NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
केरल बजट : इसाक ने कहा हम महात्‍मा गांधी के हत्‍यारे को नहीं भूलेंगे!
इसाक ने कहा, "संदेश यह है कि हाँ, हमें याद है। उस महात्मा की हत्या हिंदू सांप्रदायिकों द्वारा की गई थी, जो आज सत्ताधारी पार्टी और केंद्र सरकार के पूजनीय हैं।"  
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
07 Feb 2020
keralabudget

देश में वर्तमान ध्रुवीकरण के माहौल में केरल की वाम नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने बजट पेश किया। केरल बजट के कवर पेज ने एक सरकारी दस्तावेज़ के पारंपरिक रूप को तोड़। कवर पेज पर गांधी की हत्या की एक पेंटिंग प्रकाशित की गई थी।

शुक्रवार को केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने 2020-21 के लिए बजट पेश करते हुए कहा था कि बजट दस्तावेजों के कवर पर चित्र को महात्‍मा गांधी के मर्डर के दृश्‍य टॉम वट्टाकुझी द्वारा उस क्षण को कैप्चर किया गया था जब 30 जनवरी, 1948 गांधी की नाथूराम गोडसे द्वारा हत्या कर दी गई थी।

वास्तव में, इसाक का भाषण राजनीतिक प्रहारों से भरा हुआ था। उन्होंने कहा कि पूरा केरल भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के ख़िलाफ़ एकजुट है, जो मुसलमानों के साथ भेदभाव करता है।

इसाक ने कहा, "पेंटिंग 'डेथ ऑफ गांधी', केंद्र को एक संदेश भेजने के लिए है। हम एक संदेश भेज रहे हैं कि हम महात्‍मा गांधी के हत्‍यारे को नहीं भूलेंगे।"

इसाक ने मीडियाकर्मियों से कहा, "संदेश यह है कि हां, हमें याद है। उन महात्मा की हत्या हिंदू सांप्रदायिकों द्वारा की गई थी, जो आज सत्ताधारी पार्टी और केंद्र सरकार के पूजनीय हैं।"  

आपको बता दें कि लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट द्वारा चलाई जा रही केरल सरकार ने सबसे पहले प्रस्ताव पारित किया था और सीएए को खारिज कर दिया था। इसमें विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने भी साथ दिया था। देश भर में व्यापक विरोध के बीच अब तक पांच राज्य सरकारों ने सीएए के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किए हैं।

इसाक ने मिडिया से बात करते हुए कहा, "केंद्र सरकार जिस तरह का तनाव पैदा कर रही है, वह ऐसी चीज़ है जिसे आप नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते। उनके लिए, नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स को लागू करना सबसे बड़ा और सबसे जरूरी सुधार है। यह विभाजनकारी है, जिसका उद्देश्य सांप्रदायिक आधार पर आबादी को बाँटना है।

बजट में क्या कहा?

बजट में भूमि की क़ीमत और जन कल्याणकारी पेंशन को बढ़ाया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि जो सरकारी उपक्रम 2015-16 में 213 करोड़ का घाटा झेल रहे थे वो अब 102 करोड़ के मुनाफ़े में हैं।

बजट में तटीय इलाक़ों के विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये, लोक निर्माण विभाग के लिए 1,500 करोड़ रुपये, ग्रामीण सड़क परियोजनाओं के लिए 1,000 करोड़ रुपये और पेयजल परियोजनाओं के लिए 4,383 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। 

इसके अलावा आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में 500 रुपए और सभी वेलफेयर पेंशन में 100 रुपये में वृद्धि की गई है। 

जेंडर बजटिंग के तहत 1,509 करोड़ महिलाओं को केंद्रित करने वाली परियोजनाओं के लिए आवंटित किया गया है। महिला फिल्म निर्देशकों के लिए 3 करोड़ की वित्तीय सहायता के साथ ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण के उद्देश्य से इंद्रधनुष परियोजना के लिए 5 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए गए हैं।

बजट के अनुसार बेघरों के लिए 1 लाख फ्लैट बनाए जाएंगे। प्रदेश में कुदुम्बश्री द्वारा 1000 होटलों की स्थापना होगी, जो सिर्फ 25 रूपए में भोजन मुहैया कराएंगे। इसके साथ ही केरल राज्य ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स (KSDP) अंग दान सर्जरी और कैंसर के लिए कम लागत वाली दवाओं का उत्पादन करेगा।

Kerala
Kerala Budget
Thomas Isaac
CPIM
Protest against CAA
NRC
Mahatma Gandhi

Related Stories

त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन मामले को सुनियोजित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर के विवाद में बदला गयाः सीपीएम

झारखंड : हेमंत सरकार को गिराने की कोशिशों के ख़िलाफ़ वाम दलों ने BJP को दी चेतावनी

वैष्णव जन: गांधी जी के मनपसंद भजन के मायने

मुंडका अग्निकांड: लापता लोगों के परिजन अनिश्चतता से व्याकुल, अपनों की तलाश में भटक रहे हैं दर-बदर

कांग्रेस चिंता शिविर में सोनिया गांधी ने कहा : गांधीजी के हत्यारों का महिमामंडन हो रहा है!

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!

शाहीन बाग़ ग्राउंड रिपोर्ट : जनता के पुरज़ोर विरोध के आगे झुकी एमसीडी, नहीं कर पाई 'बुलडोज़र हमला'


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार : गेहूं की धीमी सरकारी ख़रीद से किसान परेशान, कम क़ीमत में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर
    30 Apr 2022
    मुज़फ़्फ़रपुर में सरकारी केंद्रों पर गेहूं ख़रीद शुरू हुए दस दिन होने को हैं लेकिन अब तक सिर्फ़ चार किसानों से ही उपज की ख़रीद हुई है। ऐसे में बिचौलिये किसानों की मजबूरी का फ़ायदा उठा रहे है।
  • श्रुति एमडी
    तमिलनाडु: ग्राम सभाओं को अब साल में 6 बार करनी होंगी बैठकें, कार्यकर्ताओं ने की जागरूकता की मांग 
    30 Apr 2022
    प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 अप्रैल 2022 को विधानसभा में घोषणा की कि ग्रामसभाओं की बैठक गणतंत्र दिवस, श्रम दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के अलावा, विश्व जल दिवस और स्थानीय शासन…
  • समीना खान
    लखनऊ: महंगाई और बेरोज़गारी से ईद का रंग फीका, बाज़ार में भीड़ लेकिन ख़रीदारी कम
    30 Apr 2022
    बेरोज़गारी से लोगों की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर हुई है। ऐसे में ज़्यादातर लोग चाहते हैं कि ईद के मौक़े से कम से कम वे अपने बच्चों को कम कीमत का ही सही नया कपड़ा दिला सकें और खाने पीने की चीज़ ख़रीद…
  • अजय कुमार
    पाम ऑयल पर प्रतिबंध की वजह से महंगाई का बवंडर आने वाला है
    30 Apr 2022
    पाम ऑयल की क़ीमतें आसमान छू रही हैं। मार्च 2021 में ब्रांडेड पाम ऑयल की क़ीमत 14 हजार इंडोनेशियन रुपये प्रति लीटर पाम ऑयल से क़ीमतें बढ़कर मार्च 2022 में 22 हजार रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं।
  • रौनक छाबड़ा
    LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम
    30 Apr 2022
    कर्मचारियों के संगठन ने एलआईसी के मूल्य को कम करने पर भी चिंता ज़ाहिर की। उनके मुताबिक़ यह एलआईसी के पॉलिसी धारकों और देश के नागरिकों के भरोसे का गंभीर उल्लंघन है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License