NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
लेबनान में महीनों से चलने वाला विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया
देश में राजनीतिक ताक़तें अब तक किसी भी विश्वसनीय तरीक़े से राजनीतिक प्रणाली में सुधार की मांगों पर प्रतिक्रिया देने में विफल रही हैं।
पीपल्स डिस्पैच
20 Jan 2020
Lebanon Protest

प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हसन दियाब द्वारा शुक्रवार को अपने मंत्रिमंडल के गठन की घोषणा करने में विफल रहने के बाद शनिवार 18 जनवरी को लेबनान में विरोध प्रदर्शनों का नया दौर शुरू हुआ। देश के अन्य हिस्सों से राजधानी बेरूत में जुटे प्रदर्शनकारियों ने संसद की ओर मार्च करने की कोशिश की और उन्हें रोकने की कोशिश करने पर वे पुलिस और आंतरिक सुरक्षा बलों (आईएसएफ) से भिड़ गए।

ये टकराव शनिवार को घंटों चला जिसमें क़रीब 400 लोग घायल हो गए। पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को भी गिरफ्तार किया। विरोध प्रदर्शनों के दूसरे दिन रविवार यानी 19 जनवरी को टकराव जारी रहा जिससे कुछ पुलिस कर्मी और दो पत्रकारों सहित अन्य 100 लोग घायल हो गए।

लगभग तीन महीने तक शांत रहने के बाद विरोध प्रदर्शन पहली बार पिछले हफ्ते हिंसक हो गया। इससे पहले सप्ताह में बैंक कार्यालयों के सामने और सेंट्रल बैंक के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया था। लोगों ने अमेरिकी डॉलर की निकासी पर बैंकों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का हिंसक रूप से विरोध किया जो कि लोगों द्वारा उनके दैनिक उपयोग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक वैकल्पिक मुद्रा है।

हसन दियाब को कार्यवाहक प्रधानमंत्री साद हरीरी की जगह लेने के लिए दिसंबर में लगभग एक महीने की बातचीत के बाद चुना गया था। हरीरी ने देश में आर्थिक संकट से निपटने में अपनी सरकार की विफलता और लोगों पर कुछ नए करों को लागू करने की योजना के विरोध में 29 अक्टूबर को इस्तीफ़ा दे दिया था।

लोग देश में सार्वजनिक सेवा वितरण और खराब आर्थिक स्थिति की समस्याओं के लिए व्यापक राजनीतिक भ्रष्टाचार और अक्षमता को जिम्मेदार ठहराते हैं और संसद में सांप्रदायिक कोटा प्रणाली में बदलाव सहित प्रणालीगत सुधार चाहते हैं और गृह युद्ध (1975-1990) के बाद लागू हुए कार्यकारिणी में सुधार चाहते हैं।

कैबिनेट के गठन की घोषणा करने में विफलता ने उन्हें और उन्हें समर्थन करने वाली राजनीतिक दलों के बीच आख़िरी समय में मतभेदों को ज़िम्मेदार ठहराया गया है। हसन दियाब का समर्थन करने वाली पार्टियों में से एक हिज़बुल्लाह ने एक तकनीकी लोकतांत्रिक कैबिनेट बनाने की उनकी योजना पर आपत्ति जताई थी।

राष्ट्रपति माइकल अउन ने मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए आज एक आपातकालीन सुरक्षा बैठक बुलाई है।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Lebanon Protest
Protests
Lebanon Protest violence
Hassan Diab
politics
Corruption

Related Stories

हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन

झारखंड: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी जन सत्याग्रह जारी, संकल्प दिवस में शामिल हुए राकेश टिकैत

सूडान में तख्तापलट के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन जारी, 3 महीने में 76 प्रदर्शनकारियों की मौत

अफ़ग़ानिस्तान में सिविल सोसाइटी और अधिकार समूहों ने प्रोफ़ेसर फ़ैज़ुल्ला जलाल की रिहाई की मांग की

जानिए: अस्पताल छोड़कर सड़कों पर क्यों उतर आए भारतीय डॉक्टर्स?

सूडान : 10 लाख से ज़्यादा नागरिक तख़्तापलट के विरोध में सड़कों पर आए

तमिलनाडु: दलदली या रिहायशी ज़मीन? बेथेल नगर के 4,000 परिवार बेदखली के साये में

भारत बंद को सफल बनाने के लिए हर वर्ग से समर्थन मिल रहा हैः सीपीआई (एम)

अपने भविष्य के लिए लड़ते ब्राज़ील के मूल निवासी

वेनेज़ुएला के ख़िलाफ़ अमेरिकी प्रतिबंधों को एक कांग्रेस प्रतिनिधि ने आड़े हाथों लिया


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License