NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
झारखण्ड : फादर स्टेन स्वामी की “राज्य प्रायोजित हत्या” के बाद प्रदेश भर में आक्रोश प्रदर्शन
प्रदेश की वामपंथी पार्टियों, सामाजिक जन संगठनों और कई आदिवासी संगठनों के सदस्यों ने फादर स्टेन की तस्वीर के आगे मोमबत्तियां जलाकर व मोदी सरकार का पुतला फूंककर प्रतिवाद व्यक्त किया।
अनिल अंशुमन
08 Jul 2021
झारखण्ड : फादर स्टेन स्वामी की “राज्य प्रायोजित हत्या” के बाद प्रदेश भर में आक्रोश प्रदर्शन

झारखण्ड में जन अधिकारों की बुलंद आवाज़ कहे जानेवाले फादर स्टेन स्वामी की मौत की खबर आते ही पूरे प्रदेश में गहरे दुःख के साथ-साथ तीखे आक्रोश प्रदर्शनों का सिसिला शुरू हो गया। चंद दिनों पूर्व भी उनकी गंभीर बीमार अवस्था का सवाल उठाकर अविलम्ब उनकी सही चिकित्सा कराने और कोरोना के भयावह होते संक्रमण को देखते हुए उनकी रिहाई की मांग को लेकर एआईपीएफ, वाम दल और कई सामाजिक व आदिवासी जनसंगठनों ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया और ट्वीटर इत्यादि के माध्यम से राज्यव्यापी वर्चुअल अभियान चलाया था। 

5 जुलाई की शाम से ही प्रदेश की सभी वामपंथी पार्टियों, सामाजिक जन संगठनों और कई आदिवासी संगठनों के सदस्यगण फादर स्टेन की तस्वीरें लेकर मोदी सरकार विरोधी प्रतिवाद पोस्टर के साथ सड़कों पर आक्रोश प्रकट करने लगे। राजधानी रांची की ह्रदयस्थली अलबर्ट एक्का चौक पर जुटकर फादर स्टेन की तस्वीर के आगे मोमबत्तियां जलाकर मोदी सरकार का पुतला फूंका गया। वहीं आयोजित प्रतिवाद सभा के माध्यम से फादर स्टेन की मौत के लिए सीधे तौर पर मोदी सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया गया कि मोदी सरकार ने सुनियोजित साजिश रचकर एनआईए के जरिये उन्हें जेल में ही मार दिया। वक्ताओं ने यह भी कहा कि फादर स्टेन के साथ एनआईए के आक्रामक व्यवहार से इस अनहोनी की आशंका पहले से ही होने लगी थी। इसलिए कोरोना काल में भी महामारी प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ाकर एनआईए की टीम ने 84 वर्षीय बीमार फादर स्टेन को जबरन मुंबई स्थित तलोजा जेल में क़ैद कर अपनी मंशा जाहिर कर दी थी।

इसके पहेले भी झारखण्ड राज्य गठन के बाद से ही राज्य की सत्ता में काबिज़ भाजपा के निशाने पर आ गए थे। क्योंकि सरकार द्वारा झारखण्ड प्रदेश के जल जंगल ज़मीन और खनिज की कॉर्पोरेट लूट का विरोध कर रहे आदिवासी समुदाय के लोगों का हो रहा दमन का वे मुखर विरोध कर रहे थे। कुपित होकर रघुवर दास शासन ने उनपर ‘राजद्रोह’ का मुकदमा कर दिया था।

5 जुलाई की शाम  गिरिडीह जिले के बगोदर समेत कई अन्य स्थानों पर भी फादर स्टेन की मौत के खिलाफ प्रतिवाद मार्च निकाल कर मोदी सरकार का पुतला जलाया गया।

6 जुलाई को रांची स्थित भाकपा माले प्रदेश मुख्यालय में राज्य के सभी वाम दलों तथा कई सामाजिक जन संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक में  फादर स्टेन को श्रद्धांजी देते हुए आम सहमती से तय किया गया कि फादर स्टेन की मौत के जिम्मेदार सभी दोषियों को सज़ा दिलाने के लिए पूरे प्रदेश में व्यापक स्तर पर जनान्दोलन खड़ा किया जाएगा। बैठक में उन्हें दो मिनट की मौन श्रद्धांजली देते हुए सबों ने एक स्वर से उनकी मौत को न्यायिक ह्त्या बताते हुए तय किया कि इसके खिलाफ 15 जुलाई को राजभवन मार्च से आन्दोलन के रूप रेखा की घोषणा की जायेगी। उक्त बैठक में माले राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद व केन्द्रीय कमिटी सदस्य शुभेंदु सेन, सीपीएम के राज्य नेता प्रकाश विप्लव। सीपीआइ के सदस्य एडवोकेट एके राशिदी व अजय सिंह, मासस के सुशांतो मुखर्जी, एसयूसीआई के सुमित राय और एआईपीऍफ़ के नदीम खान के अलावे आन्दोलनकारी दयामनी बारला, राजद के राजेश यादव तथा आदिवासी बुद्धिजीवी प्रेमचंद मुर्मू समेत कई अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने भागीदारी निभाई। माले सचिव ने बताया है कि प्रदेश के सत्ताधारी दल झामुमो से भी इसमें सक्रीय होने का प्रस्ताव दिया गया है।

6 जुलाई को ही अलबर्ट एक्का चौक पर झारखण्ड क्रिश्चियन यूथ एसोसिएशन और केन्द्रीय सरना समिति के सैकड़ों युवा-छात्राओं ने फ़ादर की स्मृति में मोमबत्ती जलाकर उनकी मौत के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इन्साफ की मांग की। 

कई आदिवासी क्षेत्रों में भी फादर स्टेन की मौत से दुखी और आक्रोशित आदिवासी समाज के लोगों द्वारा फादर स्टेन की स्मृति में श्रद्धांजली और प्रतिवाद कार्यक्रम होने की सूचनाएं लगातार आ रहीं हैं। बुंडू में आदिवासियों ने पोस्टर प्रतिवाद के माध्यम से कहा है कि आदिवासी अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने के कारण ही उनकी राज्य प्रायोजित हत्या कर दी गयी है।

फादर स्टेन की मौत के खिलाफ भाकपा माले द्वारा आयोजित राष्ट्रव्यापी विरोध और काला दिवस अभियान का नेतृत्व करते हुए माले विधायक विनोद सिंह ने 6 जुलाई को बगोदर में फादर स्टेन हत्या विरोधी प्रतिवाद मार्च निकालकर नुक्कड़ सभा की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि फादर की मौत कोई सामान्य घटना नहीं है बल्कि हिरासत में ये कस्टडी मौत है जिसके लिए सीधे तौर पर केंद्र की सरकार जवाबदेह है और वह इससे नहीं बच सकती है।  

इस बात की भी काफी चर्चा है कि फादर स्टेन की मौत के एक दिन पहले तक जो प्रदेश भाजपा अपने केन्द्रीय आदिवासी मंत्री और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी समेत तमाम आदिवासी नेता कार्यकर्ताओं को हेमंत सोरेन सरकार को झारखण्ड के आदिवासियों का दुश्मन घोषित कर सियासी अखाड़े में उतारे हुए थी , झारखण्ड के आदिवासी अधिकारों की आवाज़ फादर स्टेन की मौत पर मौन साधे हुए है। केन्द्रीय आदिवासी मंत्री से लेकर बाबूलाल मरांडी तक ने भी कोई शोक बयान नहीं जारी किया है।

पूरे प्रदेश में जेसुइट समाज की और से भी फादर स्टेन स्वामी को श्रद्धांजली देने का सिलसिला जारी है। झामुमो और कांग्रेस समेत प्रदेश के सभी गैर-भाजपा राजनितिक दलों के नेताओं के भी शोक बयान लगातार आ रहें हैं। झारखण्ड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री रामेश्वर उराँव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने तथा झामुमो के वरिष्ठ नेता व विधायक स्टीफेन मरांडी ने शोक बयान जारी कर कहा है कि फादर स्टेन की मृत्यु दर्शाती है कि केंद्र की सरकार किस तरीके से मानवाधिकारों का खुलेआम उल्लंघन कर रही है। 

जानकारों के मुताबिक हाल के समय में ऐसा पहली बार हुआ है जब कानून, संविधान और आदिवासी हितैषी होने का दंभ भरनेवाली भाजपा और उसके सभी आला नेताओं की बोलती फादर स्टेन स्वामी मौत प्रकरण पर पूरी तरह से बंद दिख रही है।  

Jharkhand
Jharkhand Protest
Father Stan Swamy
Father Stan Swamy's death
State-sponsored murder

Related Stories

झारखंड: बोर्ड एग्जाम की 70 कॉपी प्रतिदिन चेक करने का आदेश, अध्यापकों ने किया विरोध

झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 

झारखंड की खान सचिव पूजा सिंघल जेल भेजी गयीं

झारखंडः आईएएस पूजा सिंघल के ठिकानों पर छापेमारी दूसरे दिन भी जारी, क़रीबी सीए के घर से 19.31 करोड़ कैश बरामद

खबरों के आगे-पीछे: अंदरुनी कलह तो भाजपा में भी कम नहीं

आदिवासियों के विकास के लिए अलग धर्म संहिता की ज़रूरत- जनगणना के पहले जनजातीय नेता

‘मैं कोई मूक दर्शक नहीं हूँ’, फ़ादर स्टैन स्वामी लिखित पुस्तक का हुआ लोकार्पण

एनआईए स्टेन स्वामी की प्रतिष्ठा या लोगों के दिलों में उनकी जगह को धूमिल नहीं कर सकती

झारखंड: पंचायत चुनावों को लेकर आदिवासी संगठनों का विरोध, जानिए क्या है पूरा मामला

झारखंड : हेमंत सोरेन शासन में भी पुलिस अत्याचार बदस्तूर जारी, डोमचांच में ढिबरा व्यवसायी की पीट-पीटकर हत्या 


बाकी खबरें

  • sedition
    भाषा
    सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह मामलों की कार्यवाही पर लगाई रोक, नई FIR दर्ज नहीं करने का आदेश
    11 May 2022
    पीठ ने कहा कि राजद्रोह के आरोप से संबंधित सभी लंबित मामले, अपील और कार्यवाही को स्थगित रखा जाना चाहिए। अदालतों द्वारा आरोपियों को दी गई राहत जारी रहेगी। उसने आगे कहा कि प्रावधान की वैधता को चुनौती…
  • बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    एम.ओबैद
    बिहार मिड-डे-मीलः सरकार का सुधार केवल काग़ज़ों पर, हक़ से महरूम ग़रीब बच्चे
    11 May 2022
    "ख़ासकर बिहार में बड़ी संख्या में वैसे बच्चे जाते हैं जिनके घरों में खाना उपलब्ध नहीं होता है। उनके लिए कम से कम एक वक्त के खाने का स्कूल ही आसरा है। लेकिन उन्हें ये भी न मिलना बिहार सरकार की विफलता…
  • मार्को फ़र्नांडीज़
    लैटिन अमेरिका को क्यों एक नई विश्व व्यवस्था की ज़रूरत है?
    11 May 2022
    दुनिया यूक्रेन में युद्ध का अंत देखना चाहती है। हालाँकि, नाटो देश यूक्रेन को हथियारों की खेप बढ़ाकर युद्ध को लम्बा खींचना चाहते हैं और इस घोषणा के साथ कि वे "रूस को कमजोर" बनाना चाहते हैं। यूक्रेन
  • assad
    एम. के. भद्रकुमार
    असद ने फिर सीरिया के ईरान से रिश्तों की नई शुरुआत की
    11 May 2022
    राष्ट्रपति बशर अल-असद का यह तेहरान दौरा इस बात का संकेत है कि ईरान, सीरिया की भविष्य की रणनीति का मुख्य आधार बना हुआ है।
  • रवि शंकर दुबे
    इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा यूपी में: कबीर और भारतेंदु से लेकर बिस्मिल्लाह तक के आंगन से इकट्ठा की मिट्टी
    11 May 2022
    इप्टा की ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा उत्तर प्रदेश पहुंच चुकी है। प्रदेश के अलग-अलग शहरों में गीतों, नाटकों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंचन किया जा रहा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License