NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
किसान महानायक स्वामी सहजानन्द सरस्वती जन्मदिवस पर शुरू हुई बिहार में किसान यात्रा 
बिहटा स्थित स्वामी सहजानन्द स्मारक स्थल से सात किसान रथ रवाना कर बिहार में ‘किसान- यात्रा’ शुरु की गयी। जो 11 से 15 मार्च तक बिहार के सभी जिलों के गाँव-कस्बों तक जाएगी ।
अनिल अंशुमन
13 Mar 2021
किसान महानायक स्वामी सहजानन्द सरस्वती जन्मदिवस पर शुरू हुई बिहार में किसान यात्रा 

अंग्रेज़ी हुकूमत और जमींदारी शोषण के खिलाफ भारत में किसान आंदोलनों के जनक कहे जाने वाले किसान महानायक स्वामी सहजानन्द सरस्वती की 132 वीं जयंती के दिन बिहार में ‘कंपनी राज के खिलाफ किसान – यात्रा’ निकाली  गयी।

जो ये दर्शाता है कि देश की राजधानी दिल्ली के बार्डरों पर अनवरत डटे हुए किसानों के आंदोलन का दायरा न सिर्फ विस्तार लेता जा रहा है, बल्कि विभिन्न राज्यों के किसानों के वर्षों से सत्ता द्वारा गुम कर दिये सारे बुनियादी सवालों को भी मुखर स्वर देने लगा है ।             

11 मार्च को मोदी सरकार के नए कृषि क़ानूनों के साथ - साथ बिहार के भी किसानों के सभी ज्वलंत सवालों को लेकर स्वामी सहजानंद सरस्वती जी के जन्मदिवस को किसान दिवस के रूप में मनाया गया।      


बिहटा स्थित स्वामी सहजानन्द स्मारक स्थल से सात किसान रथ रवाना कर बिहार में ‘किसान- यात्रा’ शुरु की गयी। जो 11 से 15 मार्च तक बिहार के सभी जिलों के गाँव-कस्बों तक जाएगी । जिसका समापन 18 मार्च को बिहार के किसानों द्वारा
‘विधान सभा घेराव' से किया जाएगा।   

अखिल भारतीय किसान महासभा तथा भाकपा माले के संयुक्त तत्वाधान में शुरू किया गया यह किसान अभियान स्वामी सहजानन्द की संघर्ष विरासत - परंपरा को वर्तमान किसान आंदोलन से जोड़ते हुए इसे बिहार में भी व्यापक बनाने पर केन्द्रित है।         

स्वामी सहजानन्द जयंती को किसान दिवस के रूप में मनाते हुए राजधानी पटना , भोजपुर , जहानाबाद , नालंदा , गया , नरकटियागंज , मुजफ्फरपुर , समस्तीपुर , दरभंगा , बेगूसराय समेत कई जिलों, इलाकों में किसान मार्च निकालकर संकल्प सभाएं की गईं। 

इस अभियान के द्वारा किसान विरोधी नए कृषि क़ानूनों को रद्द करने,दमन और दुष्प्रचार बंद करने व एमएसपी को कानूनी दर्जा देने की मांग को दुहराते हुए बिहार में मंडी व्यवस्था पुनः बहाल किए जाने, न्यूनतम खरीद मूल्य प्रणाली की पुनर्बहाली तथा तमाम भूमिहीन, बंटाईदार किसानों को प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ देने की मांग की गयी। 

किसान दिवस का केंद्रीय आयोजन बिहटा स्थित स्वामी सहजानन्द स्मृति स्मारक स्थल के पास डाक बंगला मैदान में विशाल किसान महापंचायत के रूप हुआ। जिसमें कई किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के आलवे हजारों की तादाद में ग्रामीण गरीब किसान शामिल हुए।    

 महापंचायत को संबोधित करते हुए माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि सहजानन्द जी ने शुरुआती समय में ही देश के किसानों की दुर्दशा और उसके मूल कारणों को भली भांति जान समझ लिया था। इसीलिए 1929 में बिहटा में देश का प्रथम किसान संगठन बिहार प्रदेश किसान सभा और 1936 में अखिल भारतीय किसान सभा की स्थापना कर किसानों को आज़ादी की लड़ाई के साथ - साथ जमींदारी शोषण के खिलाफ भी संगठित किया। जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों के व्यापक किसान प्रतिनिधि शामिल हुए और सहजानंद जी उसके प्रथम अध्यक्ष बनाए गए ।

सहजानन्द जी के वामपंथ के प्रबल हिमायती और मुखर प्रवक्ता होने की चर्चा करते हुए बताया कि वे हर मौकों पर कहते थे कि मुल्क की आज़ादी का सबसे भरोसेमंद झण्डा है लाल झण्डा।

 उन्हीं के प्रयासों से किसान सभा का झण्डा लाल तय किया गया था। इसीलिए आज भी किसान आंदोलन का सबसे भरोसेमंद झण्डा लाल ही है। दिल्ली बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में कई रंग के झंडे नज़र आएंगे लेकिन लाल झण्डा ही सबकी धुरी है।

बिहार के किसानों को देश में जारी किसान आंदोलन में भी उतना ही भागीदार बनाना है जितना पंजाब के किसान हैं। स्वामी सहजानन्द जी के कथन-जो अन्नदाता है, वही देश का कानून बनाए ! को स्थापित करने का आह्वान किया।   

किसान महापंचायत को कई किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावे वारिष्ठ किसान आंदोलनकारी व पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद,किसान महासभा नेता कृष्णदेव यादव तथा माले बिहार विधायक दल के नेता महबूब आलम, आइसा महासचिव-विधायक संदीप सौरभ व खेग्रामस विधायक गोपाल रविदास ने भी संबोधित किया।  

सभी वक्ताओं ने बिहार के किसानों की दुर्दशा की चर्चा करते हुए कहा कि केंद्र व नितीश सरकार की भेदभावपूर्ण और किसान विरोधी नीतियों के कारण ही यहाँ के किसानों को आज भी न तो फसल का उचित मूल्य मिल पाता है और न ही बाज़ार। 

वर्षों से यहाँ के किसान दोनों तरफ से लगातार नुकसान उठा रहें हैं। मोदी सरकार द्वारा किसान आंदोलन के खिलाफ चलाये जा संगठित गोदी मीडिया दुष्प्रचार व दमन का मुखर विरोध करते हुए इसे महज पंजाब, हरियाणा और धनी किसानों का आंदोलन बताए जाने की तीखी निंदा करते हुए कहा कि जो लोग यह कह रहें हैं कि बिहार में कहाँ आंदोलन है, आज की किसान महापंचायत को आकर देख लें।   

किसान महापंचायत से तीनों कृषि क़ानूनों की वापसी की मांग समेत पाँच सूत्री प्रस्ताव पारित करते हुए दिल्ली किसान आंदोलन के सभी शहीदों को मौन श्रद्धांजलि दी गयी।  


इसके पूर्व ‘ किसान महानायक स्वामी सहजानन्द सरस्वती की संघर्ष परंपरा ज़िंदाबाद ! जैसे जोशपूर्ण नारों के साथ हजारों किसानों ने उनके स्मारक पर जाकर श्रद्धा पुष्प अर्पित किए ।

स्मारक स्थल से ही वरिष्ठ कम्युनिष्ट नेता व पॉलिट ब्यूरो सदस्य स्वदेश भट्टाचार्य , दीपंकर भट्टाचार्य एवं वरिष्ठ किसान नेताओं द्वारा लाल झण्डा दिखाकर ‘ किसान यात्रा ’ की सभी गाड़ियों को रवाना किया ।                                 

सीपीआई व किसान संगठन ने भी किसान आंदोलन के समर्थन में स्वामी सहजानन्द जयंती दिवस से पूरे बिहार में किसान जन जागरण जत्था अभियान की शुरुआत की है। जिसका समापन 24 मार्च को किसानों के विधान सभा घेराव से किया जाएगा।  

Bihar
kisan
farmers protest
Kisan Yatra Bihar
Swami Sahajanand Saraswati
Nitish Kumar

Related Stories

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

पटना : जीएनएम विरोध को लेकर दो नर्सों का तबादला, हॉस्टल ख़ाली करने के आदेश

बिहार: 6 दलित बच्चियों के ज़हर खाने का मुद्दा ऐपवा ने उठाया, अंबेडकर जयंती पर राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाया

बिहार: विधानसभा स्पीकर और नीतीश सरकार की मनमानी के ख़िलाफ़ भाकपा माले का राज्यव्यापी विरोध

बिहार में आम हड़ताल का दिखा असर, किसान-मज़दूर-कर्मचारियों ने दिखाई एकजुटता

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

पटना: विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्त सीटों को भरने के लिए 'रोज़गार अधिकार महासम्मेलन'

बिहार बजट सत्र: विधानसभा में उठा शिक्षकों और अन्य सरकारी पदों पर भर्ती का मामला 


बाकी खबरें

  • कैथरीन स्काएर, तारक गुईज़ानी, सौम्या मारजाउक
    अब ट्यूनीशिया के लोकतंत्र को कौन बचाएगा?
    30 Apr 2022
    ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति धीरे-धीरे एक तख़्तापलट को अंजाम दे रहे हैं। कड़े संघर्ष के बाद हासिल किए गए लोकतांत्रिक अधिकारों को वे धीरे-धीरे ध्वस्त कर रहे हैं। अब जब ट्यूनीशिया की अर्थव्यवस्था खस्ता…
  • international news
    न्यूज़क्लिक टीम
    रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार
    29 Apr 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार ने पड़ोसी देश श्रीलंका को डुबोने वाली ताकतों-नीतियों के साथ-साथ दोषी सत्ता के खिलाफ छिड़े आंदोलन पर न्यूज़ क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ से चर्चा की।…
  • NEP
    न्यूज़क्लिक टीम
    नई शिक्षा नीति बनाने वालों को शिक्षा की समझ नहीं - अनिता रामपाल
    29 Apr 2022
    नई शिक्षा नीति के अंतर्गत उच्च शिक्षा में कार्यक्रमों का स्वरूप अब स्पष्ट हो चला है. ये साफ़ पता चल रहा है कि शिक्षा में ये बदलाव गरीब छात्रों के लिए हानिकारक है चाहे वो एक समान प्रवेश परीक्षा हो या…
  • abhisar sharma
    न्यूज़क्लिक टीम
    अगर सरकार की नीयत हो तो दंगे रोके जा सकते हैं !
    29 Apr 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस अंक में अभिसार बात कर रहे हैं कि अगर सरकार चाहे तो सांप्रदायिक तनाव को दूर कर एक बेहतर देश का निर्माण किया जा सकता है।
  • दीपक प्रकाश
    कॉमन एंट्रेंस टेस्ट से जितने लाभ नहीं, उतनी उसमें ख़ामियाँ हैं  
    29 Apr 2022
    यूजीसी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट पर लगातार जोर दे रहा है, हालाँकि किसी भी हितधारक ने इसकी मांग नहीं की है। इस परीक्षा का मुख्य ज़ोर एनईपी 2020 की महत्ता को कमजोर करता है, रटंत-विद्या को बढ़ावा देता है और…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License