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राजनीति
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लीबिया की संसद ने अंतरिम यूनिटी सरकार को मंज़ूरी दी
प्रधानमंत्री अब्दुल हमीद दबीबा के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार 24 दिसंबर तक चुनाव होने तक सत्ता संभालेगी। संयुक्त राष्ट्र की शांति प्रक्रिया के परिणामस्वरूप इसमें सफलता मिली।
पीपल्स डिस्पैच
11 Mar 2021
Abdul Hamid Dbeibeh

लीबिया की संसद ने बुधवार 10 मार्च को केंद्रीय लीबिया के सिरते शहर में दो दिनों की बहस के बाद प्रधानमंत्री अब्दुल हमीद दबीबा के नेतृत्व वाली देश की अंतरिम यूनिटी सरकार के पक्ष में मतदान किया। लीबिया के प्रतिनिधि सभा के 132 सदस्यों में से 121 सदस्यों ने इस ट्रांजिशनल सरकार के पक्ष में मतदान किया। स्विट्जरलैंड के जेनेवा में पिछले महीने देश के विभिन्न युद्धरत पक्षों और राजनीतिक गुटों के बीच लीबिया की शांति वार्ता के दौरान इस यूनिटी सरकार को लेकर सहमति बनी थी।

सरकार के पास अब इस वर्ष 24 दिसंबर के दिन चुनावों होने तक देश को संचालित करने की जिम्मेदारी है। लीबिया पॉलिटिकल डायलॉग फॉरम (एलपीडीएफ) की वार्ता के दौरान देश के विभिन्न पक्षों द्वारा अन्य महत्वपूर्ण समझौते हुए। ये अंतरिम सरकार उन दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वी सरकारों की जगह ले लेगी जो गृहयुद्ध के दौरान देश के कुछ हिस्सों में शासन कर रही थी और इन पक्षों द्वारा एलडीपीएफ समझौता होने से पहले शासन कर रही थी। पूर्व-आधारित हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव विद्रोही लीबिया के सेनापति जनरल खलीफा हफ़र द्वारा समर्थन प्राप्त था जबकि पश्चिमी लीबिया में राजधानी त्रिपोली में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त गवर्नमेंट ऑफ नेशनल अकॉर्ड (जीएनए) का नियंत्रण था।

इस बीच सरकार को देश में वर्तमान में प्रभावित करने वाले अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटना होगा। इन मुद्दों में उच्च बेरोजगारी, घटिया सार्वजनिक सेवाओं और देश में अस्थिर व तेजी से बिगड़ती आर्थिक स्थिति से निपटने के लिए अन्य जरूरी चीजों से भी निपटना होगा।

अपनी सरकार को मान्यता मिलने के बाद अंतरिम पीएम दबीबा ने इस फैसले का स्वागत करते हुए एक बयान में कहा, "इस वोट के जरिए यह स्पष्ट हो गया कि लीबियावासी एक हैं।" उन्होंने लीबियाई लोगों से "अपने दिलों को एक दूसरे को खोलने और दुश्मनी को भूल जाने का आग्रह किया।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे लीबिया में मौजूद 20,000 से अधिक विदेशी सैनिकों और लड़ाके को बाहर करने की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र और इन सैनिकों के देशों के साथ संपर्क करेंगे और उन्हें वापस बुलाने की मांग करेंगे।

लीबिया में 2011 के नाटो के नेतृत्व वाले आक्रमण के बाद से अराजकता फैल गई और युद्ध छिड़ गया जिससे देश विभिन्न हिस्सों में बंट गया। नाटो के नेतृत्व वाले हमले ने लीबिया के पूर्व नेता मुअम्मर गद्दाफी की सरकार को उखाड़ फेंका था। ये अंतरिम सरकार युद्ध की समाप्ति और पुनर्निर्माण की उम्मीदों को बढ़ाती है।

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