NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
लखनऊ होर्डिंग्स मामला: सरकार से सवाल पूछना अपराध, दो कांग्रेस नेता गिरफ़्तार!
प्रदेश सरकार जहां तमाम फज़ीहत के बाद भी सीएए हिंसा के कथित आरोपियों के पोस्टर हटाने को तैयार नहीं है वहीं इसके पलटवार में विपक्षी दलों द्वारा लगाए पोस्टर्स को न सिर्फ पुलिस ने खुद हटाया है बल्कि इस मामले में गिरफ्तारी भी कर रही है।
सोनिया यादव
16 Mar 2020
UP hoarding

उत्तर प्रदेश में सरकार और विपक्ष पोस्टर वॉर के चलते एक बार फिर आमने सामने हैं। प्रदेश सरकार जहां तमाम फज़ीहतों के बाद भी सीएए हिंसा के कथित आरोपियों के पोस्टर हटाने को तैयार नहीं है वहीं इसके पलटवार में विपक्षी दलों द्वारा लगाए पोस्टर्स को न सिर्फ पुलिस ने खुद हटाया है बल्कि इस मामले में दो कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी भी हुई है।

आज, 16 मार्च को इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में फिर सुनवाई होनी थी। लेकिन वकीलों की हड़ताल के चलते किसी मामले की सुनवाई नहीं हुई।

गिरफ़्तार कांग्रेस नेताओं की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं ने रविवार, 15 मार्च को लखनऊ स्थित जीपीओ गांधी प्रतिमा पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, साथ ही सरकार पर तानाशाही होने के आरोप भी लगाए।

IMG-20200316-WA0013.jpg

कांग्रेस प्रवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता सदफ ज़फर ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, ‘इन लड़कों को पुलिस ने न सिर्फ गिरफ़्तार किया है बल्कि रातभर हज़रतगंज थाने में इनके साथ मार-पीट भी की गई है। आखिर इनका अपराध क्या है, सिर्फ सरकार से सवाल पूछना। हम लोगों के खिलाफ फिलहाल पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के खिलाफ तो तमाम मुकदमों के सबूत हैं, चार्जशीट है फिर आखिर इन लोगों से वसूली का सवाल गलत क्यों हैं। जब सरकार सब के बराबरी की बात करती है और कहती है कि कोई बख्शा नहीं जाएगा तो फिर बीजेपी के नेताओं को क्यों बख्शा जा रहा है?’

सदफ ने कांग्रेस नेताओं की रात में हुई गिरफ्तारी पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि अगर पुलिस को कार्रवाई ही करनी थी तो दिन में क्यों नहीं गिरफ़्तार किया। रात को गिरफ़्तार कर पीटने का क्या मतलब है।

क्या है पूरा मामला?

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लगे होर्डिंग्स पिछले कई दिनों से चर्चा में हैं। पहले पुलिस-प्रशासन की तरफ़ से सीएए विरोधी आंदोलन में शामिल प्रदर्शकारियों को हिंसा का आरोपी बताते हुए नुकसान की भरपाई के लिए जगह-जगह बड़े बड़े होर्डिंग-पोस्टर लगा दिए गए। इस पर आपत्ति के बाद भी इन्हें नहीं हटाया गया। इसके बाद जैसे को तैसा जवाब देते हुए यह पोस्टर वार शुरू हो गई।

शनिवार, 14 मार्च को लखनऊ की सड़कों पर और भाजपा कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगा दिखाई दिया। पोस्टर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के साथ कई केंद्रीय मंत्रियों की फोटो हैं, साथ ही चुनावी हलफनामे के दौरान मुकदमों की जानकारी के साथ लिखा है इन दंगाइयों से वसूली कब? पोस्टर के नीचे निवेदक सुधांशु वाजपेयी, लालू कन्नौजिया भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भी लिखा था।

पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

इन पोस्टरों को देखते ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कांग्रेस नेताओं पर एफआईआर दर्ज करते हुए सुधांशु वाजपेयी और अश्विनी यादव की  गिरफ़्तार कर लिया। इस सिलसिले में दर्ज एफआईआर में पुलिस ने सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया है। साथ ही 505 (1) बी, प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ बुक एक्ट 1967 की धारा 12/3 तथा सार्वजनिक संपत्ति के नुक़सान की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

कांग्रेस प्रवक्ता अनूप पटेल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारे युवा नेताओं ने योगी आदित्य नाथ और दूसरे प्रमुख नेताओं के अपराधों के पोस्टर इसलिए लगाए है क्योंकि योगी सरकार ने सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में शामिल लोगों के पोस्टर सड़कों पर सरेआम लगाकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की है।

IMG-20200316-WA0014.jpg

IMG-20200316-WA0015.jpg

इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आईपी सिंह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री  स्वामी चिन्मयानंद और बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का पोस्टर ठीक उन होर्डिंग के बगल में लगाया गया था जिनमें सीएए विरोधी आंदोलनकारियों के फ़ोटो और नाम पता के साथ दर्ज थे। सपा नेता के पोस्टर पर पर लिखा था ‘‘बेटियां रहें सावधान, सुरक्षित रहे हिन्दुस्तान’’। साथ ही लोगों को अपनी बेटियों को इन बलात्कारियों से बचाने की सलाह दी गयी थी।

उन्होंने कहा, '' जब प्रदर्शनकारियों की कोई निजता नहीं है और उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी योगी सरकार होर्डिंग नहीं हटा रही है तो ये लीजिए फिर। लोहिया चौराहे पर मैंने भी अदालत द्वारा नामित कुछ अपराधियों के पोस्टर जनहित में जारी कर दिए हैं, इनसे बेटियां सावधान रहें।''

सिंह ने एक अन्य ट्वीट में कहा '' पूरे देश से मिले समर्थन के लिए मैं आप सभी का धन्यवाद देता हूं। मेरा इरादा सिर्फ सस्ती लोकप्रियता के लालच में अंधी हो चुकी सरकार को जगाने का था। हमारी प्राथमिकता किसान की समस्या होनी चाहिए, महिला सुरक्षा होनी चाहिए, युवाओं का रोजगार होना चाहिए, देश को स्टेट्समैन की जरूरत है।'’

इलाहाबाद हाईकोर्ट का सख्त आदेश

गौरतलब है कि 9 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश प्रशासन को कड़ी फटकार लगाते हुए सभी होर्डिंग्स 16 मार्च से पहले हटाने का निर्देश दिया था। लेकिन हाईकोर्ट के इस फैसले को उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और अब सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच के पास ये मामला है। हालांकि 12 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने CAA हिंसा के कथित आरोपियों के पोस्टर लगाने के यूपी सरकार के फैसले पर हैरानी व्यक्त की थी। कोर्ट ने कहा था कि अभी तक ऐसा कोई कानून नहीं है, जिसके तहत उपद्रव के कथित आरोपियों की तस्‍वीरें होर्डिंग में लगाई जाएं।

दिलचस्प बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के एक दिन बाद ही योगी सरकार ने अध्यादेश जारी कर नया क़ानून बना दिया। यूपी रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रापर्टी आर्डिनेंस 2020 के नाम से पारित किए गए इस क़ानून में सार्वजनिक संपत्तियों के नुक़सान के एवज़ में सरकार को आरोपियों से वसूली का अधिकार मिल जाता है।

आज, 16 मार्च को इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में फिर सुनवाई होनी थी। और पुलिस-प्रशासन को अपना जवाब देना था। लेकिन वकीलों की हड़ताल के चलते किसी मामले की सुनवाई नहीं हुई।

अध्यादेश के बारे में प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मीडिया से कहा कि पता नहीं क्यों मुख्यमंत्री ख़ुद को न्यायालय से ऊपर समझते हैं। उन्हें इस बात का भ्रम है कि वह राजनीति और अदालत दोनों के हिस्से हो सकते हैं। हम देख रहे हैं कि वह लगातार अपनी ज़िद पर अड़े हुए हैं। वह गैर संवैधानिक चीजों को करना चाहते हैं। जिन पर अदालतों ने रोक लगा रखी है। लेकिन वह इन अध्यादेशों के ज़रिये इसको लागू करना चाहते हैं।

Sadaf Jafar
UP police
UP hoardings
UttarPradesh
Yogi Adityanath
BJP
Congress
SP
Lucknow Hoardings
Allahabad High Court
Supreme Court

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    विश्व आर्थिक मंच पर पेश की गई ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के दौर में फूड फ़ार्मा ऑयल और टेक्नोलॉजी कंपनियों ने जमकर कमाई की।
  • परमजीत सिंह जज
    ‘आप’ के मंत्री को बर्ख़ास्त करने से पंजाब में मचा हड़कंप
    26 May 2022
    पंजाब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती पंजाब की गिरती अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करना है, और भ्रष्टाचार की बड़ी मछलियों को पकड़ना अभी बाक़ी है, लेकिन पार्टी के ताज़ा क़दम ने सनसनी मचा दी है।
  • virus
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या मंकी पॉक्स का इलाज संभव है?
    25 May 2022
    अफ्रीका के बाद यूरोपीय देशों में इन दिनों मंकी पॉक्स का फैलना जारी है, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में मामले मिलने के बाद कई देशों की सरकार अलर्ट हो गई है। वहीं भारत की सरकार ने भी सख्ती बरतनी शुरु कर दी है…
  • भाषा
    आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रक़ैद
    25 May 2022
    विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    "हसदेव अरण्य स्थानीय मुद्दा नहीं, बल्कि आदिवासियों के अस्तित्व का सवाल"
    25 May 2022
    हसदेव अरण्य के आदिवासी अपने जंगल, जीवन, आजीविका और पहचान को बचाने के लिए एक दशक से कर रहे हैं सघंर्ष, दिल्ली में हुई प्रेस वार्ता।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License