NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान
यूएन में आईसीजे ने कहा, पाकिस्तान ने जाधव मामले में वियना संधि का उल्लंघन किया
भारत के लिए एक बड़ी जीत के रूप में आईसीजे ने फैसला सुनाया था कि पाकिस्तान को जाधव को दी गई मौत की सजा की समीक्षा करनी चाहिए।
भाषा
31 Oct 2019
kulbhushan jadhav
Image courtesy: NewsTrack

संयुक्त राष्ट्र: अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के अध्यक्ष न्यायाधीश अब्दुलकावी यूसुफ ने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा को बताया कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान ने वियना संधि के तहत अपने दायित्वों का उल्लंघन किया।

महासभा में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की रिपोर्ट पेश करते हुए यूसुफ ने 17 जुलाई के अपने फैसले में कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख न्यायिक अंग ने ‘पाया कि पाकिस्तान ने वियना संधि के अनुच्छेद 36 के तहत अपने दायित्वों का उल्लंघन किया था और इस मामले में उचित उपाय किए जाने बाकी थे।’

भारत के लिए एक बड़ी जीत के रूप में आईसीजे ने फैसला सुनाया था कि पाकिस्तान को जाधव को दी गई मौत की सजा की समीक्षा करनी चाहिए, जो भारतीय नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी थे और जिन्हें पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी।

भारत की दलील थी कि उसके नागरिक को दूतावास तक पहुंच नहीं मुहैया कराई गई, जो 1963 की वियना संधि का उल्लंघन है। यूसुफ की अगुवाई वाली पीठ ने ‘कुलभूषण सुधीर जाधव की सजा की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार का आदेश दिया था।’ यूसुफ ने महासभा में अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए जाधव मामले में अदालत के फैसले के कई पहलुओं पर विस्तार से बताया।

kulbhushan jadhav
UN
Vienna Agreement
india-pakistan

Related Stories

UN में भारत: देश में 30 करोड़ लोग आजीविका के लिए जंगलों पर निर्भर, सरकार उनके अधिकारों की रक्षा को प्रतिबद्ध

कार्टून क्लिक: पर्यटन की हालत पर क्यों मुस्कुराई अर्थव्यवस्था!

अपने क्षेत्र में असफल हुए हैं दक्षिण एशियाई नेता

वार इन गेम: एक नया खेल

कितना याद रखें, कितना मन को मनाएं और कितना भूलें? 

15 अगस्त 1947: आज़ादी की ख़ुशी के साथ था बँटवारे का सदमा

बंटवारे का दर्द: जो हो चुका या जो किया जा रहा है!

आगरा शिखर सम्मलेन: भारत-पाकिस्तान के रिश्तों का अहम पड़ाव

संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने स्टेन स्वामी के निधन पर दुख जताया

किसी लापता सैनिक के मानवाधिकारों की हिफ़ाज़त कौन करेगा?


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License