NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इज़रायल : राष्ट्रपति ने बेनी गेंट्ज़ को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया
इज़रायली राजनीति के इतिहास में एक अभूतपूर्व क़दम उठाते हुए अरब जोइंट लिस्ट ने बेनी गेंट्ज़ के नेतृत्व वाले ब्लू एंड व्हाइट गठबंधन का समर्थन करने का फ़ैसला किया है।
पीपल्स डिस्पैच
16 Mar 2020
इज़रायल

इज़रायली आर्मी के चीफ़ रहने के बाद राजनीति में आए, और सेंटरिस्ट ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के नेता बेनी गेंट्ज़ को रविवार 15 मार्च को इज़रायली राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन ने सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है।

इज़रायल में 2 मार्च को चुनाव हुए थे, जो एक साल से भी कम समय में होने वाला तीसरा चुनाव था। इस चुनाव में भी किसी पार्टी को बहुमत मिलना मुमकिन नहीं हो सका था।

रिवलिन ने गेंट्ज़ को बाद में बहुमत की गठबंधन सरकार बनाने का पहला मौका देने का फैसला किया। इससे पहले उन्होंने इज़रायल केनेसट के 61 सदस्यों से समर्थन और सिफ़ारिश के पत्र प्राप्त किए, केवल 58 के विपरीत जो वर्तमान प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्राप्त किया। एक कनेसेट सदस्य ने प्रधानमंत्री के लिए दोनों में से किसी एक का समर्थन करने और सिफ़ारिश करने से इनकार कर दिया।

जोइंट लिस्ट, जो इज़रायल की अरब पार्टियों के साथ बनी है, उसके पास 15 सीटें हैं। वो देश की 21% अरब आबादी का प्रतिनिधित्व करती है। उसने गेंट्ज़ की ब्लू एंड व्हाइट का समर्थन करने का फ़ैसला लिया है, जिसके पास अभी कनेसेट में 33 सीटें हैं। गेंट्ज़ को अविगडोर लिबेरमैन की पार्टी का भी समर्थन मिला है जो पहले किसी का समर्थन ना करने वाली थी।

तीन वामपंथी दलों में से दो, लेबर और मेरिट्ज़ ने भी प्रधानमंत्री के लिए गैंटज़ के नाम का समर्थन किया। जबकि गेशर पार्टी ने किसी का समर्थन न करने का निर्णय लिया।

इंट लिस्ट के नेता एमन ओदह ने पहले ही कह दिया था कि वो सिर्फ़ गेंट्ज़ का समर्थन करेंगे और गेंट्ज़ और नेतन्याहु के गठबंधन का समर्थन नहीं करेंगे। यदि अरब पार्टियां सरकार में शामिल हो जाती हैं, तो ऐसा इज़रायल के 70 साल के इतिहास में पहली बार होगा।

कुछ दिनों पहले तक एक एकता सरकार की संभावना थी जब इज़रायल के राष्ट्रपति ने नेतन्याहू और गैंट्ज़ दोनों को एक साथ दोनों नेताओं के साथ अपनी बैठक में अपने मतभेदों को हल करने का सुझाव दिया था।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Israel
Reuven Rivlin
Benny Gantz
Likud
Israel Resilience Party
International news

Related Stories

दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका में महिलाओं के हक़ पर हमला, गर्भपात अधिकार छीनने की तैयारी, उधर Energy War में घिरी दुनिया

रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

दुनिया भर की: सोमालिया पर मानवीय संवेदनाओं की अकाल मौत

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License