NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
दो क़दम चले, दो क़दम और: फिर 4 जनवरी को सरकार और किसानों के बीच बातचीत
केंद्र सरकार ने किसानों की पहले और दूसरे नंबर की मुख्य मांगें छोड़कर तीसरे और चौथे नंबर की मांगें फ़िलहाल मान ली हैं। क़ानून वापसी और एमएसपी की क़ानूनी गारंटी की मुख्य मांगों पर फिर 4 जनवरी को बैठक बुलाई गई है।

न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
30 Dec 2020
दो क़दम चले, दो क़दम और: फिर 4 जनवरी को सरकार और किसानों के बीच बातचीत

दिल्ली: केंद्र सरकार और किसानों की बीच आज छठे दौर की बातचीत का भी कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया। ठोस इसलिए कि किसानों की दो बड़ी मांगें, जिसे लेकर यह पूरा आंदोलन शुरू हुआ, तीन क़ानून वापस लेना और एमएसपी की क़ानूनी गारंटी करना पर कोई सहमति नहीं बनी है। लेकिन हां, फिर भी पूरी बातचीत को सकारात्मक बताया जा रहा है क्योंकि तीसरे और चौथे नंबर की मांगें मान ली गई हैं। हालांकि उन्हें मानने में पहले दिन से ही ज़्यादा मुश्किल नहीं थी।

आज 22 दिन बाद केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों और किसानों के बीच एक बार फिर दिल्ली के विज्ञान भवन में बातचीत हुई। दोनों के बीच आज भी 5 घंटे से ज़्यादा बैठक चली। और इस आश्वासन के साथ ख़त्म हुई कि दो मुख्य मांगों यानी तीनों नए क़ानून वापस लेने और एमएसपी की क़ानूनी गारंटी करने के मुद्दे पर फिर नए साल में 4 जनवरी को बैठा जाए।

लड़ाई अभी बाक़ी है, हालांकि दो क़दम चले हैं, दो क़दम और बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और लगभग सभी किसान नेताओं ने यह बात दोहराई कि आज बातचीत काफी सकारात्मक माहौल में हुई। बातचीत में दो मुद्दों पर सहमिति बनी। इनमें एक है दिल्ली और आसपास को लेकर पर्यावरण से जुड़े क़ानून में किसानों को पराली जलाने के लिए जो दंड का प्रावधान है, उसे हटा दिया जाएगा और दूसरा है बिजली संशोधन बिल 2020। यह बिल अभी आया नहीं बल्कि प्रस्तावित था। इसलिए इसे भी वापस लेने की बात मान ली गई और राज्यों में जिस तरह किसानों को सिंचाई की बिजली के लिए छूट मिलती रही है, वो मिलती रहेगी।

कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि आधा मसला हल हो गया है और आधे पर आगे बात होगी। हालांकि मेन मुद्दा वही आधा मसला है। तीनों कानूनों को वापस लेने और एमएसपी की क़ानूनी गांरटी देने पर ही सारा विवाद है और सरकार अपने कदम से पीछे नहीं हटना चाहती। एमएसपी पर वो लिखित देने को तैयार है कि एमएसपी जारी थी, जारी है और जारी रहेगी, लेकिन इसके लिए क़ानूनी गारंटी करने से बचना चाहती है। किसानों का कहना है कि सरकार के लिखित आश्वासन से कुछ नहीं होता, क्योंकि एमएसपी तो आज भी है लागू है, लेकिन उस पर खरीद नहीं होती। इसलिए वे चाहते हैं कि एमएसपी पर खरीद की क़ानूनी गारंटी हो। हालांकि यह विषय सीधे तौर पर इन तीन नए कानूनों से जुड़ा हुआ नहीं है, लेकिन इन क़ानूनों ने जिसतरह का माहौल और आशंका पैदा की है उसमें किसान चाहते हैं कि एमएसपी पर भी सीधी बात हो और इसकी गारंटी की जाए। अभी तो एमएसपी भी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार लागत पर 50 फीसदी मुनाफा जोड़कर तय नहीं की जा रही। यानी अभी तो एमएसपी सही ढंग से निर्धारित कराना और फिर उसपर खरीद की गारंटी कराना बहुत बड़ा चुनौतीपूर्ण काम है। और इसी तरह यह आंदोलन जिस वजह से शुरू हुआ यानी इन तीन कानूनों को रद्द कराना, उसे भी सरकार मानने को फिलहाल तैयार नहीं है। यही वजह है कि वार्ता के बाद वार्ता हो रही हैं, लेकिन इन दो मुद्दों का समाधान नहीं निकल रहा। आज सरकार यह संकेत देना चाहती थी कि गाड़ी वहीं नहीं अटकी है, जहां छोड़ी गई थी और वो किसानों का हित चाहती है, इसलिए तीसरी और चौथी मांगों के बारे में किसानों को आश्वस्त किया गया है।

फ़िलहाल इस कड़कती सर्दी में भी किसानों का आंदोलन जारी रहेगा और किसान संगठनों ने आम जनता से पहली जनवरी को नया साल उनके बीच दिल्ली बॉर्डर पर मनाने का आह्वान किया है।   

kisan andolan
BJP government
farmers protest

Related Stories

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

किसानों को आंदोलन और राजनीति दोनों को साधना होगा

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल

पंजाब : किसानों को सीएम चन्नी ने दिया आश्वासन, आंदोलन पर 24 दिसंबर को फ़ैसला

लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’

किसान आंदोलन ने देश को संघर्ष ही नहीं, बल्कि सेवा का भाव भी सिखाया


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    केरल: RSS और PFI की दुश्मनी के चलते पिछले 6 महीने में 5 लोगों ने गंवाई जान
    23 Apr 2022
    केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हत्याओं और राज्य में सामाजिक सौहार्द्र को खराब करने की कोशिशों की निंदा की है। उन्होंने जनता से उन ताकतों को "अलग-थलग करने की अपील की है, जिन्होंने सांप्रदायिक…
  • राजेंद्र शर्मा
    फ़ैज़, कबीर, मीरा, मुक्तिबोध, फ़िराक़ को कोर्स-निकाला!
    23 Apr 2022
    कटाक्ष: इन विरोधियों को तो मोदी राज बुलडोज़र चलाए, तो आपत्ति है। कोर्स से कवियों को हटाए तब भी आपत्ति। तेल का दाम बढ़ाए, तब भी आपत्ति। पुराने भारत के उद्योगों को बेच-बेचकर खाए तो भी आपत्ति है…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    लापरवाही की खुराकः बिहार में अलग-अलग जगह पर सैकड़ों बच्चे हुए बीमार
    23 Apr 2022
    बच्चों को दवा की खुराक देने में लापरवाही के चलते बीमार होने की खबरें बिहार के भागलपुर समेत अन्य जगहों से आई हैं जिसमें मुंगेर, बेगूसराय और सीवन शामिल हैं।
  • डेविड वोरहोल्ट
    विंबलडन: रूसी खिलाड़ियों पर प्रतिबंध ग़लत व्यक्तियों को युद्ध की सज़ा देने जैसा है! 
    23 Apr 2022
    विंबलडन ने घोषणा की है कि रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को इस साल खेल से बाहर रखा जाएगा। 
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    प्रशांत किशोर को लेकर मच रहा शोर और उसकी हक़ीक़त
    23 Apr 2022
    एक ऐसे वक्त जबकि देश संवैधानिक मूल्यों, बहुलवाद और अपने सेकुलर चरित्र की रक्षा के लिए जूझ रहा है तब कांग्रेस पार्टी को अपनी विरासत का स्मरण करते हुए देश की मूल तासीर को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License