NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कश्मीर यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्कॉलर को 2011 में लिखे लेख के लिए ग़िरफ़्तार किया गया
केंद्र शासित प्रदेश की नवगठित जांच एजेंसी ने बताया कि ‘द कश्मीर वाला’ में प्रकाशित अब्दुल आला फाजिली का लेख "उत्तेजक, देशद्रोही और जम्मू-कश्मीर में खलल पैदा करने के इरादे" से लिखा गया है।
अनीस ज़रगर
19 Apr 2022
jammu and kashmir
कश्मीर। चित्र सौजन्य: कमरान यूसुफ

श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हाल ही में स्थापित राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने रविवार को समाचार संगठन ‘द कश्मीर वाला’ के कार्यालय पर और इसके संपादक फहद शाह (जो फिलहाल जेल में बंद हैं) के घर पर छापा मारा। इसके बाद एजेंसी ने इस पत्रिका के लिए कथित रूप से एक "देशद्रोही" लेख लिखने के आरोप में एक पीएचडी स्क़ॉलर आला फाजिली को गिरफ्तार कर लिया।

एसआईए ने अपने बयान में कहा कि उसे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच और अभियोजन का काम सौंपा गया है। एजेंसी के अनुसार, यह छापेमारी पुलिस स्टेशन जेआईसी (एसआईए) जम्मू की धारा 121, 124, 153 बी और 120 बी आईपीसी के साथ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13, 18 के तहत दर्ज प्राथमिकी संख्या 01/2022 के संबंध में की गई।

एसआईए ने कहा कि सबूतों को जुटाने के लिए ‘द कश्मीर वाला’ के राजबाग स्थित कार्यालय, अब्दुल आला फाजिली के मुख्य चौक हुमहामा में आवास और श्रीनगर के सौरा स्थित संपादक फहद शाह के आवास पर तलाशी ली गई।

एजेंसी ने अब्दुल अला फाजिली द्वारा लिखित और कश्मीर वाला में प्रकाशित लेख “The shackles of slavery will break” (गुलामी की जंजीरें टूटेंगी) को “उत्तेजक, देशद्रोही और जम्मू-कश्मीर में अशांति पैदा करने का इरादा” वाला बताया।

चित्र सौजन्य: कमरान यूसुफ

फाजिली द्वारा लिखा गया लेख, 6 नवंबर, 2011 को प्रकाशित हुआ था। फाजिली का निवास श्रीनगर के बाहरी इलाके में भी है, जहां छापा मारा गया था।

एसआईए ने कहा “यह लेख आतंकवाद का महिमामंडन करके युवाओं को हिंसा का रास्ता अपनाने के लिए उकसाने के मकसद से लिखा गया है। दूसरी ओर इस लेख ने झूठी कथा को बढ़ावा दिया और उसको प्रचारित किया, जो भारत की क्षेत्रीय अखंडता को तोड़ने की गरज से अलगाववादी सह आतंकवादी अभियान को बनाए रखने के लिए जरूरी होता है।”

40 वर्षीय फाजिली, कश्मीर विश्वविद्यालय में फार्मास्यूटिकल साइंस विभाग में पीएचडी स्कॉलर हैं और वर्षों से छात्र राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल हैं, जिसके लिए पुलिस अधिकारियों ने उन्हें एक दर्जन से अधिक बार तलब किया है। फाजिली की गिरफ्तारी उस समय हुई, जब उनका परिवार मई के पहले सप्ताह में तय उनकी शादी की तैयारी में मशगूल था

फाजिली से इसके पहले भी 2017 में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उनसे छात्र राजनीति और अलगाववादी राजनीति से संबंधित मामलों में अपने दिल्ली मुख्यालय में पूछताछ की थी।

एसआईटी के आधिकारिक बयान में फाजिली के लेख के विभिन्न पैराग्राफ का हवाला देते हुए आरोप लगाया गया है कि लेख ने "निर्देशात्मक इरादे से निर्देशात्मक भाषा का उपयोग किया है, यह अलगाववादी तत्वों को आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उकसाता है।" बयान में फाजिली को दी गई मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप (एमएएनएफ) सहित दो छात्रवृत्तियों का भी उल्लेख किया गया है।

जांच एजेंसी के जारी वक्तव्य में फाजिली के लेख से चंद लाइनों का जिक्र किया गया है, "ईद-उल-अजहा के अवसर पर, आइए हम सभी अपने शहीदों के खून, और उनकी माताओं एवं बहनों के आँसू के नाम पर प्रतिज्ञा करें : कि हम हमेशा उनके बलिदान को याद रखेंगे, कि हम आजादी के लिए अपने संघर्ष को कभी नहीं रोकेंगे।"

‘कश्मीर वाला’ ने भी छापेमारी के बाद जारी एक बयान में अपने कार्यालय और संपादक शाह के आवास पर संवाददाताओं के गैजेट्स और अन्य उपकरणों की जब्ती की निंदा की।

‘कश्मीर वाला’ टीम ने कहा कि अधिकारियों ने दो संवाददाताओं के लैपटॉप, मल्टीमीडिया विभाग से एक मैक, बैकअप वाली छह हार्ड ड्राइव और पांच सीडी जब्त किए।

बयान में कहा कि, "उन्होंने (एजेंसी के अधिकारियों ने) छापेमारी के दौरान ही दफ्तर पहुंचे दो पत्रकारों की रिपोर्टिंग डायरियों और फोन भी चेक किए। कश्मीर वाला ने छापेमारी के दौरान जांच एजेंसी के साथ सहयोग किया और तमाम औपचारिकताएं पूरी करने में सहुलियतें दीं।" बयान में कहा गया है कि "शाह के आवास पर रेड में पत्रिका के एक स्टाफ का लैपटॉप, एक टेबलेट डिवाइस एवं वॉयस रिकॉर्डर भी जब्त कर लिया। यह स्टाफ छापे के वक्त वहां मौजूद था।"

शाह को फरवरी में पुलवामा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था, एक महीने बाद उनके एक सहयोगी सज्जाद गुल को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। तब से, शाह को अलग-अलग मामलों में चार बार गिरफ्तार किया गया और आखिरकार 14 मार्च को पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया। उनकी गिरफ्तारी को कश्मीर में प्रेस की स्वतंत्रता पर एक बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा गया। इसलिए प्रमुख वैश्विक मानवाधिकार निकायों, प्रेस स्वतंत्रता के पैरोकारों और प्रतिष्ठित संगठनों के संपादकों ने शाह की गिरफ्तारी की व्यापक रूप से निंदा की।

अंग्रेजी में मूल रूप से लिखे गए लेख को पढ़ने के लिए नीचे के लिंक पर क्लिक करें

Kashmir University PhD Scholar Arrested for Writing an Article in 2011

PSA
UAPA
Jammu and Kashmir
The Kashmir Walla
PhD scholar
Pulwama
Sajad Gul
Aala Fazili

Related Stories

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 

यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा

विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी

आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रक़ैद

जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    संतूर के शहंशाह पंडित शिवकुमार शर्मा का मुंबई में निधन
    10 May 2022
    पंडित शिवकुमार शर्मा 13 वर्ष की उम्र में ही संतूर बजाना शुरू कर दिया था। इन्होंने अपना पहला कार्यक्रम बंबई में 1955 में किया था। शिवकुमार शर्मा की माता जी श्रीमती उमा दत्त शर्मा स्वयं एक शास्त्रीय…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ग़ाज़ीपुर के ज़हूराबाद में सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर पर हमला!, शोक संतप्त परिवार से गए थे मिलने
    10 May 2022
    ओमप्रकाश राजभर ने तत्काल एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के अलावा पुलिस कंट्रोल रूम, गाजीपुर के एसपी, एसओ को इस घटना की जानकारी दी है। हमले संबंध में उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया। उन्होंने कहा है कि भाजपा के…
  • कामरान यूसुफ़, सुहैल भट्ट
    जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती
    10 May 2022
    आम आदमी पार्टी ने भगवा पार्टी के निराश समर्थकों तक अपनी पहुँच बनाने के लिए जम्मू में भाजपा की शासन संबंधी विफलताओं का इस्तेमाल किया है।
  • संदीप चक्रवर्ती
    मछली पालन करने वालों के सामने पश्चिम बंगाल में आजीविका छिनने का डर - AIFFWF
    10 May 2022
    AIFFWF ने अपनी संगठनात्मक रिपोर्ट में छोटे स्तर पर मछली आखेटन करने वाले 2250 परिवारों के 10,187 एकड़ की झील से विस्थापित होने की घटना का जिक्र भी किया है।
  • राज कुमार
    जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप
    10 May 2022
    सम्मेलन में वक्ताओं ने उन तबकों की आज़ादी का दावा रखा जिन्हें इंसान तक नहीं माना जाता और जिन्हें बिल्कुल अनदेखा करके आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन तबकों की स्थिति सामने रखी जिन तक आज़ादी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License