NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अब उप राज्यपाल होंगे दिल्ली के प्रमुख शासक !
अब दिल्ली की निर्वाचित सरकार को कार्यकारी फैसले लेने के लिए उपराज्यपाल से राय लेनी होगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) अधिनियम, 2021 को अधिसूचित कर दिया है और यह मंगलवार रात से प्रभावी हो गया है।
भाषा
28 Apr 2021
/MHA-notifies-controversial-law-LG%20Effectively-in-Charge-delhi

नयी दिल्ली:केंद्र द्वारा नए कानून को अधिसूचित किए जाने के साथ ही उप राज्यपाल राष्ट्रीय राजधानी के मुख्य प्रशासक बन गए हैं। इसके साथ ही अब स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली की निर्वाचित सरकार को कार्यकारी फैसले लेने के लिए उपराज्यपाल से राय लेनी होगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) अधिनियम, 2021 को अधिसूचित कर दिया है और यह मंगलवार रात से प्रभावी हो गया है। इस कानून को ऐसे समय लागू किया गया है जब दिल्ली कोविड-19 महामारी से जूझ रही है और स्वास्थ्य प्रणाली ढहने की कगार पर है।

गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक कानून के प्रावधान 27 अप्रैल से प्रभावी हो गए हैं।

दिल्ली के तीन अहम विषय - कानून व्यवस्था, पुलिस और भूमि- पहले ही केंद्र सरकार के अधीन थे जबकि स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, वन और परिवहन दिल्ली के निर्वाचित सरकार के अधीन थे।

केंद्रीय गृहमंत्रालय की अधिसूचना ने कानून के तहत केंद्र सरकार द्वारा नामित उपराज्यपाल की प्रधानता स्थापित की गई है। दिल्ली सरकार को अब किसी भी विषय पर कदम उठाने से पहले उप राज्यपाल की अनुमति लेनी होगी।

कानून के मुताबिक दिल्ली की ‘सरकार’ का अभिप्राय ‘उपराज्यपाल’ है।

गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव गोविंद मोहन के हस्ताक्षर के साथ जारी अधिसूचना में कहा गया, ‘‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) अधिनियम, 2021 (2021 का 15) की धारा एक की उपधारा -2 में निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार 27 अप्रैल 2021 से अधिनियम के प्रावधानों को लागू करती है।’’

इस कानून को ऐसे समय अधिसूचित किया है जब केंद्र और अरविंद केजरीवाल नीत सरकार महामारी से निपटने के मुद्दे पर लोगों की नजर में है और ऑक्सीजन, अस्पतालों में बिस्तर और आवश्यक दवाओं की कमी है।

मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड-19 मरीजों के लिए जरूरी ऑक्सीजन और अहम दवाइयों की कालाबाजारी रोकने में आप सरकार की काथित ‘नाकामी’ पर फटकार लगाई थी। अदालत ने कहा कि अगर राज्य सरकार हालात को नहीं संभाल सकती तो केंद्र से कहेंगे कि वह गैस भरने वाले संयंत्र को अपने कब्जे में ले लेकिन लोगों को इस तरह से मरने नहीं दे सकते।


उल्लेखनीय है कि संसद ने इस कानून को पिछले महीने पारित किया था। लोकसभा ने 22 मार्च को और राज्यसभा ने 24 मार्च- को इसको मंजूरी दी थी।

जब इस विधेयक को संसद ने पारित किया था तब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे ‘‘भारतीय लोकतंत्र के लिए दुखद दिन’ करार दिया था।

कानून के कारणों के बारे में बताते हुए कहा, ‘‘यह विधेयक विधायिका और कार्यपालिका के बीच सौहार्द्रपूण संबंधों को प्रोत्साहित करेगा, चुनी हुई सरकार और उपाराज्यपाल की जिम्मेदारी को दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार की संवैधानिक योजना एवं उच्चतम न्यायालय की व्याख्या के अनुरूप परिभाषित करेगा।’’

कानून में कहा गया, ‘‘जब विधेयक विधानसभा में पारित किया जाना हो तो उसे उप राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए और उपराज्यपाल घोषित करेंगे कि वह उस विधेयक पर सहमत हैं या सहमति लंबित रखेंगे या विधेयक को राष्ट्रपति के विचाराधीन रखेंगे।’’

उल्लेखनीय है कि दिल्ली के उप राज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच शक्ति को लेकर हुई रस्साकशी पर जुलाई 2018 में आए उच्चतम न्यायालय के फैसले के दौरान भी केंद्र ने कहा था कि शक्ति उपराज्यपाल में निहित है।

केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने जब संसद में संसोधन विधेयक पेश किया तो उन्होंने कहा कि इससे दिल्ली एनसीटी की सरकार में पारदर्शिता एवं स्पष्टता आएगी और जवाबदेही तय होगी।

मंत्री ने कहा कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है और उसे पूरी शक्ति नहीं है जबकि कार्यकारी अधिकार के मामले में दिल्ली के उप राज्यपाल के अधिकार राज्यों के राज्यपाल से अलग है।

 

Image removed.

ReplyForward

 

MHA
Delhi
LG
home ministry
NCT Delhi Act
Delhi LG
AAP
Arvind Kejriwal
COVID-19
Supreme Court

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    महाशय, आपके पास क्या मेरे लिए कोई काम है?
    05 May 2022
    वैज्ञानिक समाजवाद के प्रणेता, साम्यवाद के सिद्धांतकार कार्ल मार्क्स की आज जयंती है। उन्होंने हमें सिर्फ़ कम्युनिस्ट घोषणापत्र और दास कैपिटल जैसी किताब ही नहीं दी बल्कि कुछ ऐसी कविताएं भी दी हैं, जो…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में एक्टिव मामलों की संख्या 20 हज़ार के क़रीब पहुंची 
    05 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,275 नए मामले सामने आए हैं | देश में अब एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 19 हज़ार 719 हो गयी है।
  • Bharat Ek Mauj
    न्यूज़क्लिक टीम
    भारत एक मौज: बॉलीवुड जनता की हिंदी पार्टी
    05 May 2022
    भारत एक मौज के इस एपिसोड में आज संजय सवाल उठा रहे हैं कि देश में जनता के मुद्दों को उठाने के बजाए हमेशा ध्यान भटकाने वाले मुद्दे ही क्यों उठाए जाते हैं।
  • VOILENCE
    रवि शंकर दुबे
    चुनावी राज्यों में क्रमवार दंगे... संयोग या प्रयोग!
    05 May 2022
    ईद वाले दिन राजस्थान में हुई हिंसा ये बताने के लिए काफी है कि आगे आने वाले चुनावों में मुद्दे क्या होंगे। इतना तो तय है कि विकास की बात भूल जाइए।
  • urmilesh
    न्यूज़क्लिक टीम
    प्रेस फ्रीडम सूचकांक में भारत 150वे स्थान पर क्यों पहुंचा
    04 May 2022
    रिपोर्टर्स विदाउट बार्डर्स के वैश्विक प्रेस फ्रीडम सूचकांक में इस बार भारत पिछले साल के मुकाबले आठ अंक और नीचे गिरा और 180 देशो की सूची में 150 वे पर आ गया. पिछले दिनो भारत डेमोक्रेसी के वैश्विक…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License