NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
नफ़रत और अफवाह पर कोई लॉकडाउन नहीं, झारखंड में भी अल्पसंख्यकों पर हमले तेज़
झारखंड के कई हिस्सों से अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और प्रताड़ना के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसे में राज्य की सत्तारूढ़ हेमंत सरकार पर सवाल भी उठ रहे हैं।
आनंद दत्त
25 Apr 2020
झारखंड

रांची: कोविड-19 के बाद उपजे हालात में देश के अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी लॉकडाउन है। रांची के मुस्लिम बहुल मोहल्ले हिन्दपीढ़ी से राज्य का पहला मरीज मिला। इस पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। इस मोहल्ले से अब तक सबसे अधिक 24 मरीज मिल चुके हैं जबकि पूरे राज्य से 57 मामले बीते 24 अप्रैल की शाम तक आ चुके थे। इधर राज्य के कई हिस्सों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और प्रताड़ना के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।

पहला मामला- 8 अप्रैल को देवघर देवीपुर प्रखंड फुलकरी पंचायत पिपरा गांव में एक महिला प्रसव के लिए गई थी। महिला डॉक्टर पल्लवी से दिखाती आ रही थी, पहले उनके पास गई आरोप है कि उन्होंने मना कर दिया। इस क्रम में दो और महिला डॉक्टरों डॉ. अर्पिता गांधी और डॉ. नेहा प्रिया के पास गई, लेकिन यहां भी मायूसी मिली। आरोप है कि उन्होंने भी उसे देखने से मना कर दिया।

महिला की मदद करनेवाले पत्रकार अरशद ने बताया कि वह भी देवघर जा रहे थे। रास्ते में महिला और उनके परिजनों को परेशान देखा तो डॉ. पल्लवी को फोन किया लेकिन नाम जानने के बाद उन्होंने मना कर दिया। बाद में परिजनों ने बताया कि दो और डॉक्टरों ने मना कर दिया।

मामले के तूल पकड़ने के बाद डॉ. पल्लवी ने बताया कि ‘वह पेशेंट नाइट शिफ्ट में आई थी। उस वक्त बस एक स्टाफ था। इस वजह से उसको एडमिट नहीं कर पाए थे। लॉकडाउन में बाकी मुस्लिम पेशेंट का इलाज तो हुआ ही है और आगे भी होगा।’ उन्होंने उन मरीजों की लिस्ट भी उपलब्ध कराई है।

इधर डॉ. नेहा प्रिया के पति डॉ कुमार गौरव ने बताया कि ‘ये गलत ख़बर है। इस मामले के बाद सिविल सर्जन के यहां से नोटिस भी आया था जिसके जवाब में उन्होंने बताया है कि लॉकडाउन के दौरान कम से कम 20 मुस्लिम पेशेंट का इलाज उनके यहां हुआ है।’ हालांकि प्रकाशित न करने की शर्त पर उन मरीजों की लिस्ट उपलब्ध कराने की बात पर वह मुकर गए।

दूसरा मामला- इधर रांची में हिंदपीढ़ी निवासी इमरान की पत्नी गर्भवती थी। 19 अप्रैल को देर रात तेज दर्द होने के बाद डिलिवरी के लिए इमरान अपनी गाड़ी से अस्पताल ले जाने के लिए निकले लेकिन इलाका सील होने की वजह से पुलिसवालों ने उन्हें जाने नहीं दिया। थक हार कर घर ले आए। यहां आस-पड़ोस की महिलाओं की निगरानी में बच्चा पैदा हुआ, लेकिन मर गया। इस मामले में भी एक दारोगा को निलंबित किया गया है।

तीसरा मामला- इससे पहले बीते 19 अप्रैल की रात को हजारीबाग जिले में जाबिर अंसारी उर्फ राजू (25) की चोरी के अफवाह में भीड़ ने जमकर पिटाई कर दी। आरोप है कि भीड़ ने पहले नाम पूछा। राजू बताने पर असली नाम पूछा। फिर ताबड़तोड़ पीटने लगे। जाबिर रामगढ़ ज़िले का रहनेवाला है।

मामले में गिद्दी थाना प्रभारी धीरेंद्र मिश्रा को घटना की जानकारी आला अधिकारियों को न देने के लिए निलंबित कर दिया गया है। वहीं अर्जुन रवानी, नकुल रवानी, अभिमन्यु कुमार, अशोक महली, संजय गंझू और शंकल महली को गिरफ्तार किया गया है।

चौथा मामला- इस घटना के एक दिन बाद 20 अप्रैल को जमशेदपुर में एक और दर्दनाक घटना घटी। जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में एक गर्भवती महिला से हॉस्पिटल में फर्श पर गिरा खून साफ कराया गया। आरोप लगाने वाली महिला रिज़वाना ख़ातून के मुताबिक इलाज के लिए वह अस्पताल गई थी। जहां हॉस्पिटल परिसर में ही उसका खून गिर गया। उसे देखने के बाद अस्पताल की एक महिला कर्मी ने चिल्लाते हुए कहा कि कहां-कहां से आ जाती हो कोरोना फैलाने। साफ करो इसको। यही नहीं, सफाई में देरी होने पर उसे पीटा भी गया। मामले में पुलिस की रिपोर्ट आनी अभी बाक़ी है।

jamshedpur mamle ka aaropi ashish paul_0.jpeg
पांचवा मामला- ऑटो चलाकर पेट पालने वाले नसीम ख़ान लॉकडाउन के बाद पिछले दो हफ्तों से आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुण्डा के जमशेदपुर स्थित घर के सामने सब्ज़ी मार्केट में सब्ज़ी बेचने लगे‌। आरोप है कि बुधवार 22 अप्रैल को उनकी दुकान पर आशीष पॉल नामक व्यक्ति अन्य तीन लोगों के साथ आया और गाली गलौज करने लगा। उसने कहा कि तुमलोग कोरोना फैलाने आ जाते हो, यहां सब्जी दुकान नहीं लगाने देंगे। नसीम ने एफआईआर दर्ज कराई है। आरोपी आशीष पाल से पुलिस ने पूछताछ की है, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस पूरे मसले पर गोल-मोल जवाब दे रही है।

nasim khan ki oor se kiya gya FIR ki copy_0.jpeg
छठा मामला- बताया जाता है कि 25 मार्च को रांची की आज़ाद बस्ती के एजाज कुरैशी की भतीजी रमा नर्सिंग हॉस्पिटल गई थी, जहां डॉक्टरों ने इलाज करने से मना कर दिया। एजाज कुरैशी ने बताया कि इसके बाद लक्ष्मी नर्सिंग होम गए। वहां गार्ड ने बोला कि आज़ाद बस्ती वालों को भर्ती नहीं किया जाएगा। बीते 23 अप्रैल को रांची के ही कांटाटोली इलाके के मां दुर्गा हॉस्पिटल में बच्चा पैदा हुआ है।

सातवां मामला- खूंटी के कर्रा में एक ईसाई लड़की पर हमला हुआ। उसके चर्च जाने के दौरान उसके साथ मारपीट की गई। हालांकि यह धर्म परिवर्तन से जुड़ा मसला है। सुनीता केरकेट्टा नाम की लड़की प्रार्थना के लिए चर्च जा रही थी। उसने बताया कि इसी दौरान गांव के लोगों ने पंचायत की और वहीं उसके साथ मारपीट हुई। आरोप लगा कि वह धर्म परिवर्तन कराती है। जबकि उसके मुताबिक उसने ऐसा कभी कुछ नहीं किया है। मामले में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। सात लोगों को नामज़द आरोपी बनाया गया है। कर्रा थाना प्रभारी मुन्ना सिंह ने बताया कि मामले में कुल आठ लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।

आठवां मामला- बुढ़मू इलाके के चौवटिया बस्ती गांव के मस्जिद में सो रहे लोगों को मारपीट कर भगा दिया। गांव के सहिजान अंसारी ने बताया कि सोमवार 20 तारीख को बड़ी संख्या में गांव के लोगों ने रात 11 बजे मस्जिद को घेर लिया और हांगामा करने लगे। उस दौरान मस्जिद में सो रहे तीन बच्चे भाग गए और एक वृद्ध पकड़ में आ गया जो वहां साफ-सफाई करता था और मस्जिद में ही सोता था। देर रात बुढ़मू थाना की पुलिस आई और मामले को शांत कराया।

इस पूरे माहौल पर कांग्रेस एमएलए डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि ‘वर्तमान सरकार अफवाहों पर लगाम कसने में नाकाम है। ये सरकार भी अल्पसंख्यकों के बीच विश्वास पैदा करने में सक्षम नहीं है। मैं इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री को भी जिम्मेदार मानता हूं। जब कोरोना से लड़ने की ज़रूरत है उस वक्त लोगों को हिन्दू-मुस्लिम में उलझाया जा रहा है। ख़ासकर बीजेपी इसका पूरी तरह राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है।’

MLA Dr. irfan ansari_0.jpg
आपको बता दें कि झारखंड में कांग्रेस और जेएमएम के गठबंधन की सरकार है। कांग्रेस के ही नेता बन्ना गुप्ता स्वास्थ्य मंत्री हैं।  

वहीं, झारखंड बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष सोना खान कहते हैं कि इसके लिए समाज के दोनों पक्षों के लोगों में कुछ उपद्रवी तत्व होते हैं जो इस मौका का लाभ उठाकर अफवाह और हिंसा फैलाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस मसले पर पीएम मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दोनों ने बिल्कुल सही बात कही है कि बीमारी धर्म देखकर नहीं फैलती है।

फिलहाल सच्चाई यही है कि अफवाह और कोरोना के मामले राज्य में लगातार बढ़ रहे हैं। कुछ हद तक राज्य की हेमंत सरकार इस पर लगाम लगा पाने में असफल भी दिख रही है। इसके चलते अपनी ही सरकार के मंत्री और विधायक उसपर हमलावर हैं। ऐसे में देखना होगा कि हेमंत सरकार स्थिति को कैसे नियंत्रण में करती है। 

(आनंद दत्त स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

Coronavirus
Lockdown
minorities
attack on minorities
BJP
Congress
JMM
Hemant Soren
Hemant Sarkar
Jharkhand

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट : डाडा जलालपुर में अभी भी तनाव, कई मुस्लिम परिवारों ने किया पलायन

हिमाचल प्रदेश के ऊना में 'धर्म संसद', यति नरसिंहानंद सहित हरिद्वार धर्म संसद के मुख्य आरोपी शामिल 

अब भी संभलिए!, नफ़रत के सौदागर आपसे आपके राम को छीनना चाहते हैं

ग़ाज़ीपुर; मस्जिद पर भगवा झंडा लहराने का मामला: एक नाबालिग गिरफ़्तार, मुस्लिम समाज में डर

लखीमपुर हिंसा:आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने के लिए एसआईटी की रिपोर्ट पर न्यायालय ने उप्र सरकार से मांगा जवाब

टीएमसी नेताओं ने माना कि रामपुरहाट की घटना ने पार्टी को दाग़दार बना दिया है

चुनाव के रंग: कहीं विधायक ने दी धमकी तो कहीं लगाई उठक-बैठक, कई जगह मतदान का बहिष्कार

चारा घोटाला: सीबीआई अदालत ने डोरंडा कोषागार मामले में लालू प्रसाद को दोषी ठहराया


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License