NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
पर्यावरण
भारत
असम के बाघजान में गैस रिसाव के कारण हुआ 25 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान: रिपोर्ट
असम के तिनसुकिया जिले में पिछले साल आयल इंडिया लिमिटेड के बाघजान स्थित तेल के कुएं से गैस का रिसाव होने से लगभग 25 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और क्षेत्र की 55 प्रतिशत जैव विविधता नष्ट हो गई।  
भाषा
10 Jun 2021
असम के बाघजान में गैस रिसाव के कारण हुआ 25 हजार करोड़ रुपये का नुकसान: रिपोर्ट

गुवाहाटी: असम के तिनसुकिया जिले में पिछले साल आयल इंडिया लिमिटेड के बाघजान स्थित तेल के कुएं से गैस का रिसाव होने से लगभग 25 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और क्षेत्र की 55 प्रतिशत जैव विविधता नष्ट हो गई।

एक वरिष्ठ वन अधिकारी द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी सामने आई। अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन एम के यादव द्वारा तैयार की रिपोर्ट ‘इकोलॉजी एंड इकॉनमी: लेसन्स लर्न्ट फ्रॉम बाघजान ब्लो आउट’ में बताया गया है कि इस हादसे में 41 ‘जेनेरा’ (पशु समूह) के 25,825 जानवर मारे गए।

इसके अलावा एक ‘गंजेटिक डॉल्फिन’ और दो हुलॉक गिबन (वानरों की एक प्रजाति) समेत वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम में सूचीबद्ध 91 जानवरों की मौत हो गई। रिपोर्ट के अनुसार हादसे में हुए नुकसान का आकलन करने पर यह 25,050.61 करोड़ रुपये होता है जिसका पता आने वाले 10 सालों में चल सकता है।

पिछले साल मई में यहां बाघजान में कुआं संख्या पांच से गैस का रिसाव हुआ था और नौ जून को इसमें विस्फोट हुआ था। अंततः 15 नवंबर को कुएं को बंद करने करने सफलता मिली थी। इस घटना में तीन लोगों की जान चली गई थी।

रिपोर्ट के अनुसार 13.85 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में तेल फैल गया था जिसमें से 7.97 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र लगभग पूरी तरह से जल गया था और 1.02 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र आंशिक रूप से प्रभावित हुआ था। आयल इंडिया लिमिटेड के त्रिदीप हजारिका ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कंपनी रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है और इसके बाद प्रतिक्रिया देगी।

पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने पिछले साल जून में यादव को हादसे के प्रभाव पर रिपोर्ट तैयार करने का कार्य सौंपा था।

Assam
Oil India Limited
Baghjan

Related Stories

तेल एवं प्राकृतिक गैस की निकासी ‘खनन’ नहीं : वन्यजीव संरक्षण पैनल

बाघजान: तेल के कुंए में आग के साल भर बाद भी मुआवज़ा न मिलने से तनाव गहराया 

असम में बिजली गिरने से 18 जंगली हाथियों की मौत, पोस्टमार्टम में हुई पुष्टि

क्या मोदी सरकार ने तेल निकालने के लिए असम में पर्यावरण संबंधी मंजूरी देकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन किया है?


बाकी खबरें

  • राजु कुमार
    मध्यप्रदेश: गौकशी के नाम पर आदिवासियों की हत्या का विरोध, पूरी तरह बंद रहा सिवनी
    09 May 2022
    सिवनी की घटना से मध्यप्रदेश का पूरा आदिवासी क्षेत्र आक्रोशित है। आज कई आदिवासी संगठनों ने संयुक्त रूप से सिवनी बंद का आह्वान किया था, जो पूरी तरह सफल रहा। सिवनी से लगे गांवों के आदिवासी भी इस बंद में…
  • भाषा
    श्रीलंका में कर्फ्यू, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफ़ा दिया
    09 May 2022
    श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा सोमवार को पूरे देश में कर्फ्यू लगाये जाने के बीच प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे: कोर्ट कमिश्नर बदलने के मामले में मंगलवार को फ़ैसला
    09 May 2022
    वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने कहा है कि सर्वे की टीम के कमिश्नर को बदलने की मांग वाली याचिका पर फ़ैसला मंगलवार को सुनाया जाएगा।
  • प्रभात पटनायक
    युद्ध, खाद्यान्न और औपनिवेशीकरण
    09 May 2022
    दुनियाभर के गेहूं के कुल निर्यात में 30 फीसद हिस्सा रूस और यूक्रेन मिलकर मुहैया कराते हैं। विशेष रूप से अफ्रीका के अनेक देश उनकी खाद्यान्न आपूर्ति पर ही ज्यादातर निर्भर हैं।
  • असद रिज़वी
    यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन
    09 May 2022
    यूपी पुलिस पर नागरिक समाज का आरोप है कि वह अपराधियों से अधिक, पीड़ित और उसके परिवार पर खामोश रहने के लिए दबाव बना रही है। “धमकाना , वसूली, झूठे मुकदमों में फंसा देने की धमकी जैसे अब आम बात हो गई है।”
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License