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जहांगीरपुरी: दोनों समुदायों ने निकाली तिरंगा यात्रा, दिया शांति और सौहार्द का संदेश!
“आज हम यही विश्वास पुनः दिलाने निकले हैं कि हम फिर से ईद और नवरात्रे, दीवाली, होली और मोहर्रम एक साथ मनाएंगे।"
मुकुंद झा
25 Apr 2022
jahangirpuri

"16 अप्रैल की जो घटना हुई वो एक बुरा सपना है और अब हम उसे भुलाकर अपने पुराने रिश्ते और भाईचारे को बहाल करना चाहते हैं। हमारे यहाँ 40 साल से कभी हिन्दू मुसलमान नहीं हुआ। हमने ईद भी मनाई और मस्जिद के सामने ही नवरात्रे के पंडाल भी लगाए लेकिन कभी कुछ नहीं हुआ। आज हम यही विश्वास पुनः दिलाने निकले हैं कि हम फिर से ईद और नवरात्रे, दीवाली, होली और मोहर्रम एक साथ मनाएंगे।"

ये बातें रविवार को जहांगीरपुरी में तिरंगा यात्रा में शामिल नौजवानों की एक टीम ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा।

जहांगीरपुरी हिंसा के एक सप्ताह के बाद फिर से हिन्दू मुस्लिम सौहार्द स्थापित करने के लिए दोनों समुदाय के लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाली। जिसमें दोनों ही समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया। ये यात्रा कुशल चौक से शुरू होकर सीडी पार्क के सब्जी मंडी रोड होते हुए सी ब्लॉक मार्किट और फिर मुख्य सड़क से होते हुए वापस कुशल चौक पर आई जहाँ इस यात्रा को समाप्त किया गया।

इस पूरी यात्रा में शामिल और यात्रा को देख रहे क्षेत्र के लोगों में जहाँ 16 अप्रैल की हुई हिंसा को लेकर अफ़सोस था वहीं उनमें इसकी खुशी भी थी कि एकबार फिर माहौल ठीक हो रहा है। हिन्दू मुसलमान एक साथ और एक दूसरे पर विश्वास कर रहे हैं।

इस यात्रा को लेकर क्षेत्र के लोगों में भी भारी उत्साह दिखा। क्योंकि इस यात्रा में पुलिस ने दोनों समुदाय के 50-50 लोगों को ही अनुमति दी थी इसलिए बड़ी संख्या में लोग घरों में रहकर ही इस यात्रा के अपने घर और गली से गुजरने का इंतज़ार कर रहे थे। ये यात्रा जहाँ-जहाँ से भी गुज़री वहां लोगों की आँखों में अजब ही चमक दिखी और वो इस यात्रा को एक घने अंधरे में उजाले की तरह देख रहे थे। इस यात्रा पर लोग फूलों की बारिश कर रहे थे। महिलाएं और बच्चे हाथो में फूल और तिरंगा लेकर अपनी-अपनी बालकनी और गली के बाहर इस तिरंगा यात्रा का इंतज़ार कर रहे थे।

ऐसे ही सी-ब्लॉक मदर डेयरी के पास यात्रा पर फूलों की बारिश कर रही राहिला बीबी पर हमारी नज़र पड़ी वो पूरे हर्ष और उल्लास से इस यात्रा को देख रहीं थी। उनकी आँखों में उम्मीद की चमक दिख रही थी। हमने पूछा कि वो इस यात्रा को लेकर इतनी खुश क्यों है? उन्होंने कहा ख़ुशी की बात तो है ही क्योंकि उस दिन की दुर्घटना के बाद अब सब कुछ ठीक हो रहा है। एकबार फिर सब लोग एक साथ आए हैं।

राहिला बीबी

वो कहती हैं, " मेरी उम्र 36 साल है और पैदाइश इसी ज़मीन की है। मैंने ऐसा माहौल यहां कभी नहीं देखा जैसा पिछले कुछ दिनों में यहां हुआ। हमनें हमेशा यहां मुसलामनों को हिन्दुओ के भंडारे में मदद कराते और हिन्दुओ को मुसलमानों की ईद में मार्किट लगाते देखा है। लेकिन ये सब हमे टूटता हुआ दिख रहा था परन्तु आज की इस यात्रा ने दिखाया की हमारी एकता आज भी कायम है।

यात्रा में शामिल लोग जहां तिरंगा लहराते हुए ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ जैसे नारे के साथ ही "एकता का राज चलेगा, हिन्दू मुस्लिम साथ चलेगा।" जैसे सौहार्दपूर्ण नारे भी लगा रहे थे।

राहिला की आँखों में एक सुकून दिख रहा था। इसी तरह का सुकून हमने वहां मौजूद सैकड़ों लोगों की आँखों में देखा जिसमें राहिला जैसी ही ख़ुशी और राहत दिखी।

हमनें कुछ दिनों पहले यहाँ लोगों में एक अजीब भय देखा था खासकर बच्चों और महिलाओं में। लेकिन आज उन्ही बच्चों को हांथों में तिरंगा और महिलाओ को हाथों में फूल लिए खुली सड़कों पर देखा जो कल तक गलियों के बंद दरवाजों से झाँकते हुए किसी जेलबंदी से दिखते थे वो आज एक बेहतर सुबह की उम्मीद लिए पानी एकता दोबारा गढ़ रहे थे।

जहांगीरपुरी में ही रहने वाले अभिषेक जो एक फ्रीलांस वीडियो एडिटर हैं और वो भी अपने बचपन से ही सीडी पार्क इलाक़े में रहते हैं। उन्होंने भी अपने बचपन को याद करते हुए कहा, "हमने कभी ऐसा नफ़रती माहौल नहीं देखा। कुछ लोग अपनी राजनीति के लिए हमारा ही इस्तेमाल कर हमारे घरों में आग लगा रहे हैं लेकिन अब हम भी समझ चुके हैं कि वो अपने राजनैतिक हितों के खातिर हमारी सुख और शांति की बलि चाहते हैं।

बिल्कुल... अभिषेक के साथ ही खड़े मुसर्रफ शेख ने कहा, "हमनें आजतक एक दूसरे के त्योहारों को समझा है। जब उनकी कोई झांकी या जागरण होता था तब हम शमिल होते हैं और जब हमारे त्योहार होते हैं तब अभिषेक भी हम लोगों के साथ रहते थे। परन्तु उस दिन पता नहीं कुछ बाहरी लोगों ने जानबूझकर हमारे यहां हंगामा करने का प्रयास किया।"

मुसर्रफ सी-ब्लॉक की मर्किट में मोबाईल की दुकान चलाते हैं। उन्होंने कहा," हमारे मुस्लिम से अधिक हिन्दू ग्राहक है और दोस्त भी वही हैं। हम आपस में बैठकर रोज़ समाज दुनिया में बढ़ते नफ़रती राजनीति पर चर्चा करते थे परन्तु हमें क्या पता था इसका शिकार हमारे अपने लोग और घर ही हो जाएंगे।"

एक युवा गगन जिन्होंने खुद को एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर हमारे सामने पेश किया और वो भी सीडी पार्क में रहते हैं उन्होंने बताया कि यहाँ तक कि जिस मस्जिद के सामने यह सब घटना हुई है वहीं पर नवरात्रों में चौकी लगती थी क्योंकि वहीं पर मंदिर भी है और मस्जिद के सामने हवन भी होते हैं लेकिन आजतक किसी ने इस पर आपत्ति नहीं जताई बल्कि सहयोग ही किया।

इस तरह युवा इमरान जो पीवीसी फ़िल्म का काम करते हैं उन्होंने कहा, "भाई साहब हमने मंदिर-मस्जिद का अंतर समझा ही नहीं। कुशल रोड पर मस्जिद से 50 मीटर पहले मंदिर है और उसके बाहर जो लोहे के ग्रिल लगे हैं वो सब मुसलमानों ने ही लगवाए थे। जब बुल्डोजर उस दिन उसे तोड़ने आया तब हमने उसे रोका क्योंकि मस्जिद तोड़ ही दिया था परन्तु मंदिर बचा था तो उसे तो बचा लें”।

हालांकि हमनें जब युवाओं से 16 अप्रैल की हिंसा पर पूछा तो दोनों ही पक्ष के लोगों ने कहा कि वो हिट ऑफ़ द मूवमेंट हो गया होगा। वो एक दर्दनाक घटना है जिसे हम याद नहीं करना चाहते हैं।

इस यात्रा में शामिल लगभग 55 वर्षीय सूरज कांत शुक्ला जो आजमगढ़ यूपी के मूलनिवासी हैं और वर्तमान में 14 सालों से जहांगीरपुरी के जे ब्लॉक में रहते हैं। वो भी इस तिरंगा यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने भी हिंसा की घटना पर अफ़सोस जताया और कहा कि ये अचानक हुई एक दुर्घटना थी। परन्तु हमें आगे सचेत रहना होगा कि ऐसी दुर्घटना दोबारा न हो।

सूरज कांत ने नौजवान पीढ़ी के रवैए पर भी सवाल उठाए और कहा कि ये जो त्योहार मनाने के तरीकों में बदलाव आया है। उससे आपसी मेल मिलाप बढ़ने की जगह तनाव हो रहा है।

यहाँ सूरज कांत जी हिन्दू त्योहारों और धार्मिक जुलूसों में हिंसक और उन्मादी नारों और हथियारों की नुमाइश का जिक्र कर रहे थे।

इस हिंसा में जो हुआ सो हुआ ही लेकिन उसके बाद 20 अप्रैल को बीजेपी शासित निगम ने जिस तरह जहांगीरपुरी सी ब्लॉक के इलाके में अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर गरीब लोगों के रोजगार पर हमला किया उसने इस पूरे क्षेत्र को और भी अवसाद में डाल दिया था। निगम के बुलडोजर से पीड़ित रमन झा भी इस यात्रा का हिस्सा थे जिनकी पान की गुमटी पिछले लगभग 40 वर्षो से कुशल चौक पर थी और उसे नगर निगम का लाइसेंस भी प्राप्त था परन्तु फिर भी उसे तोड़ दिया गया। जिसके बाद से रमन के पास अपना जीवनयापन करने के लिए कोई साधन नहीं बचा।

रमन झा ने कहा कि इस पूरे धार्मिक उन्माद और निगम की कार्रवाई से गरीब परेशान हुआ है। हमारा सबकुछ चला गया है परन्तु आज की ये यात्रा से उम्मीद है कि सब ठीक हो जायेगा।

इसी तरह कई अन्य दुकानदारों ने भी शिकायत की कि पुलिस ने इलाके की नाकेबंदी की है जिस वजह से काम धंधा नहीं चल रहा है। एक दुकानदार ने बताया उसने ईद के मद्देनज़र अपनी दुकान में लाखों का सामान कर्ज़ के लेकर भरवा लिया परन्तु इन सब घटना के बाद दुकान ही नहीं खोल पाए हैं।

इससे पहले शुक्रवार को हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी के सी-ब्लॉक में स्थानीय शांति समिति के प्रतिनिधियों ने क्षेत्र में शांति व सद्भाव की अपील की। इस दौरान दोनों समुदायों के लोग एक-दूसरे से गले मिले और दोबारा ऐसी घटनाएं न हों यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया और तभी एलान किया था कि वे रविवार को भाईचारे का प्रतिनिधित्व करने के लिए इलाके में 'तिरंगा यात्रा' निकालेंगे।

मुस्लिम समुदाय के जिम्मेदार और इस तिरंगा यात्रा के प्रमुख आयोजक में से एक प्रतिनिधि तबरेज खान ने इस यात्रा को सफल बताया और कहा, "इस यात्रा का मकसद था कि जहांगीरपुरी में अम्न और चैन कायम हो और लोग एकजुट होकर रहे। इस यात्रा में जिस तरह से लोगों ने भाग लिया वो बताता है कि हम सब एक हैं।

तबरेज ने एक बात पर ज़ोर देकर कहा कि लोगो के रोजगार पर असर पड़ा है। हम चाहते हैं पुलिस बल और बैरिकेडिंग कम हो जिससे लोगों को बाजार करने में दिक्कत न हो और उन्होंने मीडिया से भी अपील कि वो सकारात्मक खबरें दिखाए जिससे और जल्दी माहौल ठीक हो सके।

तबरेज़ ने आगे कहा, "हम सद्भाव से रहना चाहते हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। हम लोगों से भी शांति और किसी भी अफ़वाह पर ध्यान नहीं देने की अपील करते हैं।

हिंदू समुदाय के प्रतिनिधि और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदर मणि तिवारी ने कहा, ''यह (हिंसा) घटना वास्तव में दुखदायी और चिंताजनक है। इस क्षेत्र की ये पहली सांप्रदायिक झड़प है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसा दोबारा न हों।''

इस पूरी यात्रा के दौरान डीसीपी (उत्तर पश्चिम) उषा रंगनानी लोगों के साथ ही पैदल चलती रहीं और भारी पुलिस बल के बीच ये यात्रा हुई। उन्होंने कहा ‘‘इस यात्रा ने सौहार्द और शांति का संदेश दिया। दोनों समुदायों के सदस्यों ने दिखाया कि तिरंगा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने संदेश दिया है कि देश सबसे पहले आता है।’’

रंगनानी ने ये भी विश्वास दिलाया कि जैसे ही सब कुछ ठीक हो जाएगा जोकि ठीक हो रहा है। तो वो इस क्षेत्र से पुलिस बल कम कर लेंगी।

अभी वर्तमान में जहांगीरपुरी छावनी में तब्दील है जिससे व्यापारी और छोटे दुकानदार परेशान हैं। हालांकि पुलिस धीरे-धीरे ढील दे रही है।   

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