NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
झारखण्ड  : फादर स्टैन स्वामी की हिरासत में हुई मौत के ख़िलाफ़ वाम दलों और सामाजिक जन संगठनों का राजभवन मार्च
"एक ओर, बम विस्फोट और ह्त्या की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को फ़ौरन जमानत मिल जाती है, लेकिन असहमति के स्वर उठाने के कारण 84 वर्षीय बीमार फादर स्टैन को जमानत देने की बजाय उनकी जान ले ली गयी।"
अनिल अंशुमन
16 Jul 2021
झारखण्ड  : फादर स्टैन स्वामी की हिरासत में हुई मौत के ख़िलाफ़ वाम दलों और सामाजिक जन संगठनों का राजभवन मार्च

इसे दुखद विडंबना ही कहा जायेगा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन फादर स्टैन स्वामी की शोक सभा में शामिल होकर उनके विचारों को नहीं मरने देने का आह्वान करते हैं, तो दूसरी ओर, उन्हीं का प्रशासन तंत्र फादर स्टैन स्वामी की हिरासत में हुई मौत की न्यायिक जांच की मांग को लेकर निकाले जा रहे राजभवन मार्च को निकलने से रोकने के लिए घंटों अड़ा रहा।

पूर्व से ही अनुमानित आशंकाओं के अनुरूप 15 जुलाई को राज्य के सभी वामपंथी दलों और सामाजिक जन संगठनों द्वारा रांची में आयोजित राजभवन मार्च को निकलने से रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह से अड़ा रहा। कोविड नियमों का हवाला देकर मार्च निकालने के स्थल रांची जिला स्कूल का मुख्य द्वार बंद कर हथियारबंद पुलिस का पहरा बिठा दिया गया था। मार्च के लिए जुटे लोग सरकार व प्रशासन विरोधी नारे लगाते हुए पुलिस प्रशासन के इस रवैये के खिलाफ आक्रोश प्रकट करने लगे। काफी नोक-झोंक और बहस मुबाहिसे के बाद प्रशासन इस शर्त के साथ राजी हुआ कि मार्च में 50 लोग ही शामिल रह सकते हैं और एक-एक की लाइन बनाकर ही आगे बढ़ सकते हैं।

जिसे धता बताते हुए सीपीएम पोलित ब्यूरो सदस्य व झारखण्ड प्रभारी वृंदा करात, भाकपा माले विधायक विनोद सिंह समेत सभी वामदलों के राज्य नेताओं समेत अन्य सामाजिक जन संगठनों के सदस्यों ने न्याय मार्च निकालकर राजभवन तक मार्च किया। मार्च राजभवन पर लगाए गए बैरीकेड के पास पहुंचकर प्रतिवाद सभा में तब्दील हो गया।

सभा की अध्यक्षता करते हुए चर्चित आन्दोलनकारी दयामनी बारला ने हेमंत सोरेन सरकार प्रशासन द्वारा फादर स्टैन स्वामी की मौत के सवाल पर निकाले गए न्याय मार्च रोके जाने की तीखी निंदा की। अपने आक्रोशपूर्ण संबोधन में कहा कि, "हम शांतिपूर्ण और लोकतान्त्रिक आन्दोलन करने वाले लोग हैं। इस राज्य में पांचवी अनुसूची के कस्टोडियन राज्यपाल जी को ये बताने आये हैं कि फादर स्टैन स्वामी पिछले तीन दशकों से पांचवी अनुसूची के अनुपालन और उससे वंचित किये गए आदिवासी, दलित और शोषित वंचितों के सवालों को लेकर संघर्ष करते रहें हैं, लेकिन 2014 में जब से भाजपा सत्ता में आयी है उसने पांचवी अनुसूची और विरोध की आवाज़ों पर हमला बोलते हुए पुरे देश में कॉर्पोरेट शासन शुरू कर दिया।

वे अपने वक्तव्य में आगे कहती हैं, "2016 से ही फादर स्टैन की ह्त्या की भूमिका शुरू की जाने लगी थी कि जो जल जंगल ज़मीन की लूट की बात करेगा, उसे देशद्रोही आतंकवादी कहा जाएगा। दमन का यह खेल रघुवर दास शासन में खुलकर शुरू हो गया था। इसी के तहत भीमा कोरे गांव काण्ड के नाम पर फादर स्टैन को फंसाकर जेल कस्टडी में उनकी संस्थागत हत्या कर दी गयी। इस हत्या के खिलाफ हम न्यायिक जांच की मांग को लेकर यहां आयें हैं।

प्रतिवाद सभा को संबोधित करते हुए वृंदा करात ने भी मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह अपने खिलाफ होने वाले विरोध की आवाज़ों को दबाने के लिए एनआईए का इस्तेमाल कर रही है। एनआईए को नेशनल क्राइम एजेंसी की उपाधि देते हुए करात ने कहा, "फादर स्टैन की मौत भाजपा प्रायोजित साज़िशपूर्ण ह्त्या है इसलिए इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। आदिवासी, दलित और वंचितों के सवालों पर निरंतर संघर्षरत रहे फादर स्टैन स्वामी से भाजपा कितना नफरत करती है, यह उसके तानाशाह रवैये से खुलकर सामने आ गया है।"

उन्होंने आगे अपने वक्तव्य में आक्रोशपूर्ण लहजे में केंद्र की सरकार से पूछा कि क्या वह बताएगी कि जिस तथाकथित जांच के नाम पर 84 वर्षीय बीमार और बुजुर्ग फादर स्टैन को गिरफ्तार कर पिछले अक्तूबर से जून 2021 तक जेल की यातनाओं में रखा गया, उसकी जांच अब तक क्यों नहीं की गई है? उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनके पास फादर पर लागए गए आरोपों का कोई सबूत ही नहीं था। इस प्रकरण में एनआईए की अमानवीय भूमिका का उल्लेख करते हुए करात ने कहा कि यह सारा प्रपंच देश के गृहमंत्री अमित शाह के इशारे पर ही रचा गया है। फादर स्टैन की शहादत हम कभी नहीं भूलेंगे।

सभा में शामिल झारखण्ड के भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने कहा, "ये वही राजभवन और रांची की सड़कें हैं, जहां सैंकड़ों बार फादर स्टैन के साथ हम सभी जल जंगल ज़मीन के सवाल, अलग राज्य गठन के बाद भाजपा सरकारों द्वारा इस राज्य के लोगों और आदिवासियों वंचित समाज के निर्दोष लोगों पर ढाए गए दमन अत्याचार के खिलाफ उनके कंधे से कन्धा मिलाकर लड़े हैं। वे प्रदेश की जनता के सावालों के एक सशक्त आवाज़ थे। अब हमें उन तमाम सवालों पर इस सरकार को कठघरे में खड़ा करना होगा।"

उन्होंने केंद्र सरकार पर आक्रामक तेवर के साथ हमला बोलते हुए कहा, "वर्तमान की भाजपा सरकारों के तानाशाह रवैये के ख़िलाफ़ असहमति और विरोध की आवाजों को दबाने के लिए कभी देशद्रोह तो कभी नक्सलवाद के नाम पर साजिश रची जा रही है। एक ओर, बम विस्फोट और ह्त्या की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को फ़ौरन जमानत मिल जाती है, लेकिन असहमति के स्वर उठाने के कारण 84 वर्षीय बीमार फादर स्टैन को जमानत देने की बजाय उनकी जान ले ली गयी। आज उनकी मौत की जांच भले ही न हो, लेकिन भाजपा और एनआईए का चेहरा पूरी तरह से उजागर हो गया है। फादर के अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए हम सब संकल्पबद्ध हैं।"

सभा को सीपीआइ के पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, हेमंत सोरेन सरकार के घटक दल राजद के राजेश यादव, हॉफमैन लॉ नेटवर्क के फादर महेंद्र पीटर तिग्गा, फादर स्टैन स्वामी न्याय मंच के कुमार वरुण समेत कई अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया। सभा का संचालन भाकपा माले के भुवनेश्वर केवट ने किया।

न्याय मार्च और सभा में काफी संख्या में सीपीएम, सीपीआइ, भाकपा माले ,एसयूसीआई, मासस, आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच, सीटू, एटक, एक्टू, छात्र संगठन आइकफ़ व आइसा सदस्यों ने सक्रीय भागीदारी निभाई। इसके अलावा झारखण्ड टीएसी के पूर्व सदस्य रतन तिर्की , भोजन के अधिकार अभियान से जुड़े वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ता बलराम तथा कई नागरिक अधिकार संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भागीदारी निभाई।

प्रतिवाद सभा की शुरुआत फादर स्टैन स्वामी की स्मृति में एक मिनट की मौन श्रद्धांजली दी गयी। सभा की ओर से वहां तैनात दंडाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को  ज्ञापन दिया गया, जिसमें फादर स्टैन स्वामी की हिरासत में हुई मौत की न्यायिक जांच कर दोषियों को सज़ा देने, यूएपीए कानून रद्द करने तथा झारखण्ड समेत देश की जेलों में बंद सभी विचाराधीन राजनितिक बंदियों तथा वरिष्ठ मानवाधिकार व सामाजिक कार्यकर्ताओं की अविलम्ब रिहाई की मांग की गयी। सभा से यह भी घोषणा की गयी कि यदि उक्त मांगों को मोदी सरकार नहीं मानेगी तो इसके खिलाफ व्यापक जन दबाव खड़ा करने का जन अभियान चलाया जाएगा।

सभा स्थल पर यूएपीए हटाने की मांग को लेकर नागरिक हस्ताक्षर बैनर भी लगाया गया था, जिस पर वृंदा करात और विनोद सिंह समेत सभी प्रदर्शनकारियों ने हस्ताक्षर किये।             

गौरतलब है कि इन दिनों झारखण्ड में फादर स्टैन स्वामी की मौत पर शोक और आक्रोश प्रदर्शनों का सिलसिला लगातार जारी है, जिन्हें देखकर इतना तो कहा ही जा सकता है कि मृत्यु के पश्चात भी फादर स्टैन स्वामी के प्रतिरोध के सुर सुनाई दे रहे हैं।

Jharkhand
Father Stan Swamy
Father Stan Swamy's death
UAPA
Left Parties Protest
social organization
Hemant Soren
Vrinda Karat

Related Stories

झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 

‘मैं कोई मूक दर्शक नहीं हूँ’, फ़ादर स्टैन स्वामी लिखित पुस्तक का हुआ लोकार्पण

झारखंड: केंद्र सरकार की मज़दूर-विरोधी नीतियों और निजीकरण के ख़िलाफ़ मज़दूर-कर्मचारी सड़कों पर उतरे!

झारखंड: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी जन सत्याग्रह जारी, संकल्प दिवस में शामिल हुए राकेश टिकैत

झारखंड: हेमंत सरकार की वादाख़िलाफ़ी के विरोध में, भूख हड़ताल पर पोषण सखी

झारखंड: राज्य के युवा मांग रहे स्थानीय नीति और रोज़गार, सियासी दलों को वोट बैंक की दरकार

झारखंड : ‘भाषाई अतिक्रमण’ के खिलाफ सड़कों पर उतरा जनसैलाब, मगही-भोजपुरी-अंगिका को स्थानीय भाषा का दर्जा देने का किया विरोध

मेरा हौसला टूटा नहीं है : कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज

कोरोना काल में भी वेतन के लिए जूझते रहे डॉक्टरों ने चेन्नई में किया विरोध प्रदर्शन

झारखंड: केंद्रीय उद्योग मंत्री ने एचईसी को बचाने की जवाबदेही से किया इंकार, मज़दूरों ने किया आरपार लड़ाई का ऐलान


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License