NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
किसान आंदोलन : सरकार का प्रस्ताव किया ख़ारिज़, 26 जनवरी को रिंग रोड पर होगा ट्रैक्टर मार्च
“हमारी केवल एक ही मांग है जिसके लिए हम आंदोलन कर रहे हैं वो है तीनों कानूनों की वापसी। इससे कम कुछ मंज़ूर नहीं, कल की वार्ता में हम यह सरकार को बता देंगे।”
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
21 Jan 2021
किसान आंदोलन

संयुक्त किसान मोर्चा की आम सभा में सरकार द्वारा कल रखे गए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया। तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की बात,  इस आंदोलन की मुख्य मांगों के रूप में, दोहराई गयी।

सरकार की तरफ से कहा गया था कि 1.5 साल तक क़ानून के क्रियान्वयन को स्थगित किया जा सकता है। किसान यूनियन और सरकार बात कर के समाधान ढूंढ सकते हैं। कल 22 जनवरी को एक बार फिर किसान और सरकार के बीच 11वें दौर की बैठक होनी है।

भारतीय किसान यूनियन( उग्राहां)के नेता और संयुक्त मोर्चे के सदस्य जोगिंदर सिंह उग्राहां ने कहा हमारी केवल एक ही मांग है जिसके लिए हम आंदोलन कर रहे हैं, वो है तीनों कानूनों की वापसी। इससे कम कुछ मंज़ूर नहीं। कल की वार्ता में हम यह सरकार को बता देंगे। आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सरकार का कोई भी प्रस्ताव स्वीकार नहीं है जबतक कि इन कानूनों को वापिस नहीं लिया जाता है।

अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के संयुक्त सचिव विजू कृष्णन ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि हमारी मांग बिल्कुल साफ है तीन कानूनों की वापसी , एमएसपी को लेकर क़ानून और किसान आंदोलन के नेताओ पर लगाए गए पुलिस और एनआईए के केस वापस लिए जाए। उसके बाद ही आंदोलन वापस होगा।  
सरकार के प्रस्ताव पर उन्होंने कहा अभी सरकार पर आंदोलन का दबाव है और इससे घबरा कर सरकार फेस सेविंग के लिए इस तरह का प्रस्ताव लाई है। लेकिन हम क़ानून वापसी से कम कुछ भी नहीं चाहते। हम संयुक्त मोर्चे के फैसले के साथ हैं।  

उन्होंने बतया आंदोलन अपने तय कार्यक्रम के हिसाब से ही चल रहा है और चलेगा भी। हम लोग पूरी ताकत से आंदोलन आगे ले जाएँगे। 23 को हर राज्य में  राजभवन घेराव होगा। देशभर में ट्रैक्टर मार्च हो रहे हैं। आज भी आंध्र प्रदेश में हज़ारो ट्रैक्टर का मार्च हुआ।  26 जनवरी को देशभर में किसान-मज़दूर रैली भी होगी।

सयुंक्त किसान मोर्चा ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा

“इस आंदोलन में अब तक शहीद हुए 147 किसानों को श्रद्धाजंलि अर्पित करता है। इस जनांदोलन को लड़ते लड़ते ये साथी हमसे बिछड़े हैं । इनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।”

दिल्ली में होगी किसान परेड

पुलिस प्रशासन के साथ हुई बैठक में पुलिस ने दिल्ली में प्रवेश न करने की बात कही, वहीं किसानों ने दिल्ली की रिंग रोड पर परेड करने की बात दृढ़ता और ज़ोर से रखी। नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसनों ने गरुवार को साफ कर दिया है कि वे ट्रैक्टर मार्च जरूर निकालेंगे. किसान संगठनों ने आज दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ बैठक की थी. इस बैठक के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि वे गणतंत्र दिवस को देखते हुए आउटर रिंग रोड (Outer Ring Road) पर ट्रैक्टर रैली निकाल ने की अनुमति नहीं दे सकते हैं.  हालांकि, किसानों ने बीते दिनों कहा था कि वे केवल आउटर रिंग रोड पर ही रैली निकालेंगे, जिससे गणतंत्र दिवस के जश्न में कोई खलल नहीं पड़ेगा.

 दिल्ली की सरहदों पर बीते 57 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों ने आगामी 26 जनवरी पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने की बात कही थी. इस पर मामला सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंचा था, जिसे अदालत ने बाद में फैसला दिल्ली पुलिस पर छोड़ दिया था. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि रिपब्लिक डे के मद्देनजर आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली की अनुमति नहीं दी जा सकती है. हालांकि, पुलिस ने किसानों को के एमपी हाईवे पर अपना प्रदर्शन करने का सुझाव दिया है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान संगठनों एवं सरकार के बीच कई दौर की बातचीत के बाद भी गतिरोध बरकरार रहने को लेकर बृहस्पतिवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उसे ‘रोज नए जुमले’ बंद कर ‘कृषि विरोधी कानूनों’ को रद्द करना चाहिए।

किसान आंदोलन हुआ देशव्यपी

शांतिपूर्ण चल रहा यह आंदोलन अब देशव्यापी हो चुका है। कर्नाटक में अनेक स्थानों पर वाहन रैलियों के माध्यम से किसान गणतंत्र दिवस के लिए एकजुट हो रहे हैं। केरल में कई जगहों पर किसान ट्रेक्टर मार्च निकाल रहे हैं। 

उत्तराखन्ड के बिलासपुर व रामपुर समेत अन्य जगहों पर किसान ट्रेक्टर मार्च कर दिल्ली की किसान परेड की तैयारी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में किसान 23 जनवरी को राजभवन का घेराव करेंगे और एक जत्था दिल्ली की तरफ भी रवाना होगा।

 नवनिर्माण किसान संगठन की किसान दिल्ली चलो यात्रा, जो कि ओडिशा से चली थी, को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बार बार परेशान किया जा रहा है। उनके रूट बदलने से लेकर बैठके न करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। हम प्रशासन के इस बर्ताव का विरोध करते हैं।

कोलकाता में 3 दिन का विशाल महापड़ाव 20 जनवरी से 22 जनवरी तक होगा। कल हुए विशाल कार्यक्रम में हज़ारो लोगो ने भाग लिया। आने वाले समय में यह और भी तेज होने की संभावना है।

 मजदूर किसान शक्ति संगठन के नेतृत्व में किसान, मजदूर व आम लोग शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं। कठपुतली और गीतों के माध्यम से नव उदारवादी नीतियों का विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। 

farmers protest
farmers protest update
Farm bills 2020
Farmers vs Government
AIKS
AIKSCC
BJP
Modi government
Narendra Singh Tomar
Samyukt Kisan Morcha
Farmers union

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ़ श्रमिकों का संघर्ष जारी, 15 महीने से कर रहे प्रदर्शन

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • CARTOON
    आज का कार्टून
    प्रधानमंत्री जी... पक्का ये भाषण राजनीतिक नहीं था?
    27 Apr 2022
    मुख्यमंत्रियों संग संवाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों से पेट्रोल-डीज़ल के दामों पर टैक्स कम करने की बात कही।
  • JAHANGEERPURI
    नाज़मा ख़ान
    जहांगीरपुरी— बुलडोज़र ने तो ज़िंदगी की पटरी ही ध्वस्त कर दी
    27 Apr 2022
    अकबरी को देने के लिए मेरे पास कुछ नहीं था न ही ये विश्वास कि सब ठीक हो जाएगा और न ही ये कि मैं उनको मुआवज़ा दिलाने की हैसियत रखती हूं। मुझे उनकी डबडबाई आँखों से नज़र चुरा कर चले जाना था।
  • बिहारः महिलाओं की बेहतर सुरक्षा के लिए वाहनों में वीएलटीडी व इमरजेंसी बटन की व्यवस्था
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहारः महिलाओं की बेहतर सुरक्षा के लिए वाहनों में वीएलटीडी व इमरजेंसी बटन की व्यवस्था
    27 Apr 2022
    वाहनों में महिलाओं को बेहतर सुरक्षा देने के उद्देश्य से निर्भया सेफ्टी मॉडल तैयार किया गया है। इस ख़ास मॉडल से सार्वजनिक वाहनों से यात्रा करने वाली महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होगी।
  • श्रीलंका का आर्थिक संकट : असली दोषी कौन?
    प्रभात पटनायक
    श्रीलंका का आर्थिक संकट : असली दोषी कौन?
    27 Apr 2022
    श्रीलंका के संकट की सारी की सारी व्याख्याओं की समस्या यह है कि उनमें, श्रीलंका के संकट को भड़काने में नवउदारवाद की भूमिका को पूरी तरह से अनदेखा ही कर दिया जाता है।
  • israel
    एम के भद्रकुमार
    अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात
    27 Apr 2022
    रविवार को इज़राइली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के साथ जो बाइडेन की फोन पर हुई बातचीत के गहरे मायने हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License