NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
पेगासस के शिकार हुए पत्रकारों की सुप्रीम कोर्ट में याचिका
जासूसी का शिकार हुए लोगों द्वारा दायर की गई यह पहली याचिका है।
द लीफ़लेट
05 Aug 2021
पेगासस के शिकार हुए पत्रकारों की सुप्रीम कोर्ट में याचिका

पेगासस जासूसी मामले में हाल ही में 5 पत्रकारों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि उनके मोबाइल में पेगासस मालवेयर द्वारा जासूसी की गई थी, साथ ही उन्होंने इज़रायली स्पाइवेयर के इस्तेमाल की अनुमति देने वाले सभी दस्तावेज़ों को साझा करने की बात कही है।

जासूसी का शिकार हुए लोगों द्वारा दायर की गई यह पहली याचिका है।

याचिकाकर्ता पत्रकार परंजोय गुहा ठाकुरता, एसएनएम आबिदी, प्रेम शंकर झा, रुपेश कुमार सिंह और इप्सा शताक्षी ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी गुज़ारिश की है कि वह केंद्र सरकार को एक न्यायिक व्यवस्था तैयार करने का निर्देश दे जिसके ज़रिये निजता के ग़ैर क़ानूनी उल्लंघन और हैकिंग से जुड़ी शिकायतों की जांच हो सके और इसके लिए ज़िम्मेदार सरकारी अधिकारियों को सज़ा दी जाए।

उन्होंने कोर्ट से यह भी कहने को कहा है कि मालवेयर है स्पाइवेयर जैसे पेगासस का इस्तेमाल ग़ैर क़ानूनी और असंवैधानिक है।

अपनी याचिका में, उन्होंने तर्क दिया कि यह रिकॉर्ड की बात है कि पेगासस मालवेयर को इज़रायल सरकार द्वारा कड़ाई से नियंत्रित रक्षा निर्यात के रूप में वर्गीकृत किया गया था और इस तरह के एनएसओ के ग्राहक विशेष रूप से वही सरकारें थी जिन्होंने केवल इज़रायल सरकार की मंज़ूरी के साथ मालवेयर प्राप्त किया था। 

याचिका में कहा गया है कि मौलिक अधिकारों का उल्लंघन भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और एक स्वतंत्र प्रेस के अस्तित्व के लिए भी गंभीर खतरा है जो हमारे लोकतंत्र की आधारशिला है।

इसमें कहा गया है कि सरकार "इस दावे का स्पष्ट रूप से खंडन करने में विफल रही कि उसने पेगासस की खरीद के लिए अनुबंध में प्रवेश नहीं किया या अन्यथा इसके उपयोग को मंजूरी नहीं दी, और इसलिए यह मान लेना उचित है कि कंप्यूटर / कंप्यूटर सिस्टम की हैकिंग, जिसमें शामिल हैं याचिकाकर्ता, लोक सेवकों के लिए खोजी जाने वाली कार्रवाइयों का परिणाम था, और यह प्रतिवादी पर निर्भर है कि वह अवैध कार्यकारी कार्रवाई के स्रोत की पहचान करने के लिए जानकारी प्रस्तुत करे।"

याचिका एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड प्रतीक चड्ढा के माध्यम से दायर की गई है।

इससे पहले, वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार मेनन ने एक याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट के किसी मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जासूसी कांड की जांच कराने और केंद्र सरकार को यह बताने का निर्देश देने की मांग की थी कि क्या उसने या उसकी किसी एजेंसी ने इज़रायली स्पाइवेयर के लिए लाइसेंस प्राप्त किया है।

राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास और अधिवक्ता एमएल शर्मा ने भी पेगासस घोटाले की जांच के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया है। कोर्ट सभी याचिकाओं पर पांच अगस्त को सुनवाई कर सकती है।

यह लेख मूल रूप से द लीफ़लेट में प्रकाशित हुआ था।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Journalists Snooped on by Using Pegasus Petition SC

freedom of speech
Freedom of the Press
Fundamental Rights
Internet Rights
Law and Technology
Right to Life
Right to privacy
rule of law
Supreme Court

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License