NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
झारखंड : ‘वादा निभाओ हेमंत सोरेन सरकार'
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार अपने एक साल के कार्यकाल पूरा होने पर भव्य आयोजन कर रही। भाजपा पर जहां अब भी सरकार तोड़ने की कोशिशों का आरोप है, वहीं झारखंड की लेफ्ट पार्टियां सरकार से जनता से किए हुए वादों को निभाने के लिए दबाव डाल रही हैं। 
अनिल अंशुमन
29 Dec 2020
झारखंड : ‘वादा निभाओ हेमंत सोरेन सरकार'

झारखंड प्रदेश की हेमंत सोरेन सरकार भी अन्य सभी सरकारों की भांति 29 दिसंबर को अपने शासन की पहली वर्षगांठ का जश्न पूरे राजकीय समारोह के साथ मना रही है। ‘ अबुआ राज का साल एक , शुरुआत अनेक ’ तथा ‘ संघर्ष के हुए एक वर्ष , पूरे कर रहें हैं सारे फर्ज़ ’ जैसे नारों के साथ हो रहे आयोजन के संदर्भ में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का दावा है कि झारखंड राज्य गठन के 20 वर्षों में सबसे मजबूत सरकार यही हैl

प्रदेश विधान सभा सदन में लोकतान्त्रिक प्रतिपक्ष की कुर्सी  पर आसीन भाजपा भी इस अवसर पर विशेष श्वेतपत्र जारी कर हेमंत सरकार को पूरी तरह से विफल सरकार साबित करने में पूरी आक्रामकता के साथ डटी हुई है।     

प्रदेश की मीडिया , जिसका स्वर महज एक वर्ष पहले तक पिछली भाजपा शासन में सरकार के मुख्य प्रचारक के रूप में था , इस बार वह सभी गैर भाजपा राज्य सरकारों की तरह झारखंड की गैर भाजपा सरकार को भी ‘ आदर्श पत्रकारिता ’ का आदर्श पालन करते हुए हेमंत सरकार को घेरने का कोई भी मुद्दा नहीं छोड़ रही है। 

वहीं भाकपा माले झारखंड प्रदेश इकाई ने हेमंत सोरेन सरकार के गठन दिवस के एक दिन पूर्व ही यानी 28 दिसंबर को ‘ वादा निभाओ हेमंत सोरेन सरकार’ के राज्यव्यापी अभियान चलाकर सरकार के नाम 16 सूत्री स्मार-पत्र जारी दिया।

जिसमें हेमंत सोरेन सरकार द्वारा राज्य की जनता से किए गए सभी वायदे को याद दिलाते हुए ‘ वादा निभाओ हेमंत सोरेन सरकार ’ के  साथ विपक्षी दल भाजपा पर भी तीखा निशाना साधा है!   

स्मार – पत्र के शुरुआत में ही कहा गया है कि यह सही है कि इस एक वर्ष में गैर भाजपा सरकार होने के कारण हेमंत सोरेन सरकार को केंद्र की सरकार द्वारा लगातार किए गए सौतेलापन और भेदभाव पूर्ण कारगुजारियों का सामना करना पड़ा है। वहीं प्रदेश के विपक्ष में बैठी उसी सरकार के प्रमुख दल और उसके नामचीन नेताओं द्वारा प्रदेश की सरकार को अस्थिर करने के नित नए - नए कवायदों को भी झेलना पड़ रहा है। 

बावजूद इसके यह भी उतना ही सत्य है कि प्रदेश की व्यापक जनता ने जिन उम्मीदों – आकांक्षाओं से इस सरकार के लिए अपना जनादेश दिया है, उस कसौटी पर इस सरकार के अबतक के काम काज का हिसाब किताब लिया जाना भी ज़रूरी है।

‘वादा निभाओ हेमंत सोरेन सरकार ’ के राज्यव्यापी अभियान के तहत राजधानी रांची से लेकर गिरिडीह , धनबाद , बोकारो , कोडरमा , गढ़वा , लातेहार , रामगढ़ , देवघर – दुमका , जमशेदपुर तथा हजारीबाग समेत कई अन्य ज़िला मुख्यालयों पर धरना – प्रदर्शन इत्यादि के माध्यम से स्थानीय पदाधिकारियों के जरिये राज्य सरकार को स्मार – पत्र दिया गया ।

गिरिडीह स्थित ज़िला स्टेडियम में आयोजित अभियान कार्यक्र्म को संबोधित करते हुए माले विधायक विनोद सिंह ने 16 सूत्री स्मार पत्र के हवाले से कहा कि प्रदेश के स्थानीय लोगों को आरक्षण , महिलाओं को नौकरी , सभी पारा शिक्षकों को स्थायी करना , झारखंड लोक सेवा आयोग की सभी लंबित परीक्षाएँ लेना , पत्थलगड़ी तथा अन्य जन आंदोलनों से जुड़े लोगों पर पिछली भाजपा सरकार द्वारा दायर फर्जी मुकदमों को वापस लेने की घोषणा को अमली जामा पहनाना तथा मुफ्त बिजली देने जैसे सभी ज़रूरी मसलों पर आज हेमंत सोरेन सरकार विफल दिख रही है । इस सांकेतिक धरना के माध्यम से राज्य सरकार को अवगत कराया जा रहा है कि वह अपने सभी चुनावी वायदों को जल्द पूरा करे अन्यथा उनकी पार्टी राज्यव्यापी प्रतिवाद आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएगी ।

इसी कार्यक्रम को स्ंबोधित करते हुए पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने भी हेमंत सोरेन सरकार की विफलताओं को रेखांकित करते हुए आगाह किया कि राज्य के सभी युवाओं को रोजगार अथवा भत्ता देने जैसी घोषणाएँ ज़मीन पर जुमाला साबित हो रहीं हैं।  

सोशल मीडिया में भी कहा जा रहा है कि पिछले एक वर्ष के शासन काल में हेमंत सोरेन सरकार कोरोना महामारी के संकट के साथ देशव्यापी लोकतन्त्र के संकटों का सामना कर रही है । तब भी कुछ मोर्चों पर सरकार की विफलता चुभती है, मसलन - पूर्व की सरकारों द्वारा आदिवासियों के जल जंगल ज़मीन की लूट के लिए बनाए गए तमाम भूमि क़ानूनों की वापसी , प्रदेश में बेतहाशा बढ़ती महिलाओं पर हमले हिंसा पर कारगर रोक हेतु कारगर कदम उठाने जैसे मामलों में नाकामी के साथ साथ जंगलों में तैनात सुरक्षा बलों के बढ़ते अत्याचार जैसी खबरें आए दिन अखबारों की सुर्खियां बन रही हैं । राज्य की सही स्थानीय नीति और पेसा क़ानूनों को सख्ती से लागू करने की नियमावली बनाने जैसे काम अधूरे पड़े हैं । पिछली भाजपा सरकार ने चोर दरवाजे से जिस भूमि अधिग्रहण कानून को थोप दिया है, उसकी वापसी के लिए अभी तक कोई कारवाई नहीं की गयी है । आनेवाले समय में वर्षों से लंबित ऐसे मामलों से हेमंत सरकार को निबटना ही होगा । 

कई सोशल पोस्टों में हेमंत सरकार को इस बात के लिए सराहा गया है कि पिछली भाजपा सरकारें सिर्फ भव्य सरकारी विज्ञापनों में ही अपने कार्यों का ढिंढोरा पीटती नज़र आती थी तथा इसके लिए राज्य के खजाने का पैसा पानी की बहाती थीं , हेमंत सरकार वैसा नहीं कर रही है।

अपनी सरकार की पहली वर्षगांठ समारोह से हेमंत सोरेन ने 15 योजनाओं का उद्घाटन, 11 का शिलान्यास तथा 15 योजनाएँ लांच करने की घोषणा की है।                 

चर्चा तो यह भी है कि देश के वर्तमान सियासी हालातों में जहां केंद्र में काबिज सत्ता - सरकार का गैर भाजपा राज्य सरकारों के खिलाफ जो तिकड़मी और सुनियोजित उपेक्षा भरा रवैया है , झारखंड कि मौजूदा सरकार कितने दिनों तक सत्ता में अक्षुण्ण रह पाएगी …. काफी चुनौतीपूर्ण है !

Jharkhand
Jharkhand government
Hemant Soren
BJP
CPI-ML
JMM

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • रवि कौशल
    डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी
    24 May 2022
    दिल्ली विश्वविद्यालय के इस फैसले की शिक्षक समूहों ने तीखी आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि इससे विश्वविद्यालय में भर्ती का संकट और गहरा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पश्चिम बंगालः वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चाय बागान के कर्मचारी-श्रमिक तीन दिन करेंगे हड़ताल
    24 May 2022
    उत्तर बंगाल के ब्रू बेल्ट में लगभग 10,000 स्टाफ और सब-स्टाफ हैं। हड़ताल के निर्णय से बागान मालिकों में अफरा तफरी मच गयी है। मांग न मानने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का संकेत दिया है।
  • कलिका मेहता
    खेल जगत की गंभीर समस्या है 'सेक्सटॉर्शन'
    24 May 2022
    एक भ्रष्टाचार रोधी अंतरराष्ट्रीय संस्थान के मुताबिक़, "संगठित खेल की प्रवृत्ति सेक्सटॉर्शन की समस्या को बढ़ावा दे सकती है।" खेल जगत में यौन दुर्व्यवहार के चर्चित मामलों ने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ़…
  • आज का कार्टून
    राम मंदिर के बाद, मथुरा-काशी पहुँचा राष्ट्रवादी सिलेबस 
    24 May 2022
    2019 में सुप्रीम कोर्ट ने जब राम मंदिर पर फ़ैसला दिया तो लगा कि देश में अब हिंदू मुस्लिम मामलों में कुछ कमी आएगी। लेकिन राम मंदिर बहस की रेलगाड़ी अब मथुरा और काशी के टूर पर पहुँच गई है।
  • ज़ाहिद खान
    "रक़्स करना है तो फिर पांव की ज़ंजीर न देख..." : मजरूह सुल्तानपुरी पुण्यतिथि विशेष
    24 May 2022
    मजरूह सुल्तानपुरी की शायरी का शुरूआती दौर, आज़ादी के आंदोलन का दौर था। उनकी पुण्यतिथि पर पढ़िये उनके जीवन से जुड़े और शायरी से जुड़ी कुछ अहम बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License