NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
झारखंड : भाजपा के पूर्व सांसद और विधायक पर महिला नेत्रियों ने लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप
झारखंड हाई कोर्ट ने प्रदेश के भाजपा के एक दबंग विधायक ढुलु महतो और पूर्व सांसद रविंद्र कुमार पांडे के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न की शिकायत पर केस नहीं दर्ज किए जाने पर फ़ौरन एफ़आईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। इससे पहले कई महीनों तक पुलिस-प्रशासन ने पीड़िता नेत्रियों की आवाज़ दबाने की भरपूर कोशिशें की थीं।
अनिल अंशुमन
12 Oct 2019
dhullu ravindra
Image courtesy: Enewsroom

हर साल की भांति इस साल भी भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री–मंत्री समेत सभी नेता–कार्यकर्त्ताओं ने बढ़ चढ़ कर नारी शक्ति रूपेण दुर्गा का पूजन किया। विजयदशमी के दिन सीता हरण के आरोपी रावण का पुतला जलाकर ‘बुराई पर अच्छाई की जीत’ का जश्न भी मनाया गया। लेकिन इसी त्यौहार के बीच जब झारखंड हाई कोर्ट ने प्रदेश के भाजपा के एक दबंग विधायक ढुलु महतो और पूर्व सांसद रविंद्र कुमार पांडे के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न की शिकायत पर केस नहीं दर्ज किए जाने पर फ़ौरन एफ़आईआर दर्ज करने का आदेश दिया तो नारी रूपेण दुर्गा की स्तुति करने वाले भाजपा भक्त-परिवार ने तुरंत चुप्पी साध ली। साथ ही सरकार और पार्टी के आलाकमान ने भी मौनव्रत धारण कर लिया।

सवाल उठ रहा है कि यह कैसा ‘बेटी बचाओ और नारी सशक्तिकरण अभियान‘ चलाया जा रहा है जहां अभियान चलाने वाले नेताओं से ख़ुद उनकी महिला नेत्रियाँ सुरक्षित नहीं हैं? स्थिति इतनी भयावह क्यों हो गयी है कि यौन प्रताड़ना की शिकार पार्टी नेत्री को मजबूर होकर मीडिया से कहना पड़ रहा है कि– “सरकार और प्रशासन आरोपी से मिले हुए हैं। उनसे गुहार लगाने का कोई फ़ायदा नहीं इसलिए मुझे हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा है। केस वापस लेने के लिए आरोपी पार्टी विधायक और उसके समर्थकों ने तरह तरह से इतना प्रताड़ित किया है कि घर में ताला बंद करके रहना पड़ रहा है।”

गत 7 अक्तूबर को मीडिया में ख़बर आयी कि झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य पुलिस को फटकार लगाते हुए डीजीपी और धनबाद एसएसपी से तीन सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है कि 11 महीने बीत जाने पर भी भाजपा नेत्रियों की यौन प्रताड़णा की दर्ज शिकायत पर संज्ञान क्यों नहीं लिया गया? बाद में हाई कोर्ट के आदेश पर 5 अक्टूबर को धनबाद पुलिस को कतरास थाना में यौन उत्पीड़न के आरोपी ढुलु महतो और रविंद्र कुमार पांडे के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करनी पड़ी।

ज्ञात हो कि पिछले वर्ष धनबाद ज़िला स्थित बाघमारा क्षेत्र के भाजपा विधायक ढुलु महतो की सहकर्मी रहीं महिला नेत्री ने उसके ख़िलाफ़ कतरास थाने में यौन प्रताड़ना करने का ऑन लाइन केस किया था। जिसपर पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया तो मजबूरन 22 नवंबर को उन्होंने थाने के सामने ही आत्मदाह करने की कोशिश की। इस दौरान मीडिया को जब उन्होंने सारी व्यथा बतलाई तो पूरा मामला सामने आया।

24 नवंबर को एक अन्य स्थानीय भाजपा महिला कार्रयकर्त्ता ने भी भाजपा के तत्कालीन गिरीडीह सांसद रविंद्र कुमार पांडे के ख़िलाफ़ यौन प्रताड़ना की ऑनलाइन शिकायत पुलिस के पास की। इन्होंने भी लगभग वही आरोप लगाए थे जो पहली नेत्री ने बाघमारा विधायक के ख़िलाफ़ लगाए थे। मीडिया ने इस पूरे मामले को दो पार्टी नेताओं के आपसी विवाद और तनातनी की घटना बनाकर पेश किया। जिसमें विधायक का आरोप था कि सांसद ने उसके ख़िलाफ़ साज़िश रची है और सांसद का आरोप था कि बाघमारा विधायक ही महिला को खड़ा कर उसके ख़िलाफ़ साज़िश कर रहा है।

27 नवंबर को मीडिया में तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के हवाले से छपी ख़बर के अनुसार इन दोनों आरोपी नेताओं पर शोकॉज़ जारी करने और पूरे मामले की पार्टी स्तरीय जांच करने की बात कही गयी थी। लेकिन बाद में इस पर पार्टी आलाकमान द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने की कोई सूचना नहीं आई।

दूसरी ओर, पीड़िता बार-बार मीडिया को बताती रही कि विधायक और उसके गुर्गों द्वारा केस उठाने की धमकी देकर उनके परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है। 11 सितंबर को तो इस केस के पैरवीकार और गवाह, भाजपा के किसान मोर्चा के प्रदेश कमेटी सदस्य पर रांची जाते समय ट्रेन में विधायक के गुर्गों ने दिनदहाड़े हमला कर केस से अलग नहीं होने पर जान से मारने की धमकी दी। इसके बावजूद न तो स्थानीय पुलिस ने और न ही पार्टी के लोगों ने कोई संज्ञान लिया। अंत में पीड़िता ने हाई कोर्ट में इंसाफ़ के लिए गुहार लगाई।

यौन उत्पीड़न के आरोपी विधायक ढुलु महतो को सज़ा दिलाने के लिए आवाज़ उठाने वाले महिला संगठन ऐपवा की राज्य उपाध्यक्ष और गिरीडीह ज़िले की धनवार ज़िला पार्षद जयंती चौधरी ने कहा, "भाजपा राज में महिलाओं पर हिंसा बेलगाम हो गई है। इन कांडों के मुजरिमों को सज़ा नहीं मिलने का बड़ा कारण है कि इन्हें सरकार व स्थानीय पुलिस–प्रशासन का खुला संरक्षण मिल रहा है। यौन उत्पीड़न के आरोपी बाघमारा विधायक पर कार्रवाई की मांग को लेकर हमने आंदोलन किए और डीसी को ज्ञापन भी दिया लेकिन नतीजा सिफ़र निकला।"

महिला सवालों पर सक्रिय युवा एडवोकेट रांची की सीमा संगम का कहना है, “यूपी में जिस प्रकार से यौन शोषण के आरोपी भाजपा विधायक सेंगर और पूर्व मंत्री चिन्मयानन्द प्रकरण में ख़ुद सरकार इन नेताओं को बचाने और पीड़िता को दबाने में लगी है, इसे देखकर हमें तो नहीं लगता है कि यहाँ भी पीड़िता भाजपा नेत्रियों को कोई इंसाफ़ मिलेगा। यहाँ भी इसे दबा दिया जाएगा और आरोपियों को सरकार बचा लेगी।"

युवा आदिवासी सामाजिक कार्यकर्त्ता निशि तिर्की ने तीखे स्वर में कहा, "मोदी-रघुवर राज का ‘बेटी बचाओ’ का नारा कितना झूठा और खोखला है, ये वर्तमान गंभीर हालात ख़ुद दिखला रहे हैं। अभी चंद दिनों बाद ही विधान सभा चुनाव होना है, देखना कि जब भाजपा के नेता–कार्यकर्त्ता महिलाओं से वोट मांगने आएंगे और महिलाएं अपने ऊपर बढ़ती हिंसा–हमलों के साथ-साथ इसके आरोपियों को सत्ता–शासन द्वारा बचाने पर सवाल पूछेंगी तो वे क्या कहेंगे?”

अब तक के पूरे प्रकरण में एक बात तो साफ़ दिख रही है कि राज्य का हाई कोर्ट भले ही यौन उत्पीड़न की पीड़िताओं की गुहार पर संज्ञान ले रहा है, सरकार और प्रदेश भाजपा आलाकमान को इससे कोई मतलब नहीं है। इसीलिए अब तक आरोपी भाजपा नेताओं ढुलु महतो और रविंद्र कुमार पांडे पर कार्रवाई करने के नाम पर पूरी पार्टी चुप है। मुख्यमंत्री अपने चुनावी अभियानों में कह रहें है कि उनकी सरकार ने राज्य में विकास की नई गाथा लिखी है, ये वोटर जनता को सिर्फ़ सुनाने के लिए है।

यथार्थ की ज़मीनी हक़ीक़त में भाजपा का बाघमारा विधायक जिसे मीडिया बाहुबली नेता कह कर महिमामंडित भी करती है और जिसपर 28 आपराधिक मामले दर्ज़ हैं, और जिसे तीन दिन पहले एक केस में चमत्कारिक ढंग से सिर्फ़ डेढ़ साल की सज़ा (दो साल होने पर विधायकी चली जाती है) भी मिली है; सरकार व पार्टी इसे बचा ही लेगी। क्योंकि नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधान सभा चुनाव में ‘अबकी बार 65 पार’ की गारंटी के लिए बाघमारा विधायक जैसे नेता ही तो फिर से सरकार बनने को सुनिश्चित करा सकेंगे!

Jharkhand
BJP
MP-MLA
sexual harassment
jharkhand high court
MLA Dhulu Mahato and former MP Ravindra Kumar Pandey

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट : डाडा जलालपुर में अभी भी तनाव, कई मुस्लिम परिवारों ने किया पलायन

हिमाचल प्रदेश के ऊना में 'धर्म संसद', यति नरसिंहानंद सहित हरिद्वार धर्म संसद के मुख्य आरोपी शामिल 

ग़ाज़ीपुर; मस्जिद पर भगवा झंडा लहराने का मामला: एक नाबालिग गिरफ़्तार, मुस्लिम समाज में डर

लखीमपुर हिंसा:आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने के लिए एसआईटी की रिपोर्ट पर न्यायालय ने उप्र सरकार से मांगा जवाब

टीएमसी नेताओं ने माना कि रामपुरहाट की घटना ने पार्टी को दाग़दार बना दिया है

मध्य प्रदेश : मर्दों के झुंड ने खुलेआम आदिवासी लड़कियों के साथ की बदतमीज़ी, क़ानून व्यवस्था पर फिर उठे सवाल

चुनाव के रंग: कहीं विधायक ने दी धमकी तो कहीं लगाई उठक-बैठक, कई जगह मतदान का बहिष्कार

चारा घोटाला: सीबीआई अदालत ने डोरंडा कोषागार मामले में लालू प्रसाद को दोषी ठहराया


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License