NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
हिमाचल: शिमला में हज़ारों मज़दूरों ने सरकार पर बोला हल्ला, सीएम को सौंपा मांगपत्र
हिमाचल प्रदेश के हज़ारों मजदूर सड़कों पर उतरें व शिमला विधानसभा पर एकत्रित होकर सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ किया प्रदर्शन।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
18 Mar 2021
हिमाचल: शिमला में हज़ारों मज़दूरों ने सरकार पर बोला हल्ला, सीएम को सौंपा मांगपत्र

हिमाचल प्रदेश में कल यानी 17 मार्च को हजारों मजदूरों ने विधानसभा पर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का आवाह्न मजदूर संगठन सेंटर इंडियन ऑफ ट्रेड यूनियन (सीटू)हिमाचल राज्य कमेटी ने किया था। प्रदर्शन में शामिल मजदूरों ने नए विवादित लेबर कोड और नए कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ ही कई अन्य  मांगों को लेकर शिमला में विधानसभा पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। सुबह ग्यारह बजे प्रदेश भर से हज़ारों मजदूर पंचायत भवन शिमला पर जुटे उसके बाद उन्होंने  विधानसभा तक रैली निकाली। इस दौरान मजदूरों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की।

प्रदर्शन में इतनी  भीड़ जुटी कि लगभग दो घण्टे तक शिमला शहर में भयंकर जाम से सड़क पर वाहनों की कतारें लग गईं।

प्रदर्शन के बाद छः सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर तथा श्रम एवम रोज़गार मंत्री श्री विक्रम ठाकुर से मिला व उन्हें बारह सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में डॉ कश्मीर ठाकुर,विजेंद्र मेहरा,प्रेम गौतम,जगत राम,विजय शर्मा व लेखराम वर्मा शामिल रहे। मुख्यमंत्री व मंत्री महोदय ने मजदूरों की मांगों को पूर्ण करने का आश्वासन दिया।

विधानसभा पर हुए प्रदर्शन को सीटू के भूतपूर्व प्रदेशाध्यक्ष व वर्तमान में ठियोग से विधायक राकेश सिंघा, सीटू राष्ट्रीय सचिव कश्मीर ठाकुर, प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम, के साथ कई अन्य सीटू के पदाधिकारियों ने सम्बोधित किया। वक्ताओं ने केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोला व चेताया कि अगर मजदूर व किसान विरोधी कानून वापिस न लिए तो आंदोलन तेज होगा।

मुख्य मांगे इस प्रकार हैं :

सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने बताया  कि वो निम्नलिखित मांगो के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। वो इस प्रकार हैं:

  • केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों को खत्म कर बनाई गईं मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं को वापस लें
  • न्यूनतम वेतन 21 हज़ार रुपये घोषित करें
  • वेतन को उपभोक्ता मूल्य अथवा महंगाई सूचकांक के साथ जोड़ा जाए
  • मनरेगा वर्करज़ को दो सौ दिन का रोज़गार उपलब्ध करवाया जाए व उन्हें न्यूनतम तीन सौ रुपये दिहाड़ी देने, उनका आर्थिक लाभ व सामान तीन महीने में उपलब्ध करवाया जाए।
  • आंगनबाड़ी, मिड डे मील व आशा वर्करज़ को सरकारी कर्मचारी घोषित करने व हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन दिया जाए।
  • प्री प्राइमरी में आंगनबाड़ी कर्मियों की नियुक्ति की जाए
  • फिक्स टर्म, आउटसोर्स, ठेका, पार्ट टाइम, टेम्परेरी व कॉन्ट्रैक्ट रोज़गार पर अंकुश लगाया जाए।
  • आठ के बजाए बारह घण्टे डयूटी करने के नियम को भी वापस लिया जाए।
  • कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली, मजदूरों के वेतन में कटौती, ईपीएफ व ईएसआई की राशि में कटौती वापस ली जाए
  • किसान विरोधी तीन कानूनों व बिजली विधेयक 2020 की वापस लिया जाए।

इन सभी मुद्दे पर हिमाचल प्रदेश के हज़ारों मजदूर सड़कों पर उतरे व विधानसभा पर जोरदार प्रदर्शन किया।

आपको बता दें इस विधानसभा मार्च से पहले राज्यभर में किसानों ने जत्थे चलाए और मजदूरों के साथ ही आम जनता को भी सरकार के जनविरोधी नीतियों के बारे में बताया और उन्हें इस अंदोलन का हिस्सा बनने का आह्वान किया था । इसी का असर देखने को मिला जिस प्रकार प्रदेशभर से हजारों मजदूर राजधानी शिमला में जुटे और एक विशाल मार्च निकला।

मजदूर नेताओं ने प्रदेश सरकार पर भी मजदूर विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने प्रदेश सरकार के हालिया बजट को मजदूर,कर्मचारी व मध्यम वर्ग विरोधी बजट करार दिया है। उन्होंने कहा है कि मजदूरों के दैनिक वेतन में केवल पच्चीस रुपये, कोरोना योद्धा के रूप में कार्य कर चुकीं आंगनबाड़ी कर्मियों के वेतन में केवल पांच सौ व तीन सौ रुपये, आशा कर्मियों के वेतन में केवल साढ़े सात सौ रुपये, मिड डे मील कर्मियों के बजट में तीन सौ रुपये, चौकीदारों के वेतन में केवल तीन सौ रुपये, एसएमसी व आउटसोर्स आईटी शिक्षकों के वेतन में केवल पांच सौ रुपये, वाटर गार्ड के वेतन में केवल तीन सौ रुपये व सिलाई अध्यापिकाओं के वेतन में केवल पांच सौ रुपये की बढ़ोतरी मजदूरों व कर्मचारियों के साथ घोर मज़ाक है। इस बजट में एक बार पुनः एनपीएस कर्मियों को केवल सहानुभूति मिली है व एक रुपये  की भी आर्थिक मदद नहीं मिली है। आउटसोर्स कर्मियों को भी बजट में निराशा ही हाथ लगी है। पर्यटन व ट्रांसपोर्ट सेक्टर की भी बजट में अनदेखी है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर वर्ष 2003 के बाद नियुक्त कर्मियों व कॉन्ट्रेक्ट कर्मियों से धोखा करने का आरोप लगाया है।

Himachal Pradesh
Jai Ram Thakur
BJP
Himachal Protest
Center Indian of Trade Union
Labour Code

Related Stories

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?

NEP भारत में सार्वजनिक शिक्षा को नष्ट करने के लिए भाजपा का बुलडोजर: वृंदा करात

हिमाचल: प्राइवेट स्कूलों में फ़ीस वृद्धि के विरुद्ध अभिभावकों का ज़ोरदार प्रदर्शन, मिला आश्वासन 


बाकी खबरें

  • srilanka
    न्यूज़क्लिक टीम
    श्रीलंका: निर्णायक मोड़ पर पहुंचा बर्बादी और तानाशाही से निजात पाने का संघर्ष
    10 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने श्रीलंका में तानाशाह राजपक्षे सरकार के ख़िलाफ़ चल रहे आंदोलन पर बात की श्रीलंका के मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. शिवाप्रगासम और न्यूज़क्लिक के प्रधान…
  • सत्यम् तिवारी
    रुड़की : दंगा पीड़ित मुस्लिम परिवार ने घर के बाहर लिखा 'यह मकान बिकाऊ है', पुलिस-प्रशासन ने मिटाया
    10 May 2022
    गाँव के बाहरी हिस्से में रहने वाले इसी मुस्लिम परिवार के घर हनुमान जयंती पर भड़की हिंसा में आगज़नी हुई थी। परिवार का कहना है कि हिन्दू पक्ष के लोग घर से सामने से निकलते हुए 'जय श्री राम' के नारे लगाते…
  • असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी
    10 May 2022
    एक निजी वेब पोर्टल पर काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर की गई एक टिप्पणी के विरोध में एबीवीपी ने मंगलवार को प्रोफ़ेसर रविकांत के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया। उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में घेर लिया और…
  • अजय कुमार
    मज़बूत नेता के राज में डॉलर के मुक़ाबले रुपया अब तक के इतिहास में सबसे कमज़ोर
    10 May 2022
    साल 2013 में डॉलर के मुक़ाबले रूपये गिरकर 68 रूपये प्रति डॉलर हो गया था। भाजपा की तरफ से बयान आया कि डॉलर के मुक़ाबले रुपया तभी मज़बूत होगा जब देश में मज़बूत नेता आएगा।
  • अनीस ज़रगर
    श्रीनगर के बाहरी इलाक़ों में शराब की दुकान खुलने का व्यापक विरोध
    10 May 2022
    राजनीतिक पार्टियों ने इस क़दम को “पर्यटन की आड़ में" और "नुकसान पहुँचाने वाला" क़दम बताया है। इसे बंद करने की मांग की जा रही है क्योंकि दुकान ऐसे इलाक़े में जहाँ पर्यटन की कोई जगह नहीं है बल्कि एक स्कूल…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License