NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
कोबी ब्रायंट हादसा: खिलाड़ी के बलात्कार आरोपों का ज़िक्र करने की वजह से महिला कार्यकर्ताओं को मिली धमकी-गालियां
ओटावा की महिला कार्यकर्ता को कोबी पर लगे बलात्कार आरोपों का ज़िक्र करने के एवज में गालियाँ दी गई हैं। वॉशिंगटन पोस्ट की पत्रकार को उनके ट्वीट की वजह से सस्पैंड कर दिया गया है।
सत्यम् तिवारी
28 Jan 2020
Kobe Bryant

किसी की भी मौत एक दुखद हादसा होता है। लेकिन किसी की भी मौत के बाद उसके द्वारा किए गए अपराधों को भुला देना या उस पर बात ना करना कोई अनिवार्य नहीं होता है।

5 बार एनबीए चैम्पियन रह चुके मशहूर बास्केटबॉल खिलाड़ी कोबी ब्रायंट की रविवार 26 जनवरी को एक हेलीकाप्टर क्रैश में मौत हो गई। इस हादसे में उनकी 13 साल की बेटी की भी मौत हो गई है। जहां एक तरफ़ सारी दुनिया इस मशहूर खिलाड़ी को याद कर रही है, उन्हें श्रद्धांजलि दे रही है, वहीं दूसरी तरफ़ इस कहानी का और खिलाड़ी कोबी की ज़िंदगी का एक दूसरा पहलू भी है।

कोबी ब्रायंट पर 2003 में लगे बलात्कार के आरोपों के मद्देनज़र सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि कोबी पर बलात्कार के आरोप लगे थे। सिर्फ़ इतना कहना भर था और दुनिया भर से बास्केटबॉल खिलाड़ी के समर्थकों ने महिला कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को भद्दी गालियां, जान से मारने और बलात्कार की धमकियां देनी शुरू कर दीं। ट्विटर पर 'भावुक समर्थकों' के इस व्यवहार के बाद महिला कार्यकर्ताओं को अपना ट्वीट हटाना पड़ा।

गौरतलब है कि 2003 में कोबी ब्रायंट पर कोलराडो के एक होटल में काम कर रहीं 19 साल की एक कर्मचारी ने बलात्कार का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि कोबी ने उनके साथ ज़बरदस्ती की थी और उनके साथ इंटरकोर्स करने की कोशिश की थी। लड़की के शरीर और गले पर निशानों से उनके आरोप की पुष्टि की गई थी। लेकिन आरोप लगाने के 3-4 महीने बाद तक पीड़ित लड़की के चरित्र पर तमाम हमले किए गए।

अमेरिका के नेशनल मीडिया ने कोबी के समर्थन में आकर बलात्कार पीड़िता की पहचान सार्वजनिक कर दी थी, जिसके बाद उन्हें हद से ज़्यादा बदनामी का सामना करना पड़ा था। इस सब के बाद उन्हें अपने आरोप वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा और सिर्फ़ एक शर्त रखी गई कि कोबी सार्वजनिक तौर पर अपने किए के लिए माफ़ी मांग लें।

आरोपी कोबी ब्रायंट के वकील ने कोर्ट में उनका बयान पढ़ा :

हालांकि यह घटना पूरी तरह से रज़ामंदी में हुई थी, लेकिन मैं समझता हूं कि उस महिला ने इस दौरान सहज नहीं महसूस किया था और इस घटना को वैसे नहीं देखा था जैसे मैंने देखा। उनके बयान सुनने के बाद, उनके वकील से बात करने के बाद मुझे समझ में आ रहा है कि उन्हें कैसा महसूस हुआ होगा। मैं उनसे, उनके परिवार से और उनके दोस्तों से माफ़ी मांगता हूं और अपने दोस्तों, समर्थकों और कोलो की जनता से भी माफ़ी मांगता हूं।

बलात्कार की इस घटना के दौरान कोबी का करियर अपने चरम पर था। इस घटना की वजह से उन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा था और उनके माफ़ीनामे के बाद दुनिया भर के उनके समर्थकों ने इस बात को भुला दिया कि कोबी ने एक 19 साल की लड़की का कथित तौर पर बलात्कार किया था।

कोबी की मौत के बाद ओटावा, कनाडा की महिला कार्यकर्ता जूली लालोंडे ने लिखा, "कोबी ब्रायंट एक बलात्कारी थे, अगले कुछ दिनों में शायद आप सब यह बात भूल जाएंगे।"

जूली के इस ट्वीट के बाद ट्विटर पर कोबी के समर्थकों ने उन्हें भद्दी गालियां दीं, बलात्कार की धमकियां दीं। एक ट्वीट में ये भी कहा गया कि उनका बलात्कार किया जाना चाहिए।

जूली ने बाद में अपना ट्वीट डिलीट कर दिया और कहा, "मैं सभी प्रगतिशील समर्थकों से यह कहना चाहती कि जब आप अपने पसंदीदा बास्केटबॉल स्टार की ख़ुशामद कर रहे हैं, दुनिया भर की महिलाएं सोच रही हैं कि 'अच्छा! आपको इस बात से फ़र्क़ नहीं पड़ता कि उसने इतना घटिया अपराध किया था!' "

जूली लोलांडे के इस ट्वीट के बाद कई ट्विटर अकाउंट के द्वारा उनके नाम से कुछ पते भी सार्वजनिक कर दिये गए थे। जूली ने इसकी शिकायत ओटावा पुलिस से कर दी है।

जूली अकेली नहीं हैं, जिन्हें कोबी के अपराध के बारे में बात करने के लिए धमकियाँ दी गई हैं। जूली के अलावा मशहूर अख़बार वॉशिंगटन पोस्ट की पत्रकार फ़ेलिसिया सोनमेज़ ने 2016 का एक आर्टिकल साझा किया जिसमें कोबी के अपराध की पड़ताल की गई थी। फ़ेलिसिया ने लिखा, "हर सेलेब्रिटी को याद करते वक़्त उसके पूरे चरित्र को याद करना चाहिए।"

फ़ेलिसिया को भी इस ट्वीट की वजह से भद्दी गालियां दी गई हैं। उनके इस ट्वीट की वजह से वॉशिंग्टन पोस्ट ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है और कहा है कि वो इस ट्वीट की जांच करेगा।

टोरोंटो के खेल पत्रकार ब्रूस आर्थर को भी कोबी के बलात्कार के बारे में बात करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है। हालांकि उन्होंने कहा है कि जो जूली और फ़ेलिसिया जैसी महिलाओं ने झेला है, उसके सामने यह कुछ भी नहीं है।

कोबी ब्रायंट की मौत एक दुखद हादसा है, लेकिन उसकी वजह से यह नहीं भुलाया जा सकता कि उन पर बलात्कार के आरोप लगे थे और उनकी प्रसिद्धि की वजह से आरोप लगाने वाली लड़की को अपने आरोप वापस लेने को मजबूर होना पड़ा था।

जूली ने Vice मीडिया से बात करते हुए कहा है, "मैंने कोई नई बात नहीं कही है। जो हुआ है वो सबको पता है। मुझे धमकियां देने से कोबी के परिवार और समर्थकों का फ़ायदा नहीं होगा।"

kobe Bryant
kobe bryant Accident
Basketball
America
rape case
sexual harassment
Kobe Bryant Death

Related Stories

अमेरिका: एस्ट्रोवर्ल्ड संगीत समारोह में मची भगदड़ ने तोड़ दिए कई सपने

फ्लोरिडा इमारत हादसा : मृतक संख्या बढ़कर 12 हुई, लापता लोगों की तलाश जारी

हाथरस मामला: दो आरोपी गिरफ़्तार, मुख्य आरोपी अभी भी फ़रार, एक लाख का इनाम घोषित

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मैक्सिकन टिनेजर की बॉर्डर पैट्रोल द्वारा हत्या के मामले को किया खारिज

शर्म : बिहार में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म, पंचायत ने पीड़िता का सिर मुंडवाकर गांव में घुमाया

बलात्कारी ही नहीं पुलिस की कार्यशैली ने भी दिए बच्ची को गहरे ज़ख़्म!

उत्तराखंड के जौनपुर में मासूम बच्ची के साथ हैवानियत, इंसाफ की मांग

अपराध/बलात्कार के बाद वीडियो वायरल : ये कहां आ गए हम...!

दुराचार कर सोशल मीडिया पर वायरल किया वीडियो : मुकदमा दर्ज

रेप के आरोपी नवनिर्वाचित बीएसपी सांसद अतुल राय को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत


बाकी खबरें

  • आज का कार्टून
    आम आदमी जाए तो कहाँ जाए!
    05 May 2022
    महंगाई की मार भी गज़ब होती है। अगर महंगाई को नियंत्रित न किया जाए तो मार आम आदमी पर पड़ती है और अगर महंगाई को नियंत्रित करने की कोशिश की जाए तब भी मार आम आदमी पर पड़ती है।
  • एस एन साहू 
    श्रम मुद्दों पर भारतीय इतिहास और संविधान सभा के परिप्रेक्ष्य
    05 May 2022
    प्रगतिशील तरीके से श्रम मुद्दों को उठाने का भारत का रिकॉर्ड मई दिवस 1 मई,1891 को अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनाए जाने की शुरूआत से पहले का है।
  • विजय विनीत
    मिड-डे मील में व्यवस्था के बाद कैंसर से जंग लड़ने वाले पूर्वांचल के जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल के साथ 'उम्मीदों की मौत'
    05 May 2022
    जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल की प्राण रक्षा के लिए न मोदी-योगी सरकार आगे आई और न ही नौकरशाही। नतीजा, पत्रकार पवन जायसवाल के मौत की चीख़ बनारस के एक निजी अस्पताल में गूंजी और आंसू बहकर सामने आई।
  • सुकुमार मुरलीधरन
    भारतीय मीडिया : बेड़ियों में जकड़ा और जासूसी का शिकार
    05 May 2022
    विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय मीडिया पर लागू किए जा रहे नागवार नये नियमों और ख़ासकर डिजिटल डोमेन में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों और अवसरों की एक जांच-पड़ताल।
  • ज़ाहिद ख़ान
    नौशाद : जिनके संगीत में मिट्टी की सुगंध और ज़िंदगी की शक्ल थी
    05 May 2022
    नौशाद, हिंदी सिनेमा के ऐसे जगमगाते सितारे हैं, जो अपने संगीत से आज भी दिलों को मुनव्वर करते हैं। नौशाद की पुण्यतिथि पर पेश है उनके जीवन और काम से जुड़ी बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License