NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
झारखंड: बंद होने की कगार पर पेट्रोल पंप! ''कैसे बचेंगी नौकरियां?'’... 21 दिसबंर को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीज़ल
बढ़ते पेट्रोल-डीज़ल के दामों ने झारखंड के व्यापारियों की चिंता बढ़ा दी है, पड़ोसी राज्यों में तेलों के दाम कम होने के कारण लोग वहीं से टंकी फुल करवा लेते हैं, जिसके कारण अब सीमा से सटे पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर आ गए हैं, जिसके विरोध में 21 दिसंबर को पूरे राज्य के पेट्रोल पंप बंद रहेंगे।
रवि शंकर दुबे
20 Dec 2021
petrol

बढ़ती महंगाई से पूरा देश त्रस्त है, घरेलू सामान हो या फिर ट्रांसपोर्ट से संबंधित चीजें, हर किसी के दाम आग उगल रहे हैं। रसोईं गैस, सब्जी, साग, तेल, दाल हर चीज इन दिनों जनता के बजट से बाहर हैं। इसके अलावा पेट्रोल डीजल भी हर दिन महंगाई के नए आंकड़े स्थापित कर रहा है। वहीं दूसरी ओर केद्र और राज्य सरकारें इसका निदान करने की बजाए एक-दूसरे पर आरोप मढ़ने में जुटी हुई हैं।

सरकारों की अनदेखी का नतीजा अब झारखंड में तेज़ी से देखने को मिल रहा है, जहां पेट्रोल-डीज़ल पंप पर काम करने वालों की नौकरी पर बन आई है, क्योंकि झारखंड की सीमा से लगे शहरों में मौजूद पेट्रोल पंप अब बंद होने की कगार पर आ गए हैं, जिसका विरोध झारखंड पेट्रोल-डीज़ल एसोसिएशन पिछले कई दिनों से कर रहा है, लेकिन केंद्र इन सब चीजों की फिक्र से इतर चुनावी अभियान में जुटी हैं। वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इस बाबत कोई एक्शन लेते नहीं दिखाई दे रहे हैं। सरकारों की अनदेखी से आक्रोशित एसोसिएशन ने 21 दिसंबर यानि मंगलवार को पूरे प्रदेश में पेट्रोल पंपों को बंद करने का आह्वान किया है, साथ ही चेतावनी दी है कि अगर पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों के कारण व्यापार में अड़चन आएगी तो आगे भी इस तरह की बंदी करने से पीछे नहीं हटेंगे।

झारखंड पेट्रोल-डीज़ल एसोसिएशन का कहना है कि राज्य में पेट्रोल-डीज़ल महंगा होने के कारण लोग पड़ोसी राज्यों में जाकर अपनी टंकी फुल करवा लेते हैं, क्योंकि आसपास के राज्य जैसे यूपी, पं बंगाल, बिहार, उड़ीसा की सरकारों ने दाम कम किए हैं। लेकिन झारखंड की सरकार तेल की कीमतों पर वैट कम करने को तैयार नहीं है, जो व्यापारियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। ऐसे में अगर तेलों पर 22% से 17% वैट कम दिया जाता है तो बड़ी राहत मिलेगी।

ईटीवी भारत के मुताबिक, झारखंड पेट्रोल-डीज़ल एसोसिएशन का कहना है कि तेलों पर अगर 5 प्रतिशत वैट कम कर दिया जाए तब भी राज्य सरकार को 1000 करोड़ का राजस्व मिलेगा।

ईटीवी भारत के मुताबिक, झारखंड पेट्रोल-डीज़ल एसोसिएशन का कहना है कि इस तरह का आयात झारखंड में 30,000 किलोलीटर हर महीेने हो रहा है, जिससे मिलने वाले राजस्व का शुद्ध रूप से अपने प्रदेश को नुकसान उठाना पड़ रहा है, जब वैट की दर 18 प्रतिशत थी तब साल 2015-16 में झारखंड प्रदेश में हर महीने डीज़ल की बिक्री 1 लाख 28 किलोलीटर थी जो घटकर 1 लाख 16 हजार किलोलीटर पर पहुंच चुकी है, जबकि पूरे देश में प्रतिशत प्रति वर्ष 8 प्रतिशत की दर से पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री में इज़ाफ़ा हुआ है, इस कारण वैट की दर 5 प्रतिशत घटाना सरकार के लिए फायदेमंद है।

मौजूदा वक्त की बात करें तो झारखंड में पेट्रोल की कीमतें 99 रुपये के आसपास, जबकि डीज़ल की कीमतें 92 रुपये के आसपास बनी हुई हैं। जबकि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में पेट्रोल 96 रुपये जबकि डीज़ल 87 रुपये के आसपास बिक रहा है।

वैसे तो नौकरी और रोज़गार की चिंता पूरे देश में हैं, लेकिन इन दिनों जो हाल झारखंड के पेट्रोलपंप पर काम करने वालों का है वो बेहद दयनीय है, जिसका हल फिलहाल तो नहीं दिखाई दे रहा है, लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर कोई योजना बनाती हैं, तेल पर वैट प्रतिशत कम करती हैं तो ज़रूर ही कोई हल निकलेगा।

Jharkhand
Petroleum
petrol prices
Inflation
unemployment
Hemant Soren
Narendra modi

Related Stories

डरावना आर्थिक संकट: न तो ख़रीदने की ताक़त, न कोई नौकरी, और उस पर बढ़ती कीमतें

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

क्या जानबूझकर महंगाई पर चर्चा से आम आदमी से जुड़े मुद्दे बाहर रखे जाते हैं?


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License