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मध्यप्रदेश बस हादसा: 'हादसे का शिकार हुई मासूम ज़िंदगियों को निजीकरण और मुनाफ़े की हवस ने निगला'
माकपा ने कहा है कि प्रदेश की सरकार पूरी तरह से माफियाओं के शिकंजे में है। राज्य सड़क परिवहन निगम के निजीकरण के बाद सड़कों पर दौडने वाली 90 प्रतिशत बसों के मालिक भाजपा नेता हैं। इसलिए बसों की फिटनेंस तक की भी अनदेखी होती है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
17 Feb 2021
Bus accident
चित्र साभार: द इंडियन एक्स्प्रेस

भोपाल/सीधी (मप्र): मध्यप्रदेश में सीधी जिले के रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र में हुए बस हादसे के एक दिन बाद बुधवार सुबह छह माह की एक बच्ची सहित चार और शव बरामद होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 51 हो गई है। यात्रियों से खचाखच भरी एक बस के नहर में गिर जाने के हादसे में मंगलवार रात तक 21 महिलाओं सहित 47 लोगों के शव बरामद कर लिए गए थे।

वाम दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) ने इस हादसे के लिए  निजीकरण जिम्मेदार बतया है। उन्होंने कहा हादसे का शिकार हुई मासूम जिंदगियों को निजीकरण और मुनाफे की हवस ने निगला है। बात-बात पर बयानबाजी करने वाले मुख्यमंत्री भी इस हादसे पर खामोश हैं, क्योंकि इन मौतों के असली हत्यारों का पता लगाने की कोशिश की जायेगी तो सरकार के अपने चहेते ही बेनकाब हो जायेंगे।

सीधी के जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मंगलवार देर रात को बंद किया गया बचाव अभियान बुधवार सुबह फिर शुरू किया गया और हमने चार और शव इस नहर से बरामद किये हैं। यह नहर बाणसागर बांध परियोजना का एक हिस्सा है।’’ उन्होंने कहा कि तीन और लोगों के लापता होने की आशंका है और उन्हें ढूंढने के प्रयास जारी हैं।

इसी बीच, रामपुर नैकिन पुलिस थाने के प्रभारी अशोक पांडे ने बताया कि हादसे के बाद ये चारों लोग नहर की तेज धारा में बह गये थे। इनमें से तीन शव दुर्घटनास्थल से करीब 10 किलोमीटर दूर रीवा जिले के गोविन्दगढ़ पुलिस थाना इलाके से नहर के एक हिस्से में मिले, जबकि एक शव घटना स्थल से करीब छह किलोमीटर दूर सीधी जिले में ही नहर में मिला।’’ उन्होंने कहा कि इन चार शवों में एक छह महीने की बच्ची भी शामिल है।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने भोपाल में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं आज (बुधवार) सीधी जा रहा हूं। ये अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। ऐसे समय मैं बैठा नहीं रह सकता। मैं उन परिवारों से भेंट करूंगा और जानकारियां लूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जो बेटे-बेटी, भाई-बहन चले गये हैं उन्हें हम वापस तो नहीं ला सकते, लेकिन परिवारों की जिंदगी कैसे आसान बने, इसकी कोशिश करेंगे।’’ चौहान ने कहा, ‘‘इस घटना के मूल में भी मैं जाने की कोशिश करूंगा। अभी तो मैं वहां जाकर परिस्थितियां देखूंगा।’’ अधिकारियों ने बताया कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) एवं पांच जिलों के स्थानीय प्रशासन के करीब 600 कर्मचारी मंगलवार सुबह से राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।

यह हादसा सीधी जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर पटना गांव में मंगलवार सुबह करीब साढ़े सात बजे हुआ। हादसे के वक्त बस सीधी से सतना जा रही थी और नहर में करीब 25 फुट गहरा पानी था।

माकपा के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि छुईया घाटी पर पिछले सात दिन से रोड जाम था। जाम की वजह सीमेंट कारखाने के ओवरलोडेड ट्रकों और ट्रालों से सड़क को बुरी तरह गड्डों में तबदील कर देना था। यह सीमेंट कारखाना उसी जेपी का है, जिसके डंपर कांड में मुख्यमंत्री और उनके परिजनों के नाम जुड़ चुके हैं। छुईया घाटी के जाम के कारण ही बसों को नहर के किनारे की सकरी और उबडख़ाबड़ सड़क से निकलना पड़ रहा था।

जसविंदर सिंह ने कहा है कि गैर कानूनी तरीके से रोकी गई सड़क और रायल्टी बचाने के लिए ओवरलोडेड ट्रकों और डंपरों की जांच कर ही असली मुजरिमों को बेनकाब किया जा सकता है। मगर इनसे ध्यान हटाने की कोशिश हो रही है। क्योंकि यह सब राजनीतिक संरक्षण में हो रहा था। मुख्यमंत्री से लेकर कोई भी मंत्री इस हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने को तैयार नहीं है।

माकपा ने कहा है कि प्रदेश की सरकार पूरी तरह से माफियाओं के शिकंजे में है। राज्य सड़क परिवहन निगम के निजीकरण के बाद सड़कों पर दौडऩे वाली 90 प्रतिशत बसों के मालिक भाजपा नेता हैं। इसलिए बसों की फिटनेंस तक की भी अनदेखी होती है।

जसविंदर सिंह ने कहा है कि इस हादसे की जांच कर अपराधियों को सजा दिलाने के साथ ही प्रदेश सरकार को इस हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। माकपा ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए परिजनों को बीस बीस लाख रुपए मुआवजा और एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने तथा घायलों के मुफ्त उपचार के साथ ही पांंच-पांच लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

Bus Accident
Madhya Pradesh
CPIM

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