NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
गंभीर रूप से बीमार फिलीस्तीनी व्यक्ति को इसराइल के अधिकारी सुनसान जगह पर छोड़ गए
अज्ञात व्यक्ति ने कोरोनोवायरस को लेकर जांच कराया था। पिछले चार दिनों से इस वायरस के लक्षण सामने आ रहे थे।
पीपल्स डिस्पैच
24 Mar 2020
फिलिस्तीन
जमीन पर पड़ा व्यक्ति फ़िलिस्तीनी मजदूर था जो इज़राइल में काम करता है। (फेसबुक / स्क्रीनग्रैब)

फिलिस्तीनियों के प्रति कब्जे वाली मानसिकता और उदासीनता का एक क्रूर और अमानवीय मामला सामने आया है। इजरायल के अधिकारियों ने सोमवार 23 मार्च को इजरायली राज्य के फिलिस्तीनी-बहुसंख्यक शहर नाबलुस के रहने वाले एक फिलीस्तीनी व्यक्ति को उठा लिया और उसे इज़राइली चौकी के फिलिस्तीनी के नियंत्रण वाले वेस्ट बैंक ले जाकर छोड़ दिया। इसकी जानकारी मिडिल ईस्ट आई ने दी है।

उस व्यक्ति को काफी तेज़ बुखार था जिसके चलते वह चलने फिरने में असमर्थ था। उसे सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी और जमीन पर पड़ा हुआ था, दर्द से कराह रहा था। साफ तौर पर देखा जा सकता था कि उसकी तबीयत बुरी तरह खराब है। इन सबके बावजूद उसे इजरायली अधिकारी छोड़ कर चले गए।

ये अज्ञात फिलिस्तीनी व्यक्ति कथित रूप से इज़राइल में मजदूर के तौर पर काम कर रहा था और पिछले चार दिनों से कोरोनोवायरस के लक्षण दिख रहे थे। वायरस के लिए उसकी जांच की गई थी और वह रिपोर्ट का इंतजार कर रहा था। गंभीर रुप से बीमार इस व्यक्ति का वीडियो बनाने वाले इब्राहिम अबू सफ़िया ने ये बात कही।

मिडिल ईस्ट आई ने भी सफ़िया के हवाले से लिखा है कि उस व्यक्ति ने उन्हें बताया कि इससे पहले कि उसे अपने जांच की रिपोर्ट मिल पाता उसके इजरायल के नियोक्ता ने उसकी हालत के बारे में इज़राइली अधिकारियों को सूचित किया। अधिकारियों ने तब उसे बिना किसी चेतावनी या जानकारी के उठा लिया और उसे इज़राइली चौकी के दूसरी तरफ उसे मरने के लिए छोड़ दिया।

जबसे सफिया ने इस वीडियो को रिकॉर्ड किया है तब से फिलिस्तीन की सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। सफिया ने इलाके के स्थानीय फिलिस्तीनियों को भी इस व्यक्ति की हालत के बारे में बताया फिर लोगों ने उस व्यक्ति को अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस भेजने को लेकर फ़िलस्तीनी आपात सेवाओं को फोन किया।

कब्जे वाले फ़िलिस्तीनियों का इज़राइल में इलाज अक्सर अमानवीय रहा है और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानूनों के सभी मानदंडों का उल्लंघन करता रहा है। पिछले महीने इजरायल के अधिकारियों ने गजन के एक व्यक्ति को गोली मारने के बाद उसके शव को बुलडोजर से लटका दिया था। शहर के लोगों में कोरोना वायरस के बड़े पैमाने पर संक्रमण के मामले में आपदा की अधिक संभावना के बावजूद पर्याप्त चिकित्सा की उपलब्धता से वंचित करते हुए उन्होंने गाजा के नाकेबंदी को हटाने से इनकार कर दिया है। ज्ञात हो कि इस शहर का घनत्व काफी ज़्यादा है और इस तरह की महामारी से निपटने के लिए उचित स्वास्थ्य व्यवस्था की काफी कमी है।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Palestine
Israel
International news
International Humanitarian Laws

Related Stories

दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका में महिलाओं के हक़ पर हमला, गर्भपात अधिकार छीनने की तैयारी, उधर Energy War में घिरी दुनिया

रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

दुनिया भर की: सोमालिया पर मानवीय संवेदनाओं की अकाल मौत

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License