NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
पर्यावरण
विज्ञान
भारत
5जी प्रौद्योगिकी के खिलाफ याचिका पर संक्षिप्त नोट दाखिल करें जूही चावला: हाईकोर्ट
याचिका में प्राधिकारियां को यह प्रमाणित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि 5जी प्रौद्योगिकी किस तरह से मानव जाति, पुरुषों, महिलाओं, वयस्कों, बच्चों, शिशुओं, जानवरों और हर प्रकार के जीवों, वनस्पतियों के लिए सुरक्षित है।
भाषा
02 Jun 2021
juhi chawla
फ़ोटो साभार: इंस्टाग्राम (iamjuhichawla)

नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने अभिनेत्री जूही चावला से बुधवार को कहा कि वह देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ दायर अपनी याचिका पर एक संक्षिप्त नोट दाखिल करें।

चावला ने देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ सोमवार को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। उन्होंने अपनी याचिका में नागरिकों, जानवरों, वनस्पतियों और जीवों पर इस प्रौद्योगिकी के विकिरण के प्रभाव संबंधी मुद्दों को उठाया।

न्यायमूर्ति जे आर मिढ़ा ने कहा कि वादी अपराह्न ढाई बजे तक दो पृष्ठीय नोट दाखिल करें और अदालत अपराह्न तीन बजे मामले की सुनवाई करेगी।

अदालत ने कहा कि वह याचिका की सुनवाई शुरू करने समेत चावला और दो अन्य याचिकाकर्ताओं की चार अर्जियों पर विचार करेगी।

अदालत ने दूरसंचार विभाग का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अमित महाजन को डेढ़ पृष्ठ का नोट दाखिल करने की अनुमति दी, ताकि यह पता किया जा सके कि उस पर सुनवाई की आवश्यकता है या नहीं।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘बचावकर्ता मेरे नोटिस जारी करने तक सुनवाई के अधिकार का दावा नहीं कर सकते। मैं देखूंगा कि क्या उन्हें अधिकार है।’’

अधिवक्ता दीपक खोसला के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि इन 5जी योजनाओं से मनुष्यों पर गंभीर, अपरिवर्तनीय प्रभाव और पृथ्वी के सभी पारिस्थितिक तंत्रों को स्थायी नुकसान पहुंचने का खतरा है।

चावला, वीरेश मलिक और टीना वचानी ने याचिका दायर करके कहा है कि यदि दूरसंचार उद्योग की 5जी संबंधी योजनाएं पूरी होती हैं तो पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति, कोई जानवर, कोई पक्षी, कोई कीट और कोई भी पौधा इसके प्रभाव से नहीं बच सकेगा।

याचिका में प्राधिकारियां को यह प्रमाणित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि 5जी प्रौद्योगिकी किस तरह से मानव जाति, पुरुषों, महिलाओं, वयस्कों, बच्चों, शिशुओं, जानवरों और हर प्रकार के जीवों, वनस्पतियों के लिए सुरक्षित है।

5G network
Environmental Pollution

Related Stories

तेलंगाना की पहली सुपर थर्मल पावर परियोजना को हरी झंडी देने में अहम मुद्दों की अनदेखी?


बाकी खबरें

  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव
    30 May 2022
    जापान हाल में रूस के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाने वाले अग्रणी देशों में शामिल था। इस तरह जापान अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है।
  • उपेंद्र स्वामी
    दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना
    30 May 2022
    पूर्व में बाग़ी रहे नेता गुस्तावो पेट्रो पहले दौर में अच्छी बढ़त के साथ सबसे आगे रहे हैं। अब सबसे ज़्यादा वोट पाने वाले शीर्ष दो उम्मीदवारों में 19 जून को निर्णायक भिड़ंत होगी।
  • विजय विनीत
    ज्ञानवापी केसः वाराणसी ज़िला अदालत में शोर-शराबे के बीच हुई बहस, सुनवाई 4 जुलाई तक टली
    30 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद के वरिष्ठ अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने कोर्ट में यह भी दलील पेश की है कि हमारे फव्वारे को ये लोग शिवलिंग क्यों कह रहे हैं। अगर वह असली शिवलिंग है तो फिर बताएं कि 250 सालों से जिस जगह पूजा…
  • सोनिया यादव
    आर्यन खान मामले में मीडिया ट्रायल का ज़िम्मेदार कौन?
    30 May 2022
    बहुत सारे लोगों का मानना था कि राजनीति और सांप्रदायिक पूर्वाग्रह के चलते आर्यन को निशाना बनाया गया, ताकि असल मुद्दों से लोगों का ध्यान हटा रहे।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिमाचल : मनरेगा के श्रमिकों को छह महीने से नहीं मिला वेतन
    30 May 2022
    हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में मनरेगा मज़दूरों को पिछले छह महीने से वेतन नहीं मिल पाया है। पूरे  ज़िले में यही स्थिति है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License