NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
भारतीय अर्थशास्त्री जयती घोष संयुक्त राष्ट्र आर्थिक-सामाजिक समिति के उच्च स्तरीय सलाहकार बोर्ड में शामिल
घोष को 12 सदस्यीय बोर्ड में नामित किया गया है, जिसके काम में महासचिव के शासकीय कार्यालय के करीबी समन्वय के साथ संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय के नीति अनुसंधान केंद्र द्वारा सहयोग दिया जाएगा।
भाषा
21 Mar 2022
Jayati Ghosh

भारतीय विकास अर्थशास्त्री जयती घोष को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने प्रभावी बहुपक्षवाद पर एक नए उच्च स्तरीय सलाहकार बोर्ड में नियुक्त किया है।

घोष (66) यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाच्युसेट्स आम्हर्स्ट में प्रोफेसर हैं। वह पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज में आर्थिक अध्ययन और योजना केंद्र की अध्यक्ष और अर्थशास्त्र की प्रोफेसर रह चुकी हैं। वह अर्थव्यवस्था और सामाजिक मामलों पर संयुक्त राष्ट्र के उच्च स्तरीय सलाहकार बोर्ड की भी सदस्य हैं।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने गत शुक्रवार को प्रभावी बहुपक्षवाद पर सलाहकार बोर्ड की स्थापना की घोषणा की थी जिसकी सह-अध्यक्षता लाइबेरिया की पूर्व राष्ट्रपति और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित एलेन जॉनसन सरलीफ और स्वीडन के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन करेंगे।

घोष को 12 सदस्यीय बोर्ड में नामित किया गया है, जिसके काम में महासचिव के शासकीय कार्यालय के करीबी समन्वय के साथ संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय के नीति अनुसंधान केंद्र द्वारा सहयोग दिया जाएगा।

गुतारेस ने पिछले साल जनवरी में घोष को कोविड-19 के बाद की स्थिति में दुनिया में सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव को सिफारिशें देने वाले उच्च स्तरीय सलाहकार बोर्ड में शामिल किया था।

Jayati Ghosh
United Nations Economic-Social Committee
COVID-19
Indian economist
Antonio Guterres

Related Stories

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक

महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 

जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप

कोरोना अपडेट: देश में एक हफ्ते बाद कोरोना के तीन हज़ार से कम मामले दर्ज किए गए

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

WHO और भारत सरकार की कोरोना रिपोर्ट में अंतर क्य़ों?


बाकी खबरें

  • BJP
    अनिल जैन
    खबरों के आगे-पीछे: अंदरुनी कलह तो भाजपा में भी कम नहीं
    01 May 2022
    राजस्थान में वसुंधरा खेमा उनके चेहरे पर अगला चुनाव लड़ने का दबाव बना रहा है, तो प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया से लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इसके खिलाफ है। ऐसी ही खींचतान महाराष्ट्र में भी…
  • ipta
    रवि शंकर दुबे
    समाज में सौहार्द की नई अलख जगा रही है इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा
    01 May 2022
    देश में फैली नफ़रत और धार्मिक उन्माद के ख़िलाफ़ भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) मोहब्बत बांटने निकला है। देशभर के गावों और शहरों में घूम कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन किए जा रहे हैं।
  • प्रेम कुमार
    प्रधानमंत्री जी! पहले 4 करोड़ अंडरट्रायल कैदियों को न्याय जरूरी है! 
    01 May 2022
    4 करोड़ मामले ट्रायल कोर्ट में लंबित हैं तो न्याय व्यवस्था की पोल खुल जाती है। हाईकोर्ट में 40 लाख दीवानी मामले और 16 लाख आपराधिक मामले जुड़कर 56 लाख हो जाते हैं जो लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट की…
  • आज का कार्टून
    दिन-तारीख़ कई, लेकिन सबसे ख़ास एक मई
    01 May 2022
    कार्टूनिस्ट इरफ़ान की नज़र में एक मई का मतलब।
  • राज वाल्मीकि
    ज़रूरी है दलित आदिवासी मज़दूरों के हालात पर भी ग़ौर करना
    01 May 2022
    “मालिक हम से दस से बारह घंटे काम लेता है। मशीन पर खड़े होकर काम करना पड़ता है। मेरे घुटनों में दर्द रहने लगा है। आठ घंटे की मजदूरी के आठ-नौ हजार रुपये तनखा देता है। चार घंटे ओवर टाइम करनी पड़ती है तब…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License