NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
किर्गिस्तानः संसदीय चुनाव के दौरान वोट ख़रीदने के आरोपों के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू
रविवार को हुए संसदीय चुनाव में लड़ने वाले 16 राजनीतिक दलों में से केवल चार संसद में सीटों के लिए क्वालिफाई करने के लिए 7% वोटों के आधिकारिक सीमा को पार कर सकते हैं।
पीपल्स डिस्पैच
06 Oct 2020
Kyrgyzstan protests

किर्गिस्तान में हाल ही में हुए संसदीय चुनावों को फिर से कराने की मांग करते हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार 6 अक्टूबर को राजधानी बिश्केक में सरकारी इमारतों पर धावा बोल दिया। इनमें से कुछ प्रदर्शनकारियों ने एक इमारत से पूर्व राष्ट्रपति अल्माजेक अतमवेयेव को क़ैद से निकाल लिया।

इन प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों द्वारा भारी बल प्रयोग का सामना किया। सुरक्षा बलों ने वाटर केनन, आंसू गैस के गोले और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया। पुलिस की कार्रवाई में एक व्यक्ति की मौत हो गई है और 600 से अधिक लोग घायल हो गए।

प्रदर्शनकारी "व्हाइट हाउस" के पास जमा हो गए और राष्ट्रपति कार्यालय पर क़ब्ज़ा कर लिया। इस इमारत में देश की संसद भी है। इस भवन में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति है जहां अल्माजेक (2011 से 2017 तक का कार्यकाल) 11 साल की सजा काट रहे थे जिसे बाद में प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया। अल्माज़ेक को पिछले साल गिरफ़्तार किया गया था और जून 2020 में भ्रष्टाचार के लिए दोषी ठहराया गया था।

किर्गिस्तान संसद के लिए चुनाव रविवार 4 अक्टूबर को हुए थे। अंतिम परिणाम सोमवार को घोषित किए गए थे, जिसमें दो राष्ट्रपति-समर्थक पार्टियां बीरिमदिक और मीकेनिम किर्गिस्तान को आधे से अधिक वोट मिले थे। 16 में से केवल चार दल 7% वोटों की आधिकारिक सीमा को पार करने में सक्षम थे। इन चार दलों में से तीन को राष्ट्रपति का क़रीबी माना जाता है।

ऑनर्गनाइजेशन फॉर सिक्योरिटी एंड कोऑपरेशन इन यूरोप (ओएससीई) द्वारा आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय निगरानी मिशन ने चुनावों के दौरान बड़े पैमाने पर वोटों की ख़रीद पर संदेह किया जिसके कारण 12 विपक्षी दलों ने घोषणा की कि वे इन परिणामों को मान्यता नहीं देंगे। उन्होंने दोबारा करवाने की मांग करते हुए सोमवार को फिर से प्रदर्शन के साथ शामिल हो गए।

राष्ट्रपति सूर्नोबे जीनबेकोव ने विपक्षी नेताओं के साथ बैठक के बाद घोषणा की कि यदि आवश्यक हुआ तो वे रविवार के चुनावों को रद्द करने के लिए तैयार हैं।

मध्य एशियाई गणराज्य किर्गिस्तान में राजनीति लंबे समय तक बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और राजनीतिक अशांति से दूषित हुआ है। देश की राजनीति में कुछ परिवारों के वर्चस्व को समय-समय पर लोगों द्वारा चुनौती दी जाती रही है। हाल के महीनों में देश की अर्थव्यवस्था पर COVID-19 महामारी के प्रभाव से निपटने में विफलता ने अशांति की नई राह तैयार की है।

Kyrgyzstan
Kyrgyzstan protests
Parliamentary elections
International news

Related Stories

ज़िम्बाब्वेः शिक्षकों ने राष्ट्रपति की धमकी की नज़रअंदाज़ करते हुए तीसरे सप्ताह में विरोध प्रदर्शन जारी रखा

दक्षिण अफ़्रीका : सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ ट्रेड यूनियनों की ऐतिहासिक हड़ताल

इराक़ : नई सरकार के लुभावने वादों के बावजूद फिर शुरू हुआ विरोध


बाकी खबरें

  • अनिल अंशुमन
    झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 
    12 May 2022
    दो दिवसीय सम्मलेन के विभिन्न सत्रों में आयोजित हुए विमर्शों के माध्यम से कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध जन संस्कृति के हस्तक्षेप को कारगर व धारदार बनाने के साथ-साथ झारखंड की भाषा-संस्कृति व “अखड़ा-…
  • विजय विनीत
    अयोध्या के बाबरी मस्जिद विवाद की शक्ल अख़्तियार करेगा बनारस का ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा?
    12 May 2022
    वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिविजन) ने लगातार दो दिनों की बहस के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अधिवक्ता कमिश्नर नहीं बदले जाएंगे। उत्तर प्रदेश के…
  • राज वाल्मीकि
    #Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान
    12 May 2022
    सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन पिछले 35 सालों से मैला प्रथा उन्मूलन और सफ़ाई कर्मचारियों की सीवर-सेप्टिक टैंको में हो रही मौतों को रोकने और सफ़ाई कर्मचारियों की मुक्ति तथा पुनर्वास के मुहिम में लगा है। एक्शन-…
  • पीपल्स डिस्पैच
    अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की
    12 May 2022
    अल जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह (51) की इज़रायली सुरक्षाबलों ने उस वक़्त हत्या कर दी, जब वे क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक स्थित जेनिन शरणार्थी कैंप में इज़रायली सेना द्वारा की जा रही छापेमारी की…
  • बी. सिवरामन
    श्रीलंकाई संकट के समय, क्या कूटनीतिक भूल कर रहा है भारत?
    12 May 2022
    श्रीलंका में सेना की तैनाती के बावजूद 10 मई को कोलंबो में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। 11 मई की सुबह भी संसद के सामने विरोध प्रदर्शन हुआ है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License