NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कमलनाथ का इस्तीफ़ा, पूछा-‘मेरा क्या कसूर’; भाजपा पर षड्यंत्र का आरोप
मध्यप्रदेश में 15 महीने से सत्ता पर काबिज़ कांग्रेस आज सत्ता से बाहर हो गई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज, शुक्रवार को कांग्रेस को सदन में बहुमत साबित करना था, लेकिन इसके पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया।
राजु कुमार
20 Mar 2020
कमलनाथ का इस्तीफ़ा

पिछले 10 दिनों से कांग्रेस पार्टी मध्यप्रदेश में अपनी सरकार बचाने का पुरजोर कोशिश कर रही थी, लेकिन अपने बागी विधायकों से संपर्क नहीं कर पाने और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार आज, शुक्रवार, 20 मार्च को ही विधानसभा में बहुमत साबित करने के आदेश के बाद सरकार बचा पाने में नाकाम रही। आज मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले एक पत्रकार वार्ता में भाजपा पर तीखे प्रहार करते हुए यह घोषणा की कि वे राज्यपाल को अपना इस्तीफा देने जा रहे हैं। उनकी इस घोषणा के बाद मध्यप्रदेश में 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार सत्ता से बाहर हो गई।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस्तीफा देने से पहले यह कहा, ‘‘मेरा क्या कसूर, मेरी क्या गलती।’’ उन्होंने कहा कि जनता ने कांग्रेस को 5 साल का मौका दिया था, लेकिन भाजपा पहले ही दिन से सरकार को अपदस्थ करने की निरंतर साजिश रचती रही। भाजपा हर 15 दिन पर कहती थी कि कांग्रेस की सरकार 15 दिनों की है, गणतंत्र दिवस पर झंडा भाजपा फहराएगी। लेकिन कांग्रेस ने सदन में तीन बार अपना बहुमत सिद्ध किया। भाजपा को कांग्रेस द्वारा किए जा रहे विकास कार्य और माफिया के खिलाफ अभियान रास नहीं आ रहा था। कांग्रेस सरकार पर एक भी घोटाले के आरोप नहीं लगे।

Resignation to Governer by Kamalnath.jpg

इस बीच कमलनाथ ने सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि किसानों की कर्ज माफी, माफिया राज का खात्मा, मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान, युवाओं को रोजगार, आदिवासियों को साहूकारों के कर्ज से मुक्ति, सभी को 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली जैसे काम भाजपा को रास नहीं आया।

उन्होंने कहा कि भाजपा को डर था कि कांग्रेस के इन कामों की बदौलत प्रदेश की बागडोर उसे कभी नहीं मिलेगी, इसलिए उसने पहले महत्वकांक्षी सिंधिया को अपने पाले में किया और फिर होली के दिन कांग्रेस के विधायकों को प्रलोभन देकर बंधक बना लिया। करोड़ों रुपये खर्च करके खेल खेला गया। एक महाराज (ज्योतिरादित्य सिंधिया) और 22 लोभियों को प्रदेश की जनता माफ नहीं करेगी।

उन्होंने कहा कि कमलनाथ को भाजपा का प्रमाण-पत्र नहीं चाहिए, बल्कि जनता का प्रमाण-पत्र चाहिए। उन्होंने कहा कि वे सौदेबाजी एवं नीलामी की राजनीति में कभी नहीं पड़े। भाजपा उनके हौसले को नहीं डिगा सकती। भाजपा का यह षड्यंत्र सफल नहीं हो पाएगा। उन्हें यह याद रखना होगा कि आज के बाद कल आता है और कल के बाद परसो भी आता है। कल के बाद परसो आएगा।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने त्यागपत्र में लिखा है, ‘‘मैंने अपने 40 वर्ष के सार्वजनिक जीवन में हमेशा से शुचिता की राजनीति की है और प्रजातांत्रिक मूल्यों को सदैव तरजीह दिया है। मध्यप्रदेश में पिछले 2 हफ्ते में जो कुछ हुआ, वह प्रजातांत्रिक मूल्यों के अवमूल्यन का एक नया अध्याय है। मैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के पद से अपना त्यागपत्र दे रहा हूं। साथ ही नए बनने वाले मुख्यमंत्री को मेरी शुभकामनाएं। मध्यप्रदेश के विकास में उन्हें मेरा सहयोग सदैव रहेगा।’’

इस बीच यह खबर है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने भाजपा को अपना समर्थन देने की बात की है।

Madhya Pradesh
kamalnath
Kamal Nath's resignation
Congress
BJP
Amit Shah
Narendra modi

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • लेखनाथ पांडे (काठमांडू)
    नेपाल की अर्थव्यवस्था पर बिजली कटौती की मार
    16 May 2022
    नेपाल भारत से आयातित बिजली पर बहुत ज़्यादा निर्भर है, जहां सालों से बिजली संकटों की बुरी स्थितियों के बीच बिजली उत्पादन का काम चल रहा है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: गिर रहा कोरोना का स्तर लेकिन गंभीर संक्रमण से गुजर चुके लोगों की ज़िंदगी अभी भी सामान्य नहीं
    16 May 2022
    देश में कोरोना के मामलों में एक बार फिर लगातार गिरावट देखी जा रही है। पिछले एक सप्ताह के भीतर कोरोना का दैनिक आंकड़ा 3 हज़ार से भी कम रहा है |
  • सुबोध वर्मा
    कमरतोड़ महंगाई को नियंत्रित करने में नाकाम मोदी सरकार 
    16 May 2022
    गेहूं और आटे के साथ-साथ सब्ज़ियों, खाना पकाने के तेल, दूध और एलपीजी सिलेंडर के दाम भी आसमान छू रहे हैं।
  • gandhi ji
    न्यूज़क्लिक टीम
    वैष्णव जन: गांधी जी के मनपसंद भजन के मायने
    15 May 2022
    हाल ही में धार्मिक गीत और मंत्र पूजा अर्चना की जगह भड़काऊ माहौल बनाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इसी सन्दर्भ में नीलांजन और प्रोफेसर अपूर्वानंद गाँधी जी को प्रिय भजन वैष्णव जन पर चर्चा कर रहे हैं।
  • Gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद: क्या और क्यों?
    15 May 2022
    जो लोग यह कहते या समझते थे कि अयोध्या का बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद आख़िरी है, वे ग़लत थे। अब ज्ञानवापी विवाद नये सिरे से शुरू कर दिया गया है। और इसके साथ कई नए विवाद इस कड़ी में हैं। ज्ञानवापी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License