NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आर्थिक संकट के लिए ईश्वर को कोसना उचित नहीं, सरकार की नीतियां ज़िम्मेदार : भाकपा
भाकपा सदस्य ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया और मनरेगा की तर्ज पर एक राष्ट्रीय रोजगार योजना बनाने की मांग की।
भाषा
05 Feb 2021
Rajya sabha

नयी दिल्ली:  राज्यसभा में शुक्रवार को भाकपा (CPI) ने आर्थिक संकट को ‘‘भगवान का कृत्य (एक्ट ऑफ गॉड)’’ बताने के लिए सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मौजूदा स्थिति के लिए ईश्वर नहीं बल्कि पूरी तरह से केंद्र की नीतियां जिम्मेदार हैं।

भाकपा सदस्य विनय विश्वम ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये का वित्तीय पैकेज केवल एक "दिखावा" था क्योंकि केवल दो लाख करोड़ रुपये ही लोगों तक पहुंचे।

भाकपा सदस्य ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया और मनरेगा की तर्ज पर एक राष्ट्रीय रोजगार योजना बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं में बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए मनरेगा की तरह ही रोजगार योजना होनी चाहिए।

विश्वम ने कहा कि वित्त मंत्री ने कोविड-19 और अर्थव्यवस्था में संकट को ईश्वर का कृत्य बताया। उन्होंने सवाल किया, ‘‘यह ईश्वर का कृत्य कैसे हो सकता है?"

उन्होंने कहा कि यह सच है कि लॉकडाउन के दिनों में देश को मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस महामारी आने के पहले ही गिर रही थी।

भाकपा सदस्य ने कहा, ‘‘वह दोष ईश्वर पर डालने की कोशिश नहीं करें। मैं ईश्वर में विश्वास नहीं करता हूं, लेकिन मैं सभी धर्मों के सच्चे अनुयायियों में विश्वास करता हूं। मुझे यकीन है कि ईश्वर इतना क्रूर नहीं है। ईश्वर इतना क्रूर नहीं हो सकता। इसलिए ईश्वर पर दोष नहीं मढ़ें। दोषी ईश्वर नहीं सरकार की नीतियां हैं।’’

CPI
economic crises
COVID-19
BJP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 


बाकी खबरें

  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: पंजाब पुलिस का दिल्ली में इस्तेमाल करते केजरीवाल
    24 Apr 2022
    हर हफ़्ते की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर एक बार फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    बर्तोल्त ब्रेख्त की कविता 'लेनिन ज़िंदाबाद'
    24 Apr 2022
    लेनिन की 152वीं जयंती के महीने में पढ़िए बर्तोल्त ब्रेख्त की कविता।
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: जय…जय बुलडोजर देवता
    24 Apr 2022
    हमें ऐसा देवता चाहिए था जो न्याय करने से पहले ही सब कुछ देख ले। जो सजा सुनाने से पहले ही देख ले कि अभियुक्त का धर्म क्या है, जाति क्या है, ओहदा क्या है और रुतबा कितना है। और यह भी कि अभियुक्त की माली…
  • अरविंद दास
    फ़िल्म निर्माताओं की ज़िम्मेदारी इतिहास के प्रति है—द कश्मीर फ़ाइल्स पर जाने-माने निर्देशक श्याम बेनेगल
    24 Apr 2022
    जाने-माने फ़िल्म निर्माता और दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से नवाज़े गये श्याम बेनेगल ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख़ मुजीबुर्रहमान की ज़िंदगी पर आधारित अपनी आने वाली बायोपिक फ़िल्म और दूसरे मुद्दों पर…
  • सीमा आज़ाद
    लाखपदर से पलंगपदर तक, बॉक्साइड के पहाड़ों पर 5 दिन
    24 Apr 2022
    हमने बॉक्साइड के पहाड़ों की अपनी पैदल वाली यात्रा नियमगिरी के लाखपदर से शुरू की और पलंगपदर पर समाप्त की। यह पांच दिन की यात्रा और यहां रहना एक ऐसा अनुभव है, जो प्रकृति के बारे में, धरती और जीवन के…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License