NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
कोरोना संकट के समय संवदेनहीनता दिखाते अस्पताल और केजरीवाल सरकार!
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों का इलाज होगा। तो दूसरी ओर कुछ निजी अस्पताल जिस तरह भ्रष्टाचार और गैरपेशेवर रवैये का परिचय दे रहे हैं वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
08 Jun 2020
Kejriwal

दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों का इलाज होने की रविवार को घोषणा की। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों के लिए इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं होगा और यदि दूसरे राज्यों के लोग कुछ विशेष ऑपरेशनों के लिए दिल्ली आते हैं, तो उन्हें निजी अस्पतालों में उपचार कराना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मार्च तक दिल्ली के सभी अस्पताल, देश के सभी लोगों के लिये खुले हुए थे। दिल्ली के बाशिंदों ने कभी किसी व्यक्ति को इलाज से मना नहीं किया और दिल्ली में हमेशा ही करीब 60-70 प्रतिशत मरीज अन्य राज्यों के रहे हैं।’

हालांकि केजरीवाल सरकार के इस फैसले का विपक्षी दलों ने विरोध किया है। दिल्ली भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता ने कहा कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह दिल्ली से हो या बाहर से हो, शहर के अस्पतालों में उसका इलाज होना चाहिए।

गुप्ता ने कहा, ‘केजरीवाल सरकार का यह फैसला असंवेदनशील है। वह असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है, जो कि दिल्ली में ध्वस्त हो रही स्वास्थ्य सुविधाओं और कोरोना वायरस महामारी से निपटने में केजरीवाल सरकार की नाकामी है।’

इसी तरह दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अनिल कुमार ने आरोप लगाया, ‘दिल्ली में कोरोना वायरस रोगियों के लिये पर्याप्त बिस्तर नहीं हैं। केजरीवाल को बताना चाहिए कि क्या उनकी सरकार अन्य राज्यों के, खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के उन लोगों को इलाज देने से मना करेगी, जो दिल्ली में रह रहे हैं लेकिन उनके पास कोई पहचान पत्र या पते का सबूत नहीं है।’

आपको बता दें कि दिल्ली में एलएनजेपी अस्पताल, जीटीबी अस्पताल और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल सहित दिल्ली सरकार द्वारा संचालित लगभग 40 सरकारी अस्पताल हैं। राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र द्वारा संचालित बड़े अस्पतालों में एम्स, आरएमएल और सफदरजंग अस्पताल शामिल हैं।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में लगभग 10,000 बिस्तर हैं और लगभग इतने ही बिस्तर दिल्ली स्थित केंद्र संचालित अस्पतालों में हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र संचालित अस्पताल अन्य राज्यों के लोगों का इलाज जारी रखेंगे और उनकी सरकार ने इस बारे में कोई अलग आदेश जारी नहीं किया है।

फिलहाल विश्वव्यापी संकट के समय इलाज के लिए आईकार्ड मांगने का केजरीवाल का यह फैसला असंवेदनशील है तो दूसरी ओर दिल्ली के कुछ निजी अस्पतालों में तो हद ही हो गई है वहां कोविड-19 के बेड की कालाबाजारी के बाद सरकार को चेतावनी देनी पड़ी है। पता चला कि कुछ अस्पताल कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने से मना कर रहे हैं और बेड आवंटित करने के लिए लाखों रुपये मांग रहे हैं।

इसके अलावा ऐसी भी खबरें आईं थी कि किसी दूसरे बीमारी के इलाज के लिए भर्ती होने वाले लोगों से भी जबरिया कोरोना टेस्ट का प्रमाणपत्र कुछ अस्पतालों द्वारा मांगा जा रहा है। जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पहले ही कह चुका है कि यह जांच जरूरी नहीं है।

इसी तरह कोविड-19 की जांच करने वाली प्रयोगशालाओं में भी अनियमितता की खबरें आई हैं। दिल्ली में अनियमितता बरतने वाले छह प्रयोगशालाओं के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है।

गौरतलब है कि कोविड-19 के जिस गंभीर संकट से यह देश गुजर रहा है उसमें अस्पतालों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्यकर्मी कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में हमारे अग्रिम पंक्ति के योद्धा हैं।

अभी तक इस लड़ाई में हमने जो बेहतर काम किया है वह इन्हीं के भरोसे पर किया है लेकिन इन सबके बीच कुछ अस्पतालों द्वारा संवेदनहीन रवैया अपनाए जाने के उदाहरण परेशान करने वाले हैं।

ऐसे में जब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है तो अस्पतालों और सरकार की भूमिका और बढ़ जा रही है लेकिन दुर्भाग्य यह है कि दोनों संस्थाएं अपनी जिम्मेदारी का ठीक ढंग से निर्वहन नहीं कर रही हैं। केजरीवाल के लिए यह और भी बुरी बात इसलिए है क्योंकि उनकी पार्टी बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं का वादा करके दिल्ली की सत्ता पर दोबारा काबिज़ हुई है लेकिन पिछले कुछ दिनों में दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराती नजर आ रही है।

ये भी पढ़ें : दिल्ली: कुछ अच्छा नहीं है कोरोना मरीज़ों का हाल, केजरीवाल सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Coronavirus
COVID-19
Corona in Delhi
delhi hospitals
Arvind Kejriwal
kejriwal sarkar

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • aaj ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    धर्म के नाम पर काशी-मथुरा का शुद्ध सियासी-प्रपंच और कानून का कोण
    19 May 2022
    ज्ञानवापी विवाद के बाद मथुरा को भी गरमाने की कोशिश शुरू हो गयी है. क्या यह धर्म भावना है? क्या यह धार्मिक मांग है या शुद्ध राजनीतिक अभियान है? सन् 1991 के धर्मस्थल विशेष प्रोविजन कानून के रहते क्या…
  • hemant soren
    अनिल अंशुमन
    झारखंड: भाजपा काल में हुए भवन निर्माण घोटालों की ‘न्यायिक जांच’ कराएगी हेमंत सोरेन सरकार
    18 May 2022
    एक ओर, राज्यपाल द्वारा हेमंत सोरेन सरकार के कई अहम फैसलों पर मुहर नहीं लगाई गई है, वहीं दूसरी ओर, हेमंत सोरेन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार-घोटाला मामलों की न्यायिक जांच के आदेश…
  • सोनिया यादव
    असम में बाढ़ का कहर जारी, नियति बनती आपदा की क्या है वजह?
    18 May 2022
    असम में हर साल बाढ़ के कारण भारी तबाही होती है। प्रशासन बाढ़ की रोकथाम के लिए मौजूद सरकारी योजनाओं को समय पर लागू तक नहीं कर पाता, जिससे आम जन को ख़ासी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है।
  • mundka
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुंडका अग्निकांड : क्या मज़दूरों की जान की कोई क़ीमत नहीं?
    18 May 2022
    मुंडका, अनाज मंडी, करोल बाग़ और दिल्ली के तमाम इलाकों में बनी ग़ैरकानूनी फ़ैक्टरियों में काम कर रहे मज़दूर एक दिन अचानक लगी आग का शिकार हो जाते हैं और उनकी जान चली जाती है। न्यूज़क्लिक के इस वीडियो में…
  • inflation
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब 'ज्ञानवापी' पर हो चर्चा, तब महंगाई की किसको परवाह?
    18 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकार के पास महंगाई रोकने का कोई ज़रिया नहीं है जो देश को धार्मिक बटवारे की तरफ धकेला जा रहा है?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License