह बताते हैं कि, "धनौती नदी से नगर की आधी आबादी को लाभ होता है। नदी का पानी धीरे-धीरे सूखता जा रहा है और नदी के दोनों और के किनारे धराशायी हो रहे हैं। नदी पर अतिक्रमण करके घर बनाए जा रहे हैं।"

वहीं 63 वर्षीय स्थानीय निवासी राजू जायसवाल बताते हैं कि, "धनौती नदी मोतिहारी की पहचान हुआ करती थी। लगभग 35-40 साल पहले नदी 200 से 250 फुट की हुआ करती थी जो अब 40 फुट की रह गई है। कई जगहों पर तो इसकी चौड़ाई महज 10 से 15 फुट ही बची है।"

धनौती नदी के बड़े भू-भाग पर मिट्टी भर कर किया जा रहा क़ब्ज़ा

पश्चिम चंपारण के माधोपुर मन प्रखंड के सामाजिक कार्यकर्ता चांद अली न्यूज़क्लिक को बताते हैं कि, "नदी की जमीन का अतिक्रमण एक सुनियोजित साजिश के तहत किया गया है जिससे एक ऐतिहासिक पहचान तो गुम होगा ही, वहीं गांव में पानी का संकट खड़ा हो जाएगा। धनौती के प्रवाह वाधित होने से बारिश के दिनों में आधा मोतिहारी शहर के साथ राघुनाथपुर, तुरकौलिया और बंजरिया प्रखंड के लोगों और मवेशियों को काफी कष्ट होता है। किसानों का फसल भी नष्ट होता है।"

मोतिहारी ज़िले में ही धनौती नदी की तरह लालबकैया नदी भी धीरे-धीरे सिकुड़ रही है।

मल्लाहों की स्थिति

मोतिहारी शहर से कुछ किलोमीटर माधोपुर प्रखंड के उत्तरी श्रीपुर, दक्षिणी श्रीपुर गांव पानी के लिए धनौती नदी पर निर्भर है। गांव के सद्दाम अंसारी बताते हैं कि, "लगभग 15-20 साल पहले गांव में नाव चलाया जाता था। गरीब तबका खासकर मल्लाह मछली व्यवसाय पर निर्भर था। अब रोजगार की तलाश में पंजाब, बंगाल, हरियाणा, दिल्ली जैसे बड़े शहर चले गए हैं।"

42 वर्षीय सतीश बताते हैं कि, "हमलोगों का परिवारिक पेशा मछली पकड़ना था। लेकिन जब पानी ही नहीं है तो मछली कहां से पकड़ पाएंगे। इस वक्त कभी दिल्ली तो कभी पंजाब जाकर कमाना पड़ता है। नदी की अगर ठीक से उड़ाही हो जाए तो मछली पालन और सब्जी की खेती बहुत अच्छी हो जाएगी।"

42 वर्षीय सतीश नदी के माध्यम से पहले मछली पालन किया करते थे।

पर्यावरणविद और स्थानीय निवासी चिंतित

जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत धनौती नदी प्रोजेक्ट के लिए गाद सफाई व पौधारोपण में पूर्वी चंपारण को सरकार द्वारा राष्ट्रीय जल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

स्थानीय पत्रकार प्रतीक बताते हैं कि, "मनरेगा, जीविका व वन विभाग के माध्यम से धनौती नदी का बंजरिया प्रखंड अंतर्गत चैलहा में दो किलोमीटर तक जीर्णोद्धार कार्य किया गया था। नदी के चारों तरफ पौधारोपण, जल संरक्षण व सौंदर्यीयकरण के साथ-साथ मोतीझील मोतिहारी से भी अतिक्रमण को हटाया गया था। धनौती नदी कार्य योजना में सिर्फ गाद सफाई में करीब 69 लाख रुपये खर्च हुए। साथ ही पौधारोपण में दो से ढाई करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।"

आगे प्रतीक बताते है, "डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था कि सुगौल में बालगंगा प्रोजेक्ट व रामगढ़वा के पखनहिया पहाड़ी सोती में 23 लाख की लागत से चेक डैम बना कर उसके पानी को सिंचाई के लिए इस्तेमाल करने की योजना है। साथ ही जिले के तालाब, अहर पईन की भी सफाई की जाएगी। एक योजना तो ठीक से हो नहीं पाई बाकी योजना का भी बंदरबांट हो जाएगा।"

शहर के व्यापारी बंटी झा बताते है, "शहर के लोग मिट्टी भरवा कर घर बनवा रहे हैं और धनौती नदी से गांव के लोगों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। अतिक्रमण की सारी सूचनाओं के बावजूद प्रशासन खामोश है। पता नहीं केंद्र सरकार ने किस आधार पर धनौती नदी को यह सम्मान दिया है।"

युवा संगठन ने चलाया था हस्ताक्षर अभियान

युवा संगठन के अध्यक्ष रंजीत गिरी बताते हैं कि, "मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाज सुधार अभियान के तहत जब मोतिहारी आ रहे थे, तब कई दिनों तक युवा संगठन के सदस्य अलग-अलग जगहों पर जाकर लोगों को जागरूक कर उनका हस्ताक्षर कराए थे। मोतिहारी में धनौती नदी की तरह ही लालबकैया नदी भी अतिक्रमण का शिकार हो रही है। मुख्यमंत्री से मिलकर हम लोगों ने नदी से संबंधित ज्ञापन सौंपा था। 4 महीने से अधिक समय बीत गए हैं। फिर भी इस दिशा में प्रशासनिक स्तर पर कोई पहल शुरू नहीं की गई है।"

बिहार की 50 से ज़्यादा छोटी नदियां सूख गईं

बेतिया के नौतन प्रखंड स्थित गहिरी मन से धनौती नदी निकलती है। जो जिले के पहाड़पुर, हरसिद्धि, तुरकौलिया, बंजरिया, मोतिहारी, पीपराकोठी व चकिया प्रखंड में बहती है। चकिया में यह नदी सिकरहना में मिल जाती है। जिले में इस नदी की लंबाई 80-85 किलोमीटर है। पूरे बिहार में बहने वाली लगभग 206 नदियों में अधिकतर नदियों की लगभग यही स्थिति है।

जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 23 जिलों में 48 नदियों की स्थिति बेहद नाजुक है। इनमें से कई नदियां तो चार-पांच जिलों से बहती हैं। अधिकांश नदियों में तो कई-कई दिनों तक पानी नहीं रहता, जहां है भी तो बेहद कम। उधर, कई नदियों का जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है।

कोसी नदी पर लगभग 40 साल काम करने वाले इंजीनियर अमोद कुमार झा बताते हैं कि, "कभी पानी से लबालब भरी रहने वाली नदियों का हाल बुरा है। भोजपुर के कुछ इलाकों में गंगा वहीं मिथिलांचल इलाकों में कोसी नदी में भी पानी नहीं दिख रहा। अनियमित बारिश के कारण भू-जल स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। राज्य में कई वर्षों से सामान्य से काफी कम बारिश हो रही है।"

विकास प्रकृति पर हावी

ग्राम्यशील एनजीओ के संस्थापक चंद्रशेखर बताते हैं कि," बिहार में चानन नदी के सूख जाने से कतरनी चावल का अस्तित्व संकट में है। मुंगेर का मोहनी, सुपौल का गजाना और भोजपुर का बनास और सोन नदी अतिक्रमण की वजह से धीरे-धीरे सूख रहा है। इसकी मुख्य वजह छोटी नदियों पर बन रहा तटबंध है। तटबंध बनने से छोटी और बड़ी नदी का जो कनेक्शन या संपर्क था वो टूट गया। हालांकि जल संसाधन विभाग के द्वारा कई छोटी नदियों को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है।"

नदी से जुड़े विशेषज्ञ दिनेश कुमार मिश्रा बताते हैं कि, "शहरीकरण के कारण सड़कें, छतें सब पक्के होने लगे हैं। सड़क मार्ग बहुत तेजी से बढा। इससे ऊपर से जो पानी आता है, वह जमीन के अंदर नहीं जा कर नालों में चला जाता है या बेकार हो जाता है। तटबंध बना कर हमने गलती की, पानी अपना रास्ता चाहता था लेकिन हम पानी को बांधना चाहते हैं। नदियों के अविरल बहने से ही उनका अस्तित्व बचा रहेगा।"

सरकारी महकमों की सुनिए

धनौती नदी की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए आपदा प्रबंधन विभाग के अपर समाहर्ता अनिल कुमार न्यूज़क्लिक से बताते हैं कि, "अवरुद्ध जलधारा का निरंतर प्रवाह के लिए धनौती नदी से मिट्टी व सिल्ट हटाने के लिए स्थलीय जांच करते हुए नदी की साफ-सफाई का आवश्यक कार्य शीघ्र ही प्रशासन के द्वारा चालू किया जाएगा। साथ ही शहर के ऐतिहासिक मोतीझील में जलधारा प्रवाह बनाए रखने के लिए भी उसे धनौती नदी से जोड़ा जाएगा। ताकि मोतीझील में जलधारा को निरंतर किया जाए।"

 

Bihar
Dhanauti River
encroachment
fishermen
National Award

Related Stories

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

बिहार की राजधानी पटना देश में सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर

लोगों को समय से पहले बूढ़ा बना रहा है फ्लोराइड युक्त पानी

बिहारः गर्मी बढ़ने के साथ गहराने लगा जल संकट, ग्राउंड वाटर लेवल में तेज़ी से गिरावट

बिहार में ज़हरीली हवा से बढ़ी चिंता, पटना का AQI 366 पहुंचा

बिहारः सेहत के लिए ख़तरनाक 'यूरेनियम' ग्राउंडवाटर में मिला, लोगों की चिंताएं बढ़ी


बाकी खबरें

  • भाषा
    महाराष्ट्र : एएसआई ने औरंगज़ेब के मक़बरे को पांच दिन के लिए बंद किया
    19 May 2022
    महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रवक्ता गजानन काले ने मंगलवार को कहा था कि औरंगजेब के मकबरे की कोई जरूरत नहीं है और उसे ज़मींदोज़ कर दिया जाना चाहिए, ताकि लोग वहां न जाएं। इसके बाद, औरंगाबाद के…
  • मो. इमरान खान
    बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’
    19 May 2022
    रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदुत्ववादी भीड़ की हरकतों से पता चलता है कि उन्होंने मुसलमानों को निस्सहाय महसूस कराने, उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने और उन्हें हिंसक होकर बदला लेने के लिए उकसाने की…
  • वी. श्रीधर
    भारत का गेहूं संकट
    19 May 2022
    गेहूं निर्यात पर मोदी सरकार के ढुलमुल रवैये से सरकार के भीतर संवादहीनता का पता चलता है। किसानों के लिए बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने की ज़िद के कारण गेहूं की सार्वजनिक ख़रीद विफल हो गई है।
  • एम. के. भद्रकुमार
    खाड़ी में पुरानी रणनीतियों की ओर लौट रहा बाइडन प्रशासन
    19 May 2022
    संयुक्त अरब अमीरात में प्रोटोकॉल की ज़रूरत से परे जाकर हैरिस के प्रतिनिधिमंडल में ऑस्टिन और बर्न्स की मौजूदगी पर मास्को की नज़र होगी। ये लोग रूस को "नापसंद" किये जाने और विश्व मंच पर इसे कमज़ोर किये…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 30 फ़ीसदी की बढ़ोतरी 
    19 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटो में कोरोना के 2,364 नए मामले सामने आए हैं, और कुल संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 31 लाख 29 हज़ार 563 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License