NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इराक़ः विरोध की सालगिरह के मौक़े पर हज़ारों लोग सड़कों पर उतरे
राजधानी बगदाद और देश के दक्षिण में कई अन्य शहरों में इस महीने की शुरुआत में इसी तरह विरोध की सालगिरह का आयोजन किया गया।
पीपल्स डिस्पैच
26 Oct 2020
इराक

पिछले साल के विरोध प्रदर्शनों की सालगिरह के मौक़े पर देश के विभिन्न हिस्सों में हज़ारों इराक़ी रविवार 25 अक्टूबर को सड़कों पर उतरे। इराक़ की राजनीतिक व्यवस्था में पूरी तरह बदलाव करने और भ्रष्टाचार को समाप्त करने की अपनी मांगों को फिर दोहराते हुए प्रदर्शनकारियों ने कई शहरों में मार्च निकाला। कई प्रदर्शनकारी पोस्टर और बैनर लिए हुए थे जिसमें प्रदर्शन की सालगिरह को लिखा गया था।

पुलिस ने बगदाद में प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की और आंसू गैस का इस्तेमाल किया जिससे कई प्रदर्शनकारियों को चोटे आईं।

1 अक्टूबर को इसी तरह की सालगिरह विरोध प्रदर्शन की गई थी जिसमें हज़ारों लोग विरोध करने के लिए पहुंचे थे। प्रदर्शनकारियों ने मुस्तफा अल-कदीमी की अगुवाई वाली नई सरकार को प्रदर्शनकारियों की हत्या को लेकर किए गए जांच के वादों को पूरा करने अल्टीमेटम दिया या नए सिरे से विरोध प्रदर्शन का सामना करने के लिए तैयार रहे।

बुनियादी सुविधाओं, व्यापक भ्रष्टाचार और रोज़गार देने और बढ़ती ग़रीबी को नियंत्रित करने में सरकार की विफलता के ख़िलाफ़ पिछले साल राजधानी बगदाद और देश के दक्षिणी शहरों में भड़के विरोध प्रदर्शनों में 500 से अधिक लोग मारे गए हैं।

प्रदर्शनकारियों ने देश में सभी विदेशी हस्तक्षेप को समाप्त करने और इराक की राजनीतिक व्यवस्था में पूरी तरह बदलाव करने की मांग की थी। इस विरोध प्रदर्शन के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री आदेल अब्दुल महदी को इस्तीफ़ा देना पड़ा था। इस साल मई महीने तक इराक़ को एक नया प्रधानमंत्री मिला।

मुस्तफा अल-कदीमी जिन्होंने इस साल मई महीने में प्रधानमंत्री का पद संभाला था उन्होंने तब से भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ सख्त रुख अपनाने की घोषणा की है। उन्होंने अगले साल जून में इराक़ी संसद के लिए नए चुनावों की भी घोषणा की है।

मार्च महीने में कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप ने प्रदर्शनकारियों को सड़कों पर प्रदर्शन बंद करने के लिए मजबूर किया। हालांकि, पिछले महीने से प्रदर्शनकारी फिर से सड़कों पर उतरने लगे हैं।

Iraq
Baghdad
Baghdad Protest

Related Stories

बढ़ती बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ इराक़ में विरोध प्रदर्शन, प्रमुख तेल रिफ़ाइनरी बंद

इराक़ : नई सरकार के लुभावने वादों के बावजूद फिर शुरू हुआ विरोध

तुम ज़मीं पे ‘ज़ुल्म’ लिखो, आसमान में 'इंक़लाब' लिखा जाएगा

जामिया में फिर चली गोली, सफ़ाईकर्मी की मौत और अन्य ख़बरें

अमेरिकी सैनिकों की वापसी की मांग को लेकर इराक में भारी विरोध प्रदर्शन

इराक में किसी ‘दबंग इंसान’ की वापसी की साज़िश रच रहा है अमेरिका

कैट्स कर्मचारियोें का अनशन, सरकार को मिली आरबीआई से  बड़ी राशि और अन्य 


बाकी खबरें

  • भाषा
    चारा घोटाला: झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू यादव को डोरंडा कोषागार मामले में ज़मानत दी
    22 Apr 2022
    लालू प्रसाद के खिलाफ रांची में चारा घोटाले का यह अंतिम मामला था और अब उनके खिलाफ पटना में ही चारा घोटाले के मामले विचाराधीन रह गये हैं। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में…
  • अजय कुमार
    जहांगीरपुरी में चला बुल्डोज़र क़ानून के राज की बर्बादी की निशानी है
    22 Apr 2022
    बिना पक्षकार को सुने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। कानून द्वारा निर्धारित यथोचित प्रक्रिया को अपनाए बिना किसी तरह के डिमोलिशन की करवाई करना अन्याय है। इस तरह के डिमोलिशन संविधान के अनुच्छेद…
  • लाल बहादुर सिंह
    संकट की घड़ी: मुस्लिम-विरोधी नफ़रती हिंसा और संविधान-विरोधी बुलडोज़र न्याय
    22 Apr 2022
    इसका मुकाबला न हिन्दू बनाम हिंदुत्व से हो सकता, न ही जातियों के जोड़ गणित से, न केवल आर्थिक, मुद्दा आधारित अर्थवादी लड़ाइयों से। न ही महज़ चुनावी जोड़ तोड़ और एंटी-इनकंबेंसी के भरोसे इन्हें परास्त किया…
  • अनिल अंशुमन
    झारखंड: पंचायत चुनावों को लेकर आदिवासी संगठनों का विरोध, जानिए क्या है पूरा मामला
    22 Apr 2022
    कई आदिवासी संगठन पंचायती चुनावों पर रोक लगाने की मांग को लेकर राजभवन पर लगातार धरना दे रहें हैं। 
  • अनिल जैन
    मुद्दा: हमारी न्यायपालिका की सख़्ती और उदारता की कसौटी क्या है?
    22 Apr 2022
    कुछ विशेष और विशिष्ट मामलों में हमारी अदालतें बेहद नरमी दिखा रही हैं, लेकिन कुछ मामलों में बेहद सख़्त नज़र आती हैं। उच्च अदालतों का यह रुख महाराष्ट्र से लेकर पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली और दूसरे…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License