NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
केन्या के मेरु काउंटी में हेल्थकेयर श्रमिक 5 फरवरी के हड़ताल के लिए तैयार
श्रमिकों की मुख्य शिकायत अनियमित वेतन भुगतान और कर्मचारियों की कमी है। शिकायत दूर न करने पर मेरू काउंटी में स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा 21-दिवसीय हड़ताल का नोटिस दिया गया है।
पीपुल्स डिस्पैच
31 Jan 2020
Kenya

केन्या के मेरू काउंटी में स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा दी गई 21-दिवसीय हड़ताल का नोटिस 5 फरवरी को समाप्त होने वाला है। यदि तब तक उनकी शिकायतों का समाधान नहीं किया जाता है, तो सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में काम करने वाले डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्निशयन और फार्मासिस्ट सभी अपना काम बंद कर देंगे।

उनकी मुख्य शिकायत यह है कि मेरु काउंटी सरकार ने पिछले साल नवंबर और दिसंबर के महीने के उनके वेतन का भुगतान नहीं किया है। जो कुल 38 मिलियन शिलिंग (भारतीय रुपए में लगभग 26 मिलियन) की राशि है। भुगतान में इस देरी के कारण, कई श्रमिक जिन्होंने अपने  काम के लिए जो ऋण लिए है उसे चुका नहीं पा रहे है, इसके अलावा भी अपने कई अन्य  प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में असफल हो रहे हैं।

इसके अलावा, वे कर्मचारियों की भारी कमी से भी परेशान हैं। जिस पर यूनियनों का मानना है कि ऐसा जानबूझकर काउंटी की सरकार द्वारा किया जाता है ताकि कम लोगों को वेतन देना पड़े।  

कीनिया यूनियन ऑफ क्लिनिकल ऑफिसर्स के मेरु काउंटी सचिव मोशे बैयेनिया (Moses Baiyenia) के अनुसार, स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए 300 अधिक क्लिनिकल ऑफिसर्स और 1,500 अधिक नर्सों की आवश्यकता होती है।

डेली नेशन ने बताया कि वर्तमान में काउंटी में केवल 135 डॉक्टर हैं, जिनमें से कम से कम 40 डॉक्टर प्रबंधकीय कामों या अन्य गतिविधियों में व्यस्त होते हैं। केन्या मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एंड दंत चिकित्सक संघ (KMPDU) के मेरु शाखा सचिव टिमोथी नजेरू (Timothy Njeru)का कहना है कि मेरु टीचिंग और रेफरल अस्पताल में 80 चिकित्सा चिकित्सकों को तैनात किया जाना चाहिए।

यहां उन्होंने कहा, “हमारे पास एक ऑन्कोलॉजी सेंटर है और केवल एक ऑन्कोलॉजिस्ट है। पर्याप्त रूप से संचालन के लिए, हमें 180 से 230 के बीच विशेषज्ञों की आवश्यकता है। ”  

श्रमिक लंबे समय तक काम करने के बावजूद खराब कामकाजी परिस्थितियों और पदोन्नति नहीं मिलने के बारे में भी शिकायत कर रहे हैं।

साभार : पीपुल्स डिस्पैच

kenya
Healthcare workers
Workers Strike
Health workers
health care facilities

Related Stories

लुधियाना: PRTC के संविदा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

दिल्ली : नौकरी से निकाले गए कोरोना योद्धाओं ने किया प्रदर्शन, सरकार से कहा अपने बरसाये फूल वापस ले और उनकी नौकरी वापस दे

दिल्ली: बर्ख़ास्त किए गए आंगनवाड़ी कर्मियों की बहाली के लिए सीटू की यूनियन ने किया प्रदर्शन

दिल्ली: लेडी हार्डिंग अस्पताल के बाहर स्वास्थ्य कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी, छंटनी के ख़िलाफ़ निकाला कैंडल मार्च

देशव्यापी हड़ताल को मिला कलाकारों का समर्थन, इप्टा ने दिखाया सरकारी 'मकड़जाल'

स्कीम वर्कर्स संसद मार्च: लड़ाई मूलभूत अधिकारों के लिए है

अर्बन कंपनी से जुड़ी महिला कर्मचारियों ने किया अपना धरना ख़त्म, कर्मचारियों ने कहा- संघर्ष रहेगा जारी!

निर्माण मज़दूरों की 2 -3 दिसम्बर को देशव्यापी हड़ताल,यूनियन ने कहा- करोड़ों मज़दूर होंगे शामिल

दिल्ली में मज़दूरों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के ख़िलाफ़ हड़ताल की

एमएसआरटीसी हड़ताल 27वें दिन भी जारी, कर्मचारियों की मांग निगम का राज्य सरकार में हो विलय!


बाकी खबरें

  • Nishads
    अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी चुनाव: आजीविका के संकट के बीच, निषाद इस बार किस पार्टी पर भरोसा जताएंगे?
    07 Mar 2022
    निषाद समुदाय का कहना है कि उनके लोगों को अब मछली पकड़ने और रेत खनन के ठेके नहीं दिए जा रहे हैं, जिसके चलते उनकी पारंपरिक आजीविका के लिए एक बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है।
  • Nitish Kumar
    शशि शेखर
    मणिपुर के बहाने: आख़िर नीतीश कुमार की पॉलिटिक्स क्या है...
    07 Mar 2022
    यूपी के संभावित परिणाम और मणिपुर में गठबंधन तोड़ कर चुनावी मैदान में हुई लड़ाई को एक साथ मिला दे तो बहुत हद तक इस बात के संकेत मिलते है कि नीतीश कुमार एक बार फिर अपने निर्णय से लोगों को चौंका सकते हैं।
  • Sonbhadra District
    तारिक अनवर
    यूपी चुनाव: सोनभद्र के गांवों में घातक मलेरिया से 40 से ज़्यादा लोगों की मौत, मगर यहां के चुनाव में स्वास्थ्य सेवा कोई मुद्दा नहीं
    07 Mar 2022
    हाल ही में हुई इन मौतों और बेबसी की यह गाथा भी सरकार की अंतरात्मा को नहीं झकझोर पा रही है।
  • Russia Ukraine war
    एपी/भाषा
    रूस-यूक्रेन अपडेट: जेलेंस्की ने कहा रूस पर लगे प्रतिबंध पर्याप्त नहीं, पुतिन बोले रूस की मांगें पूरी होने तक मिलट्री ऑपरेशन जारी रहेगा
    07 Mar 2022
    एक तरफ रूस पर कड़े होते प्रतिबंधों के बीच नेटफ्लिक्स और अमेरिकन एक्सप्रेस ने रूस-बेलारूस में अपनी सेवाएं निलंबित कीं। दूसरी तरफ यूरोपीय संघ (ईयू) के नेता चार्ल्स मिशेल ने कहा कि यूक्रेन के हवाई…
  • International Women's Day
    नाइश हसन
    जंग और महिला दिवस : कुछ और कंफ़र्ट वुमेन सुनाएंगी अपनी दास्तान...
    07 Mar 2022
    जब भी जंग लड़ी जाती है हमेशा दो जंगें एक साथ लड़ी जाती है, एक किसी मुल्क की सरहद पर और दूसरी औरत की छाती पर। दोनो ही जंगें अपने गहरे निशान छोड़ जाती हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License