NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
लीबिया की अंतरिम सरकार ने तुर्की को देश से अपनी सेना वापस लेने के लिए कहा
संयुक्त राष्ट्र ने देश में शांति स्थापित करने के लिए लीबिया से सभी विदेशी सैनिकों को वापस लेने की आवश्यकता को रेखांकित किया था।
पीपल्स डिस्पैच
04 May 2021
लीबिया की अंतरिम सरकार ने तुर्की को देश से अपनी सेना वापस लेने के लिए कहा

लीबिया की अंतरिम सरकार में विदेश मंत्री नजला अल-मनकूश ने सोमवार 3 मई को मांग की कि देश से सभी तुर्की लड़ाकों को वापस ले लिया जाए। उन्होंने तुर्की से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को लागू करने का आग्रह किया जिसमें देश से सभी विदेशी सैनिकों के स्वदेश भेजने के लिए कहा गया था।

वह त्रिपोली में तुर्की के अपने समकक्ष मेवलुत कैवुसोग्लू के साथ बैठक के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। कैवुसोग्लू तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकर के साथ लीबिया की यात्रा पर थें। उन्होंने लीबिया में तुर्की की सेनाओं की तैनाती का बचाव करते हुए कहा कि यह पिछले गवर्नमेंट ऑफ नेशनल अकॉर्ड (जीएनए) द्वारा हस्ताक्षरित एक समझौते का एक हिस्सा था।

तुर्की ने सीरिया के राष्ट्रीय सेना के हजारों लड़ाकों को तैनात किया था जो पिछले साल लीबिया में अपने कुछ सैनिकों के साथ सीरियाई सरकार के खिलाफ लड़ने वाला एक विरोधी समूह था। ये तैनाती दिसंबर 2019 में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन और फ़ैज़ अल-सरराज के नेतृत्व वाले जीएनए के बीच हस्ताक्षरित समझौते एक हिस्सा था।

खलीफा हफ्तार के नेतृत्व वाले लीबियन नेशनल आर्मी द्वारा आक्रामकता के बाद जीएनए कैपिटल त्रिपोली को लेकर संभावित खतरे का सामना कर रहा था। तुर्की की तैनाती और सैन्य आपूर्ति के कारण जीएनए राजधानी की रक्षा करने में सक्षम था और यहां तक कि हफ़्तार की सेनाओं द्वारा नियंत्रित कुछ क्षेत्रों को भी वापस ले लिया।

यूनाइटेड नेशन सपोर्ट मिशन इन लीबिया (यूएनएसएमएल) द्वारा समर्थित राजनीतिक वार्ता में शुरुआती दौर की सफलता के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पिछले साल सितंबर में प्रस्ताव संख्या 2542 पारित किया जिसमें सभी विदेशी सैनिकों को देश से वापस जाने के लिए कहा गया था। इसने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को लीबिया के मामलों में सैन्य हस्तक्षेप न करने के लिए भी कहा।

लीबिया में राजनीतिक वार्ता के बाद से अब्देलहमीद द्बेबाह की अगुवाई में एक ट्रांजिशनल सरकार का गठन हुआ और सभी प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक केंद्रों को भंग कर दिया गया। अंतरिम सरकार को दिसंबर 2021 में राष्ट्रीय चुनाव के लिए तैयारी करने का काम सौंपा गया है और देश में शांति प्राप्त करने के लिए देश से विदेशी सैनिकों को हटाना महत्वपूर्ण माना जाता है जिन्हें 2011 में नाटो के देश में आक्रमण के बाद से विभिन्न शक्ति के केंद्रों में विभाजित किया गया है।

सुरक्षा परिषद में प्रस्तुत अनुमान के अनुसार लीबिया में लगभग 20,000 विदेशी लड़ाके हैं जिनमें से अधिकांश तुर्की द्वारा तैनात सीरियाई सैनिक हैं।

libya
Turkey
United nations

Related Stories

जलवायु परिवर्तन : हम मुनाफ़े के लिए ज़िंदगी कुर्बान कर रहे हैं

अफ़्रीकी देश अपनी मुद्रायें यूरोप से क्यों छपवाते हैं

क्या यूक्रेन मामले में CSTO की एंट्री कराएगा रूस? क्या हैं संभावनाएँ?

पुतिन को ‘दुष्ट' ठहराने के पश्चिमी दुराग्रह से किसी का भला नहीं होगा

रूस-यूक्रेन युद्ध अपडेट: संयुक्त राष्ट्र ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इसे यूरोप का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट बताया 

यह वक्त रूसी सैन्य गठबंधन को गंभीरता से लेने का क्यों है?

क्या अमेरिका और यूरोप के करीब आ रहा है तुर्की?

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार

मानवाधिकार संगठनों ने कश्मीरी एक्टिविस्ट ख़ुर्रम परवेज़ की तत्काल रिहाई की मांग की

वे उन्हें मार रहे हैं : असांज की 'स्लो डेथ' खसोगी की याद दिलाती है


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License