NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
अंतरराष्ट्रीय
म्यांमार में भूस्खलन से 160 से अधिक खनिकों की मौत
भारी बारिश के चलते घटी ये घटना उत्तरी काचिन प्रांत के हपाकांत टाउनशिप में हुई।
पीपल्स डिस्पैच
03 Jul 2020
Myanmar-landslide

गुरुवार 2 जुलाई को म्यांमार के उत्तरी काचिन प्रांत में कम से कम 162 खनिक ज़िंदा दफन हो गए जबकि कई अभी भी लापता हैं। ये घटना तब हुई जब खनिक हपाकांत टाउनशिप के पहाड़ी इलाके में पत्थर जमा कर रहे थे।

घटना के वीडियो फुटेज से पता चलता है कि भारी बारिश के चलते खदान स्थल पर कीचड़ फैल गया जिससे पूरा क्षेत्र डूब गया। देश के अग्निशमन विभाग ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, "भारी बारिश के चलते फैले कीचड़ से जेड माइनर्स (jade miners) दब गए।"

बचाव अभियान जारी है ऐसे में मौत की संख्या बढ़ सकती है। इस नुकसान की तस्वीर में मृत शरीर को उठाए जाने से पहले इन शवों को पानी पर बहते हुए देखा जा सकता है।

म्यांमार को दुनिया में जेड का प्रमुख स्रोत माना जाता है। हालांकि, इस उद्योग का ट्रैक रिकॉर्ड उपकरण विफलताओं और अन्य दुर्घटनाओं के इतिहास से जुड़ा हुआ है। पिछले साल, देश भर में खनन स्थलों पर लगभग 54 खनिकों ने अपनी जान गंवा दी थी। म्यांमार में कम वेतन वाले प्रवासियों श्रमिकों की स्थितियां जोखिम भरी हैं। मानसून के मौसम में जेड खदानें विशेष रूप से ख़तरनाक हो जाती हैं।

श्रम अधिकारों के लिए काम करने वाले कई संगठनों ने विन माइंट के नेतृत्व वाली म्यांमार सरकार की आलोचना की है जो जेड खनन के आसपास "आकर्षक व्यवसाय" को नियंत्रित करने में विफल रही है। स्थानीय श्रोतों के अनुसार, म्यांमार में जेड उद्योग को मुख्य रूप से सैन्य विशिष्ट वर्ग और निजी समूहों द्वारा नियंत्रित किया जाता है और ख़राब तरीक़े से नियंत्रित किया जाता है।

Myanmar
disaster
Jade mining
Kachin
Landslide
Mine workers' safety
Miners' deaths
Mining industry
Win Myint
Workers' safety

Related Stories

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में भूस्खलन स्थल से छह और शव बरामद, मृतक संख्या बढ़कर 23 हुई

महाराष्ट्र में भूस्खलन और बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 149 हुई

महाराष्ट्र : रायगढ़ जिले में भूस्खलन के कारण 30 लोगों की मौत

पुणे रासायनिक संयंत्र अग्निकांड : कंपनी के मालिक के ख़िलाफ़ ग़ैर-इरादतन हत्या का मुक़दमा दर्ज

आपदा के बाद मिले 3800 रुपये,  खेत में बचा दो बोरी धान

इंडोनेशिया में बाढ़-भूस्खलन से बिगड़े हालात, लोम्बोक द्वीप में भूकंप के झटके


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License