NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
भारत
राजनीति
पिता की सैलरी रोके जाने पर कश्मीरी युवा ने खुदकुशी की, राजनीतिक पार्टियों की तरफ से जांच की अपील 
एक वीडियो में, 24 वर्षीय युवक ने दावा किया कि उसका परिवार अत्यधिक संकट में है, क्योंकि प्रशासन ने उसके पिता की दो वर्षों से सैलरी रोक रखी है, जो एक सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। 
अनीस ज़रगर
01 Jun 2021
पिता की सैलरी रोके जाने पर कश्मीरी युवा ने खुदकुशी की, राजनीतिक पार्टियों की तरफ से जांच की अपील 
फाइल फोटो 

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक पार्टियां तथाकथित खुदकुशी मामले की जांच कराए जाने की मांग कर रही हैं। यह मांग उन्होंने दक्षिण कश्मीर के कुलगांव जिले के एक युवक का वीडियो वायरल होने के बाद की है, जिसमें दावा किया गया है कि परिवार की खस्ता आर्थिक हालत की वजह से वह खुदकुशी कर रहा है। 

24 वर्षीय युवक ने वीडियो में दावा किया है कि उसका परिवार अत्यंत ही खस्ता हालत में रह रहा है और अपना वजूद बनाए रखने के लिए जूझ रहा है क्योंकि अथॉरिटी ने उसके पिता की सैलरी  पिछले 2 साल से रोक रखी है-जो एक सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। उस युवक ने दावा किया कि वह उन सभी शिक्षकों के लिए भी खुदकुशी कर रहा है, जिनको उनके पिता की तरह ही वर्षों से पगार नहीं दी जा रही है। 

पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है। हालांकि इस घटना ने पूरे क्षेत्र को सदमे में ला दिया है और इसे लेकर प्रशासन की तीव्र निंदा की जा रही है। 

पीड़ित युवक के पिता कुलगांव में एक सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। 1990 के दशक में उग्रवाद-आतंकवाद में लिप्त होने की वजह से पहले तो उन्हें “प्रतिकूल” सूची में डाला गया और फिर उनकी सैलरी रोक दी गई। 

प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया है कि “एक आदमी ने अपने पिता की तरह बाकी शिक्षकों के बदतर हालात को रोशनी में लाने के लिए अपनी जान  कुर्बान कर दी है, जिनकी सैलरी 2018 से ही रोक दी गई है। उसकी  खुदकुशी के लिए और ऐसे परिवार की आर्थिक तंगहाली पर मजबूर करने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन को कसूरवार ठहराया जाना चाहिए। उम्मीद है कि नया सीएस अपने पूर्वजों की तुलना में अधिक मानवीय दृष्टि अपनाएंगे।”

 कांग्रेस पार्टी ने इस घटना को “अत्यधिक स्तब्धकारी और दुर्भाग्यपूर्ण” बताया है। पार्टी के प्रवक्ता ने एक वक्तव्य में कहा, यह घटना सरकार को अपने अधिकारियों की ऐंठ की तरफ ध्यान देने के लिए बाध्य करेगी, जो “निराशाजनक और अमानवीय” है। 

बयान में कहा गया है, “ दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और जो इस खास मामले में संलिप्त हैं, उन पर शिक्षक के बेटे को खुदकुशी के लिए उकसाने और बातें करने के लिए मुकदमा चलाया जाना चाहिए।” 

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (मार्क्सिस्ट) के नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने भी इस मामले की “तय समय सीमा में जांच करने और इस घटना के लिए जिम्मेदारी तय किए जाने” की मांग की। तारिगामी कुलगांव विधानसभा का ही 1996 से लेकर 2018 तक प्रतिनिधित्व करते रहे थे। 

“यदि उसके पिता के पूर्व आतंकवादी होने की रिपोर्ट सही है, तो इसकी जांच उन्हें नौकरी दिए जाने से पहले ही की जानी चाहिए थी, क्यों इतने दिन बाद लोगों को और उनके परिवार को इस स्थिति में लाया जा रहा है। अगर कोई आदमी 20 साल पहले खून-खराबे से तौबा कर चुका हो और मुख्यधारा में लौट आया हो,  तो उसे अमन के साथ रहने दिया जाना चाहिए”, तारिगामी ने कहा। 

अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी ने भी अनुरोध किया है कि शिक्षक की सैलरी रोकने के जिम्मेदार अधिकारियों को अवश्य ही “खुदकुशी के लिए उकसाने का मुकदमा दायर” किया जाना चाहिए। 

“यह एक बेहद घिनौनी घटना है, जो उन परिवारों के मानसिक तनाव और आघात के स्तर की भयावह तस्वीर को दर्शाती है,जिनकी सैलरी कोविड-19 महामारी के भीषण समय में भी निर्दयी नौकरशाही व्यवस्था द्वारा रोक दी गई है, वह भी ऐसे समय में जब कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी से देश जूझ रहा है। मैं उम्मीद करता हूं कि यह वाकयात आंख खोलने वाला और सरकार को सावधान करने का आह्वान है”, बुखारी को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है।

 बुखारी ने केंद्र शासित प्रशासन से भी “इंसानीयत का नजरिया” अपनाने की अपील करते हुए कहा उसे जनता के बीच पहले से मौजूद अलगाव को फिर से जोड़ने से बचना चाहिए। 

“यह महामारी पहले ही लोगों के लिए विनाशकारी साबित हुई है और इससे लोगों की आर्थिक तंगहाली आई है। जो लोग सत्ता में बैठे हुए हैं, उन्हें ऐसी परिस्थिति में रह रहे लोगों दीनता का मजा नहीं लेना चाहिए,” उन्होंने कहा। 

1980 के दशक में जब क्षेत्र में हथियारबंद उग्रवाद-आतंकवाद की शुरुआत हुई, तो कई लोग इसमें शरीक हो गए थे या उन पर उग्रवादियों-आतंकवादियों का साथ देने का इल्जाम लगाया गया था। हालांकि बाद में इनमें कई सारे लोगों ने हिंसक उग्रवाद से अपने को दूर रखने की जी-तोड़ कोशिश की। तभी से वे एक व्यापारी, कार्यकर्ता, श्रमिकों के रूप में सामान्य जीवन जीने का प्रयास करते रहे हैं, इनमें से कई लोगों ने सरकारी नौकरी भी ज्वाइन की। सैकड़ों लोग राज्य समर्थित मिलिशिया, जिसे इख्वान के नाम से जाना जाता है, में भी शामिल हुए और उग्रवाद-आतंकवाद से लड़ने के लिए मानवाधिकारों का उल्लंघन किया।

प्रसंगवश बताना है कि ऐसा दावा किया गया है कि केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने कम से कम पांच सरकारी कर्मचारियों या शिक्षकों को "राष्ट्रीय सुरक्षा" के प्रतिकूल होने के आरोप में मई 2021 में सेवा से मुक्त कर दिया है। हालांकि कर्मचारी-शिक्षकों ने इसका खंडन किया है। 

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल ख़बर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

J&K Youth Dies by Suicide Saying Father’s Salary Withheld, Political Parties Call for Probe

Jammu and Kashmir
suicide
Militancy
PDP

Related Stories

'हम कोरोना से बच भी गए तो ग़रीबी से मर जायेंगे' : जम्मू-कश्मीर के कामगार लड़ रहे ज़िंदा रहने की लड़ाई

जम्मू : बेड की कमी की वजह से कोविड-19 मरीज़ों का सीढ़ियों और पार्किंग लॉट में हो रहा इलाज

जम्मू-कश्मीर में ‘कोरोना कर्फ़्यू’ , विधानसभा चुनाव एग्ज़िट पोल और अन्य ख़बरें

कश्मीर: लगातार बढ़ रहे हैं कोरोना संक्रमण के मामले

धारा 370 के बाद ज़िंदगी: कोविड योद्धाओं का अनादर करती जम्मू कश्मीर की सरकार

भारत एक मौज: बिहार चुनाव में 'वोट' कोरोना


बाकी खबरें

  • बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी
    18 May 2022
    ज़िला अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए स्वीकृत पद 1872 हैं, जिनमें 1204 डॉक्टर ही पदस्थापित हैं, जबकि 668 पद खाली हैं। अनुमंडल अस्पतालों में 1595 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 547 ही पदस्थापित हैं, जबकि 1048…
  • heat
    मोहम्मद इमरान खान
    लू का कहर: विशेषज्ञों ने कहा झुलसाती गर्मी से निबटने की योजनाओं पर अमल करे सरकार
    18 May 2022
    उत्तर भारत के कई-कई शहरों में 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पारा चढ़ने के दो दिन बाद, विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन के चलते पड़ रही प्रचंड गर्मी की मार से आम लोगों के बचाव के लिए सरकार पर जोर दे रहे हैं।
  • hardik
    रवि शंकर दुबे
    हार्दिक पटेल का अगला राजनीतिक ठिकाना... भाजपा या AAP?
    18 May 2022
    गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले हार्दिक पटेल ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। हार्दिक पटेल ने पार्टी पर तमाम आरोप मढ़ते हुए इस्तीफा दे दिया है।
  • masjid
    अजय कुमार
    समझिये पूजा स्थल अधिनियम 1991 से जुड़ी सारी बारीकियां
    18 May 2022
    पूजा स्थल अधिनयम 1991 से जुड़ी सारी बारीकियां तब खुलकर सामने आती हैं जब इसके ख़िलाफ़ दायर की गयी याचिका से जुड़े सवालों का भी इस क़ानून के आधार पर जवाब दिया जाता है।  
  • PROTEST
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पंजाब: आप सरकार के ख़िलाफ़ किसानों ने खोला बड़ा मोर्चा, चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर डाला डेरा
    18 May 2022
    पंजाब के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजधानी में प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन राज्य की राजधानी जाने से रोके जाने के बाद वे मंगलवार से ही चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास धरने पर बैठ गए हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License