NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
झारखंड चुनाव  :  क्या दाग़दार उम्मीदवार ही करेंगे झारखंड का बेड़ा पार?
एडीआर की हालिया रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश की 81 विधान सभा सीटों के चुनाव के लिए खड़े हुए कुल 1216 उम्मीदवारों में 335 पर सामान्य अपराध और 222 के गंभीर अपराध के आरोप होने की बात कही गई है।
अनिल अंशुमन
18 Dec 2019
JHARKHND ELECTION

झारखंड में चुनाव सुधार के मुद्दों पर काम कर रहे सामाजिक संगठन झारखंड इलेक्शन वॉच और एसोशिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसके माध्यम से ये जानकारी दी है कि वर्तमान विधान सभा चुनाव के सभी पांचों चरण के मतदान में खड़े ‘योग्य एवं कर्मठ’ प्रत्याशियों में कितने दाग़दार और करोड़पति हैं। प्रदेश की 81 विधान सभा सीटों के चुनाव के लिए खड़े हुए कुल 1216 उम्मीदवारों में 335 पर सामान्य अपराध और 222 के गंभीर अपराध के आरोप होने की बात कही गई है। ये विश्लेषण प्रत्याशियों द्वारा राज्य चुनाव आयोग को सौंपे गए शपथपत्र के आधार पर किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार कइयों पर बलात्कार, हत्या, हत्या का प्रयास, मारपीट, रंगदारी मांगने व महिला उत्पीड़न करने जैसे संगीन आरोप हैं। 10 उम्मीदवार तो दोष सिद्ध हैं तो 5 पर बलात्कार व 24 पर महिला उत्पीड़न करने का सीधा आरोप है। इनमें से एक प्रत्याशी जो सत्ताधारी दल भाजपा के वर्तमान बाघमारा विधायक हैं, उनपर ख़ुद उन्हीं की महिला पार्टी कार्यकर्ता ने ऊपर यौन उत्पीड़न का केस हाई कोर्ट में दायर किया है। 16 दिसंबर को ही इस पर संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने पुलिस से जांच प्रगति को लेकर जवाबतलब किया है। वहीं इसी दल के पलामू स्थित पांकी विधान सभा के प्रत्याशी पर अपने ही स्कूल की महिलाकर्मी का यौन शोषण कर हत्या करने का संगीन आरोप है।

सामान्य व गंभीर अपराधों के आरोपी प्रत्याशियों की दलगत संख्या के अनुसार सत्ताधारी दल भाजपा के 79 उम्मीदवारों में 35 (44%) तथा सत्ताधारी गठबंधन के घटक दल आजसू के 53 में 25 (47%) पर केस चल रहें हैं। विपक्ष दलों में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 43 में 19 (44%), कांग्रेस के 31 में 16 (51%) तथा झारखंड विकास मोर्चा के 81 में से 34 (42%) पर मुक़दमे हैं। जबकि 368 निर्दलीयों में 71 पर केस हैं। आंकड़ों के अनुसार 2014 में 17% उम्मीदवारों पर मुक़दमे थे उसकी संख्या इस बार बढ़कर 24% हो गई है। उक्त जानकारी उम्मीदवारों ने ख़ुद राज्य चुनाव आयोग को सौंपे गए शपथ पत्र से ली गईं हैं। ग़ौरतलब है कि जिन वामपंथी दलों को हिंसा–हंगामा करने वाला बताया जाता है उनके किसी भी उम्मीदवार पर ऐसा कोई संगीन अपराध का केस नहीं होने की रिपोर्ट है।

एक समय ऐसा भी था जब अनगिनत राजनेता–प्रत्याशियों पर जनता के सवालों पर आंदोलन करने के कारण उनपर दर्जनों झूठे मुक़दमे होते थे। लेकिन आज स्थिति ठीक विपरीत सी दिख रही है कि किस तरह से आज के राजनेता–प्रत्याशियों पर उनके निजी कुकर्मों से मुक़दमे हो रहे हैं। तब भी चुनाव प्रचार में इनके लिए ‘जुझारू, योग्य एवं कर्मठ’ की उपाधि देकर वोट मांगे जाते हैं। इतना ही नहीं यौन उत्पीड़न के आरोपी प्रत्याशी को जिताने के लिए ख़ुद प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और मुख्यमंत्री से लेकर दिग्गज राष्ट्रीय नेतागण और बड़ी बड़ी फ़िल्मी हस्तियाँ अपने दाग़ी उम्मीदवारों को भारी बहुमत से जिताने की अपील करते हुए दिखाई देते हैं। बड़ी-बड़ी रैलियों के मंचों से जिस लोकतंत्र की दुहाई देकर जनता से वोट मांगे जाते हैं, उसी लोकतांत्रिक तक़ाज़ों के लिहाज़ से कभी भी जनता से इसके लिए कोई खेद प्रकट करना अथवा माफ़ी मांगना भी किसी को गवारा नहीं है।

झारखंड के वरिष्ठ आंदोलनकारी व पत्रकार बशीर अहमद के अनुसार, "ऐसे विरोधाभासी लोकतंत्र को स्थापित और स्थायी करने में वही ताक़तें संलग्न हैं जिन्हें झारखंड राज्य निर्माण के सपनों से कोई लेना देना नहीं है। सत्ताधारी दल व गठबंधन के संदर्भ कहा कि यही विडम्बना क्या कम है कि जो ताक़तें अलग झारखंड राज्य आंदोलन की विरोधी रहीं, आज वही यहाँ राज कर रहीं हैं और यह भी कह रहीं हैं कि यह राज्य उनकी सरकार ने ही बनाया है।"

झारखंड 80 वर्षीय लेखक व बुद्धिजीवी कालेश्वर ने कहा, "वर्तमान राजनीतिक गिरावट के ज़िम्मेदार वामपंथी दलों को छोड़ शेष सभी हैं। जो एक दिन में नहीं हुआ है। इसके लिए काफ़ी हदतक वैसे मतदाता भी क़सूरवार हैं जो नेताओं के समर्थक होने की बजाय उनके भक्त बन गए हैं। जिन्हें अपने दल व नेता का मैल भी चंदन प्रतीत होता है। लेकिन वास्तविक लोकतंत्र की जड़ें इतनी मज़बूत हैं कि एक ने एक दिन इसमें बदलाव होगा और सही–सच्चे व समर्पित लोग जनता की रहनुमाई करेंगे।

ऐसे में यह देखना होगा कि अगर 23 दिसंबर को झारखंड विधान सभा चुनाव की मतगणना में विजयी हुए ये दाग़ी नेता किन लोकतांत्रिक आदर्शों व मर्यादा का पालन करते दिखाई देंगे? साथ ही अपनी मतदाता जनता को भी किस लोकतंत्र का पाठ पढ़ाएंगे? और सबसे बढ़कर जिस झारखंड के ‘विकास’ के नाम पर प्रधानमंत्री जी तक ने दर्जनों सभाओं में लोगों से अपनी पार्टी की सरकार दोबारा बनाने की अपील की है, ऐसे में तब असली विकास किसका होगा?

निस्संदेह, यह हमारी स्वस्थ लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए हानिकारक होने के साथ-साथ गंभीर चुनौती भी है।

 

Jharkhand
Jharkhand Elections 2019
Left politics

Related Stories

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

झारखंड: बोर्ड एग्जाम की 70 कॉपी प्रतिदिन चेक करने का आदेश, अध्यापकों ने किया विरोध

झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 

झारखंड की खान सचिव पूजा सिंघल जेल भेजी गयीं

झारखंडः आईएएस पूजा सिंघल के ठिकानों पर छापेमारी दूसरे दिन भी जारी, क़रीबी सीए के घर से 19.31 करोड़ कैश बरामद

खबरों के आगे-पीछे: अंदरुनी कलह तो भाजपा में भी कम नहीं

आदिवासियों के विकास के लिए अलग धर्म संहिता की ज़रूरत- जनगणना के पहले जनजातीय नेता

‘मैं कोई मूक दर्शक नहीं हूँ’, फ़ादर स्टैन स्वामी लिखित पुस्तक का हुआ लोकार्पण

झारखंड: पंचायत चुनावों को लेकर आदिवासी संगठनों का विरोध, जानिए क्या है पूरा मामला

झारखंड : हेमंत सोरेन शासन में भी पुलिस अत्याचार बदस्तूर जारी, डोमचांच में ढिबरा व्यवसायी की पीट-पीटकर हत्या 


बाकी खबरें

  • left
    अनिल अंशुमन
    झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान
    01 Jun 2022
    बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ वामपंथी दलों ने दोनों राज्यों में अपना विरोध सप्ताह अभियान शुरू कर दिया है।
  • Changes
    रवि शंकर दुबे
    ध्यान देने वाली बात: 1 जून से आपकी जेब पर अतिरिक्त ख़र्च
    01 Jun 2022
    वाहनों के बीमा समेत कई चीज़ों में बदलाव से एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। इसके अलावा ग़रीबों के राशन समेत कई चीज़ों में बड़ा बदलाव किया गया है।
  • Denmark
    पीपल्स डिस्पैच
    डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान
    01 Jun 2022
    वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में, यूरोपीय संघ के समर्थक वर्गों के द्वारा डेनमार्क का सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने की नीति को समाप्त करने और देश को ईयू की रक्षा संरचनाओं और सैन्य…
  • सत्यम् तिवारी
    अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"
    01 Jun 2022
    अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय कॉलेज के एस आर ख़ालिद का कॉलेज के पार्क में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद एबीवीपी ने उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की थी। कॉलेज की जांच कमेटी गुरुवार तक अपनी…
  • भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    मुंह का कैंसर दुनिया भर में सबसे आम ग़ैर-संचारी रोगों में से एक है। भारत में पुरूषों में सबसे ज़्यादा सामान्य कैंसर मुंह का कैंसर है जो मुख्य रूप से धुआं रहित तंबाकू के इस्तेमाल से होता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License