NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
हिमाचल : मनरेगा के श्रमिकों को छह महीने से नहीं मिला वेतन
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में मनरेगा मज़दूरों को पिछले छह महीने से वेतन नहीं मिल पाया है। पूरे  ज़िले में यही स्थिति है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
30 May 2022
MNREGA
'प्रतीकात्मक फ़ोटो'

मनरेगा योजना की शुरुआत इसलिए की गई कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले श्रमिकों को उनके क्षेत्र में ही रोजगार मिल जाए ताकि उन्हें पैसा कमाने के लिए इधर-उधर भटकना न पड़ें। लेकिन इस योजना में आज भी कई तरह की खामियां देखने को मिलती हैं। कहीं काम कराने के बाद मजदूरों को समय पर पैसा नहीं मिलता है तो कहीं उन्हें काम ही नहीं मिल पाता है। देश भर में करीब-करीब इसी तरह की स्थिति मौजूद है।

हिमाचल प्रदेश के कांगरा जिले में मनरेगा मजदूरों को पिछल छह महीने से वेतन नहीं मिल पाया है। द ट्रिब्यून से बात करते हुए जिले के कई पंचायतों प्रधान कहते हैं कि पूरे जिले में यही स्थिति है और पिछले पांच साल में ऐसा पहली बार हो रहा है जब मनरेगा मजदूरों के वेतन में छह महीने की देरी हुई है। वे आगे कहते हैं, "इसके अलावा, सीमेंट और स्टील आदि सामग्री की खरीद के लिए धन के अभाव में मनरेगा के तहत अधिकांश कार्य ठप हो गए हैं।"

ज्ञात हो कि मनरेगा के प्रावधानों के अनुसार लाभार्थियों को काम पूरा होने के 15 दिनों के भीतर उनके बैंक खातों में बकाया राशि मिल जानी चाहिए लेकिन ऐसा न होने से मजदूर परेशान हैं।

बाथन पंचायत की प्रधान सीमा कुमारी कहती हैं, “कार्यों के लिए मस्टर रोल जमा किए छह महीने से अधिक समय हो गया है लेकिन लाभार्थियों को भुगतान नहीं मिला है।” वे आगे कहती हैं, "इसने कई विकास कार्यों को भी धीमा कर दिया है।"

भुगतान में देरी की बात स्वीकार करते हुए कि एक प्रखंड विकास अधिकारी का कहना है कि "यह मुद्दा पिछले साल तब उठा जब राज्य ने अपने अर्ध-वार्षिक लक्ष्यों को प्राप्त किया। सरकार ने केंद्र से मनरेगा बजट फिर से आवंटित करने का अनुरोध किया है। उम्मीद है कि कुछ दिनों में समस्या का समाधान हो जाएगा।"

बता दें कि भुगतान में देरी का प्रभाव कांगड़ा में अधिक रहा है जहां अधिक लोगों के पास मनरेगा जॉब कार्ड हैं। जिले में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग अपने दिन-प्रतिदिन के खर्च के लिए मनरेगा पर ही निर्भर हैं। भुगतान में देरी होने से हजारों परिवारों को आर्थिक रुप से और कमजोर कर दिया है।

ध्यान रहे कि पिछले दो वर्षों में कोविड के कारण नौकरियों के चले जाने से जिले में मनरेगा पर निर्भरता बढ़ गई है। दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में काम करने वाले हजारों युवा अपने घर की तरफ लौट चुके हैं। ऐसे में ये योजना इन लोगों के मददगार तभी हो सकता है जब ज्यादा से ज्यादा काम मिले और काम होने के बाद उनके खातों में समय पर पैसा चला जाए ताकि उनके परिवार को आर्थिक तंगियों से न गुजरना पड़े।

बता दें कि करीब दो सप्ताह पहले ही देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश से मनरेगा मजदूरों को वेतन न मिलने की खबर सामने आई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के करीब 10लाख मनरेगा श्रमिकों का पिछले तीन चार महीने से भुगतान नहीं हो पाया था। वहीं, निर्माण सामग्री का 1800 करोड़ रुपये बकाया होने से ग्राम पंचायतों के स्थायी निर्माण कार्य भी ठप हो गए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर जैसे जिलों को छोड़ दिय तो अधिकांश जिलों में तालाब खोदाई, बरसाती पानी की निकासी के लिए नाला, खड़ंजा, चक और संपर्क मार्ग निर्माण, पीएम व सीएम आवास, खेत की मेड़बंदी और समतलीकरण जैसे कार्य कराए गए। मनरेगा में सौ दिन काम करने के बाद भी श्रमिकों को तीन चार महीने से समय पर वेतन नहीं मिला।

उधर मनरेगा में ग्राम रोजगार सहायक,परियोजना अधिकारी, तकनीकी सहायक, कंप्यूटर ऑपरेटर, लेखाकार सहित अन्य संविदा कर्मियों की बात करें तो उनकी संख्या करीब 40हजार से अधिक हैं और उन्हें भी पिछले तीन महीने से समय पर मानदेय नहीं मिला।

Himachal
MNREGA
Salary Delay
MNREGA Workers

Related Stories

यूपी : 10 लाख मनरेगा श्रमिकों को तीन-चार महीने से नहीं मिली मज़दूरी!

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

मनरेगा: ग्रामीण विकास मंत्रालय की उदासीनता का दंश झेलते मज़दूर, रुकी 4060 करोड़ की मज़दूरी

छत्तीसगढ़ :दो सूत्रीय मांगों को लेकर 17 दिनों से हड़ताल पर मनरेगा कर्मी

बिहारः खेग्रामस व मनरेगा मज़दूर सभा का मांगों को लेकर पटना में प्रदर्शन

विशेषज्ञों के हिसाब से मनरेगा के लिए बजट का आवंटन पर्याप्त नहीं

भ्रामक बयान के चलते मनरेगा के प्रति केंद्र की प्रतिबद्धता सवालों के घेरे में

खेतिहर मज़दूरों का दर्द; बोले- मनरेगा में काम नहीं, अगर किसानों के घर भी खाने के लाले पड़े तो कहां जाएंगे!

भारतीय अर्थव्यवस्था को तबाह करती बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ बढ़ता प्रतिरोध

कम नहीं है घर लौटे प्रवासियों का संकट, मनरेगा पूर्ण समाधान नहीं, तत्काल पैकेज की ज़रूरत


बाकी खबरें

  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • शीला जिओ, मनोलो डी लॉस सैंटॉस
    अमेरिकी आधिपत्य का मुकाबला करने के लिए प्रगतिशील नज़रिया देता पीपल्स समिट फ़ॉर डेमोक्रेसी
    28 May 2022
    लैटिन अमेरिका को बाहर रखने और उसके ख़िलाफ़ आक्रामकता की अमेरिकी नीति को जारी रखने के बाइडेन की ज़िद ने उनके शिखर सम्मेलन को शुरू होने से पहले ही नाकाम कर दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License