NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
खेल
भारत
अंतरराष्ट्रीय
लेखरा दो पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं
निशानेबाज अवनि लेखरा ने टोक्यो खेलों की 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशन एसएच1 स्पर्धा का कांस्य पदक हासिल किया। वे इससे पहले 10 मीटर एयर राइफल स्टैडिंग एसएच1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं।
भाषा
03 Sep 2021
लेखरा दो पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं

टोक्यो: निशानेबाज अवनि लेखरा ने शुक्रवार को यहां टोक्यो खेलों की 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशन एसएच1 स्पर्धा का कांस्य पदक हासिल किया जिससे वह दो पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गयीं।

खेलों में पदार्पण करने वाली लेखरा इससे पहले 10 मीटर एयर राइफल स्टैडिंग एसएच1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। यह भारत का निशानेबाजी में भी पहला ही पदक था।

उन्नीस साल की लेखरा ने 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशन एसएच1 स्पर्धा में 1176 के स्कोर से दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल के लिये क्वालीफाई किया था जिसमें 51 ‘इनर 10’ (10 अंक के 51 निशाने) शामिल थे।

फाइनल काफी कड़ा मुकाबला रहा जिसमें लेखरा ने कुल 445.9 अंक का स्कोर बनाया और वह यूक्रेन की इरिना श्चेटनिक से आगे रहकर पदक हासिल करने में सफल रहीं। वहीं यूक्रेन की निशानेबाज एलिमिनेशन में खराब शॉट से पदक से चूक गयीं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह मुश्किल फाइनल था लेकिन मैं खुश हूं कि कांस्य पदक जीत सकी। मैं इससे भी बेहतर कर सकती थी। फाइनल का आप पर ऐसा ही असर होता है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘अपने पहले पैरालंपिक खेलों में दो पदक जीतने का अनुभव शानदार है। ये दोनों मेरी पसंदीदा स्पर्धायें हैं। मैं इन दोनों के लिये काफी महीनों से कड़ी मेहनत कर रही थी। मैंने अंतिम शॉट में अपना शत प्रतिशत दिया। ’’

अवनि ने अपने स्वर्ण पदक के जश्न का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ऐसी बहुत सारी चीजें हैं जिस पर मुझे काम करना है और मैं निश्चित रूप से अगली बार इससे भी बेहतर करूंगी। काफी ध्यान भटकाने वाली चीजें रहीं लेकिन मैंने अपना शत प्रतिशत दिया। ’’

जयपुर की निशानेबाज के 2012 में हुई कार दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी में चोट लग गयी थी, उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल स्टैडिंग एसएच1 स्पर्धा में 249.6 के विश्व रिकार्ड की बराबरी कर पैरालंपिक का नया रिकॉर्ड बनाया था।

उनसे पहले जोगिंदर सिंह सोढ़ी खेलों के एक ही चरण में कई पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे। उन्होंने 1984 पैरालंपिक में एक रजत और दो कांस्य पदक जीते थे। उनका रजत पदक गोला फेंक में जबकि दो कांस्य पदक चक्का फेंक और भाला फेंक में मिले थे।

भाला फेंक एथलीट देवेंद्र झाझरिया ने भी पैरालंपिक में तीन पदक (दो स्वर्ण और एक रजत) जीते हैं लेकिन उनके सभी पदक खेलों के विभिन्न चरण में मिले हैं।

शुक्रवार की स्पर्धा का स्वर्ण पदक चीन की झांग कुईपिंग ने 457.9 अंक से खेलों के नये रिकार्ड के साथ हासिल किया जबकि जर्मनी की नताशा हिल्ट्रोप ने 457.1 अंक से रजत पदक हासिल किया।

एचएच1 राइफल स्पर्धा में खिलाड़ियों के पैरों में विकार होता है जिसमें उनका पैर काटना पड़ा हो या फिर नीचे के अंग में पक्षाघात हो गया। कुछ खिलाड़ी बैठकर जबकि कुछ खड़े होकर हिस्सा लेते हैं।

लेखरा अब मिश्रित 50 मीटर राइफल प्रोन एसएच1 स्पर्धा में दीपक और सिद्धार्थ बाबू के साथ हिस्सा लेती हुई नजर आयेंगी।

लेखरा ने 2015 में अपने पिता के जोर देने पर निशानेबाजी शुरू की थी। वकालत की पढ़ाई कर रही लेखरा ने संयुक्त अरब अमीरात में 2017 विश्व कप में भारत के लिये पदार्पण किया था।

पुरूषों की 50 मीटर राइफल थ्री पी स्पर्धा में दीपक फाइनल के लिये क्वालीफाई करने में असफल रहे। वह 1114 के स्कोर से 18वें स्थान पर रहे।

लेखरा के कांस्य से भारत के पदकों की संख्या 12 हो गयी है।

देश ने अभी तक दो स्वर्ण, छह रजत और चार कांस्य पदक जीते हैं जो अभूतपूर्व और उल्लेखनीय प्रदर्शन है क्योंकि इससे पहले भारत ने पिछले सभी खेलों में मिलाकर 12 पदक जीते थे।

Avani Lekhara
Paralympics
Tokyo Paralympics

Related Stories

प्रवीण कुमार ने पैरालंपिक की टी64 ऊंची कूद में रजत पदक जीता

पैरालंपिक में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी निशानेबाज अवनि लेखरा


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License