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हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
सोनिया यादव
04 Jun 2022
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Image courtesy : Feminism in India

तेलंगना का हैदराबाद एक बार फिर गैंगरेप को लेकर सुर्खियों में है। इस बार मामला एक मर्सिडीज़ कार में 17 साल की एक नाबालिग से कथित गैंगरेप का है। केस हाई-प्रोफाइल है और खबरों के अनुसार आरोपियों में एक विधायक का बेटा भी शामिल है। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में दो नाबालिगों सहित कुल तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है, लेकिन अभियुक्तों की किसी भी तरह की जानकारी देने से इंकार कर दिया है।

बता दें कि इससे पहले हैदराबाद दिशा गैंगरेप को लेकर खबरों में था, जिसमें चार अभियुक्तों का पुलिस द्वारा इनकाउंटर का दावा गलत निकला था। उस समय हैदराबाद पुलिस की देशभर में जय-जयकार हो रही थी, मगर अब सिरपुरकर आयोग की रिपोर्ट ने सभी दस पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा चलाने की सिफारिश की है।

क्या है पूरा मामला?

पुलिस की जानकारी के मुताबिक गैंगरेप का यह मामला 28 मई का है। जिसमें पांच अभियुक्तों ने एक कार में नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप किया। पीड़ित लड़की के पिता ने 31 मई की रात को जुबली हिल्स पुलिस स्टेशन में घटना के संबंध में शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने शिकायत में बताया कि पीड़ित लड़की के साथ छेड़छाड़ और मारपीट हुई है। उनके अनुसार घटना के बाद से लड़की सदमे में है और इस स्थिति में नहीं है कि वो इस घटना के बारे में और अधिक जानकारी दे पाए।

पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 354( जिसमें अगर कोई व्यक्ति ज़बरदस्ती एक महिला पर उसकी लज्जा भंग करने के इरादे से हमला करे तो उसे न्यूनतम एक साल और अधिकतम पाँच साल की सज़ा दी जा सकती है), 323 और पोक्सो अधिनियम के सेक्शन 9, 10 के तहत एफ़आईआर दर्ज की। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई को आगे बढ़ात हुए पीड़ित लड़की को 'भरोसा' नाम के एक हेल्प-सेंटर भेजा, जहां ऐसी पीड़ित महिलाओं और बच्चियों की काउंसलिंग की जाती है।

पीड़िता ने बयान में बताई यौन-शोषण की बात

पीड़ित लड़की के बयान और प्रारंभिक जानकारी के आधार पर पुलिस ने बताया कि आरोपी नशे में नहीं थे। पुलिस ने बताया कि 28 मई की रात को लड़की के कुछ दोस्तों ने जुबली हिल्स में 'एम्नेशिया एंड इन्सोमेनिया' नाम के एक पब में पार्टी दी थी। पीड़ित लड़की इसी पार्टी में शामिल होने के लिए गई हुई थी। क्लब का दावा है कि वह एक नॉन-एल्कोहॉलिक पार्टी (जिसमें शराब की व्यवस्था नहीं थी) थी।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक शाम क़रीब पांच-साढ़े पांच बजे पीड़ित लड़की और अभियुक्त लड़कों का ये ग्रुप पब के बाहर निकला। इस ग्रुप के लड़कों ने लड़की को उसके घर तक ड्रॉप करने का ऑफ़र दिया। इसके बाद पीड़ित लड़की अभियुक्तों के साथ उनकी कार से ही एक पेस्ट्री की दुकान पर भी गई। उसके बाद अभियुक्त लड़की को एक जगह ले गए, जहां उसके बाद उन्होंने कार में उसके साथ गैंगरेप किया।

घटना की जानकारी देते हुए वेस्ट ज़ोन, हैदराबाद के डीसीपी जोएल डेविस ने मीडिया को बताया कि पीड़ित लड़की ने काउंसलिंग के दौरान अपने साथ हुए यौन-शोषण के बारे में विस्तार से बताया। लड़की से जब आरोपियों के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि उसे सिर्फ़ एक अभियुक्त का ही नाम याद है।

डीसीपी जोएल डेविस ने कहा कि लड़की से मिली जानकारी और कॉल डेटा, सीसीटीवी फ़ुटेज की जांच के बाद चार अन्य अभियुक्तों की भी पहचान कर ली गई। पीड़ित लड़की के बयान के आधार पर एफ़आईआर में बदलाव करते हुए इसमें सामूहिक-बलात्कार के तहत मामला रजिस्टर किया गया और अब इस मामले में आईपीसी की धारा 376डी जोड़ दी गई है। पॉक्सो की धाराएं पहले से ही लगी हुई हैं।

पक्ष-विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप

मीडिया में मामले के तूल पकड़ने के बाद सामूहिक बलात्कार की यह घटना राजनीतिक मोड़ भी लेने लगी। पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप के दौर शुरू हो गए और कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं। इस घटना ने प्रदेश में एक नए राजनीतिक विवाद को भी जन्म दिया है।

सरकार और पुलिस प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए राज्य के विपक्षी दल बीजेपी ने इस मामले में कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी के मुताबिक जिन पांच अभियुक्तों के नाम इस घटना में सामने आए हैं वे सत्तारूढ़ टीआरएस और एआईएमआईएम के नेताओं के परिवार से हैं। बीजेपी का आरोप है कि इसी कारण इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।

बीजेपी की ओर से यह भी आरोप लगाया गया है कि इस मामले में जिन अभियुक्तों की पहचान की गई है उनमें से एक राज्य के गृह मंत्री महमूद अली का पोता है। इसके अलावा एआईएमआईएम के एक विधायक का बेटा और वक्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष का बेटा भी शामिल है। बीजेपी ने सभी अभियुक्तों की गिरफ़्तारी की मांग करते हुए जुबली हिल्स थाने के सामने धरना भी दिया। वहीं कांग्रेस भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग कर रही है।

हालांकि वैस्ट ज़ोन के डीसीपी ने मीडिया के एक सवाल के जवाब में बताया कि इस मामले में गृह मंत्री के पोते की कोई संलिप्तता नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस एआईएमआईएम के एक विधायक के बेटे की कथित भूमिका को लेकर जांच कर रही है। उन्होंने माना कि अभियुक्तों में से एक वीआईपी का बेटा है। हालांकि अभियुक्त के नाबालिग होने का हवाला देते हुए उन्होंने किसी भी तरह की जानकारी देने से इनकार कर दिया।

टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और तेलंगाना के नगर प्रशासन और शहरी विकास मंत्री कलवकुंतला तारक रामाराव (केटीआर) ने गृह मंत्री से अपराधियों के ख़िलाफ़ तुरंत और सख़्त कार्रवाई करने की मांग की है।केटीआर ने 3 जून को ट्वीट कर लिखा- "हैदराबाद में एक नाबालिग के साथ बलात्कार की ख़बर से स्तब्ध हूं। गृह मंत्री से तत्काल और कड़ी कार्रवाई करने की अपील करता हूं। इस मामले में शामिल किसी भी शख़्स को उसके स्टेटस के आधार पर बख़्शा ना जाए।"

Outraged & shocked with the news of the rape of a minor in Hyderabad

Request HM @mahmoodalitrs Garu @TelanganaDGP Garu and @CPHydCity to take immediate & stern action. Please don’t spare anyone involved irrespective of their statuses or affiliations

— KTR (@KTRTRS) June 3, 2022

केटीआर के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए गृह मंत्री ने भी जवाब देते हुए लिखा, "बिल्कुल केटीआर। यह एक भयावह घटना है। सभी अपराधियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो।"

Sure @KTRTRS sir. It is a ghastly incident. Strong action will be taken against all the offenders, irrespective of their background. @TelanganaDGP & @CPHydCity have already been directed to make out efforts & arrest all the accused at the earliest & take strong action as per law. https://t.co/6I7XbCPiUy

— Mohammed Mahmood Ali (@mahmoodalitrs) June 3, 2022

ग़ौरतलब है कि देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहे। सरकार भले ही कई योजनाओं और पुख्ता सुरक्षा का दावा करती हो, लेकिन सच्चाई आज भी जस की तस बनी हुई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले एनसीआरबी के आंकड़ों को देखें तो कि साल 2020 में पूरे देश में महिलाओं के विरूद्ध अपराध के कुल 3,71,503 मामले दर्ज किए गए जो 2019 में 4,05,326 थे और 2018 में 3,78,236 थे। साल 2020 में 28 हज़ार से अधिक बलात्कार की घटनाएं थी, जिनमें 2,655 नाबालिग शिकार बनी थीं। जाहिर महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण सरकारों की बातों में आगे लेकिन प्राथमिकता में कहीं दूर नज़र आते हैं।

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