NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
लैटिन अमेरिका
जोवेनेल मोइसे ने ट्रांजिशनल सरकार बनाने की मांग को खारिज किया
जोवेनेल मोइसे के राष्ट्रपति पद का कार्यकाल संवैधानिक रूप से 7 फरवरी 2021 को समाप्त हो गया था, लेकिन वे इस पद पर आसीन हैं। उन्होंने पद छोड़ने से इनकार कर दिया है और लाखों हैतीवाकियों की इच्छा के विरुद्ध चुनाव कराने पर जोर दे रहे हैं।
पीपल्स डिस्पैच
19 May 2021
Haiti President

हैती के डी-फैक्टो प्रेसिडेंट जोवेनेल मोइसे ने 18 मई को हैती के राष्ट्रीय ध्वज की रचना की 218 वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एक आधिकारिक समारोह के दौरान देश में राजनीतिक सत्ता के परिवर्तन की रणनीति के रूप में ट्रांजिशनल सरकार की स्थापना को खारिज कर दिया। इसके अलावा उन्होंने उन लाखों हैतीवासियों की इच्छा के विरुद्ध स्थिरता प्राप्त करने के लिए चुनाव कराने पर जोर दिया जो इस वर्ष की शुरुआत से उनकी गैरकानूनी योजनाओं के खिलाफ लामबंद होते रहे हैं।

मोइसे जिनका राष्ट्रपति पद का कार्यकाल संवैधानिक रूप से 7 फरवरी 2021 को समाप्त हो गया फिर भी तब से वे सत्ता पर काबिज हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस ट्रांजिशन ने कभी भी देश के लिए अच्छे काम नहीं किया और हमेशा राष्ट्र को छोटे टुकड़ों में विभाजित किया। उन्होंने चुनाव कराने के महत्व और जून में संवैधानिक जनमत संग्रह से लेकर उसमें शामिल होने तक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि "हम ऐसा करना जारी नहीं रख सकते हैं, मैं सभी लोगों से देश को स्थिरता के रास्ते पर लाने का प्रयास करने का आह्वान करता हूं।"

हालांकि, नागरिकों, नागरिक अधिकार संगठनों और विपक्ष ने नए संविधान का मसौदा तैयार करने वाले आयोग के प्रभारी के एकतरफा निर्णयों की निंदा की। उन्होंने कहा कि 1987 का संविधान जो 1986 के लोकतांत्रिक आंदोलन की मुख्य उपलब्धि है वह सार्वजनिक परामर्श के माध्यम से इसके संशोधन को प्रतिबंधित करता है।

इसके अलावा जून में जनमत संग्रह और सितंबर में आम चुनावों के लिए मोइसे के निर्णय को अस्वीकार करने के लिए राजधानी पोर्ट-औ-प्रिंस के साथ-साथ देश के अन्य प्रमुख शहरों में बड़े पैमाने पर आंदोलन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि मोइसे संविधान का सम्मान करें और पद छोड़ दें और साथ ही अगले दो वर्षों के लिए देश का प्रशासन करने के लिए सहमत अंतरिम सरकार को सत्ता हस्तांतरित करें ताकि मोइसे प्रशासन के कारण गहराते संस्थागत संकट से उबार सके और अगली सरकार के लिए चुनाव करा सके।

Haiti
Haiti Government
Latin America

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

केवल विरोध करना ही काफ़ी नहीं, हमें निर्माण भी करना होगा: कोर्बिन

लैटिन अमेरिका को क्यों एक नई विश्व व्यवस्था की ज़रूरत है?

"एएलबीए मूल रूप से साम्राज्यवाद विरोधी है": सच्चा लोरेंटी

चीन और लैटिन अमेरिका के गहरे होते संबंधों पर बनी है अमेरिका की नज़र

अमेरिकी सरकार के साथ बैठक के बाद मादुरो का विपक्ष के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का ऐलान

कोलंबिया में चुनाव : बदलाव की संभावना और चुनावी गारंटी की कमी

2.2 करोड़ अफ़ग़ानियों को भीषण भुखमरी में धकेला अमेरिका ने, चिले में वाम की ऐतिहासिक जीत

लैटिन अमेरिका दर्शा रहा है कि दक्षिणपंथी उभार स्थायी नहीं है

फिदेल कास्त्रो: लैटिन अमेरिका सहित समूची दुनिया में क्रांतिकारी शक्तियों के प्रतीक पुरुष


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License